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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर से साफ किया है कि, भारत में बिना ड्राइवर के चलने वाली यानी कि ड्राइवरलेस (Driverless) या ऑटोनॉमस (Autonomous) कारों को लॉन्च नहीं किया जाएगा. IIM नागपुर द्वारा आयोजित 'जीरो माइल' कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, "जब तक मैं मंत्री हूं, भारत में ड्राइवरलेस कारों को लॉन्च करने की अनुमति नहीं मिलेगी."
कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में बदलावों पर जोर दिया, जैसे कारों में छह एयरबैग शामिल करना, सड़कों पर ब्लैक स्पॉट कम करना और मोटर व्हीकल अधिनियम के माध्यम से जुर्माना बढ़ाना इत्यादि. उन्होनें कहा कि, "हमने मोटर व्हीकल अधिनियम के माध्यम से जुर्माना बढ़ा दिया है, एम्बुलेंस और क्रेनें रखी हैं ताकि चीजें यहां से बेहतर हो जाएं, हम हर साल जागरूकता भी बढ़ाते हैं."
भारत नहीं आएंगी ड्राइवरलेस कारें:
नितिन गडकरी ने बिजनेस टुडे के एक सवाल पर कहा कि, ''मैं कभी भी ड्राइवरलेस कारों को भारत में आने की अनुमति नहीं दूंगा क्योंकि इससे 70 से 80 लाख ड्राइवरों का रोजगार खत्म हो जाएगा और मैं ऐसा नहीं होने दूंगा.'' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टेस्ला का भारत में स्वागत है, लेकिन भारत में बिक्री के लिए चीन में मैन्युफैक्चरिंग स्वीकार्य नहीं है. उन्होनें कहा कि, "हम टेस्ला को भारत आने की अनुमति देंगे लेकिन वे चीन में निर्माण कर इसे भारत में नहीं बेच सकते. ऐसा होना असंभव है."
हर साल 5 लाख एक्सीडेंट:
सड़क दुर्घटनाओं के बारे में बोलते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि, "देश में हर साल 5 लाख एक्सीडेंट होते हैं जिसमें तकरीबन 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है. इन दुर्घटनाओं के चलते 3.8% जीडीपी का नुकसान होता है. इन रोड एक्सीडेंट में मरने वालों में 60 प्रतिशत युवा हैं. हालांकि अब तक इनमें 10 प्रतिशत मौतों में और 12 प्रतिशत एक्सीडेंट में इजाफा देखा गया है... ये बहुत ही दुर्भाग्यपुर्ण है. इसमें चार बातें प्रमुख हैं एक है ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, दूसरा है रोड इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट और एजुकेशन."
इसे समझाते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि, "ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में हमने काफी सुधार किए हैं, कारों में 6 एयरबैग लाएं हैं. रोड इंजीनियरिंग में ब्लैकस्पॉट को इंप्रूव करने के लिए बहुत बड़ा काम किया है. इंफोर्समेंट में नया मोटर व्हीकल एक्ट लेकर आएं और यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर फाइन बढ़ा दिया है. इमरजेंसी सर्विसेज के लिए एंबुलेंस और क्रेन की सुविधा दी जा रही है और आखिरी में एजुकेशन, हम लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि 2030 से पहले सड़क दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करने का प्रयास कर रहे हैं"