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Electric Tractor: स्कूटर-कार के बाद अब खेतों में दौड़ेंगे इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर, लॉन्च की तैयारी

Electric Tractors: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि जल्द ही वो इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक लॉन्च करने की तैयारी में हैं. इससे पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी.

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देश में जल्द ही लॉन्च होगी इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर
देश में जल्द ही लॉन्च होगी इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर जल्द होंगे लॉन्च
  • इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बढ़ी डिमांड

स्कूटर और कार के बाद अब जल्द ही देश में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर (Electric Tractor) भी नजर आने वाले हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इसका ऐलान किया है. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक, एथेनॉल (Ethanol) और मेथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन ही भविष्य हैं. गडकरी ने कहा कि आज से तीन साल पहले जब मैं इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बारे में बात करता था, तो लोग इसपर सवाल उठाते थे. मगर आज के समय में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डिमांड (Electric Vehicle Demand) देश में बढ़ गई है.

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जल्द आएंगे इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर

नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के भविष्य के प्लान पर बात करते हुए कहा कि स्कूटर, कार और बस के बाद अब वो इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर (Electric Tractor) और इलेक्ट्रिक ट्रक (Electric Truck) लॉन्च करने की तैयारी में हैं. उन्होंने इथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन पर स्विच करने की आवश्यकता पर जोर दिया. 

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि देश ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में जरूरतों को पूरा करने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है. अगले पांच वर्षों में ये मांग 25 लाख करोड़ रुपये तक जा सकती है, जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी.

इथेनॉल की तरफ बढ़ना चाहिए

गडकरी ने कहा कि डीजल आधारित कृषि उपकरणों को पेट्रोल आधारित बनाया जाना चाहिए और फ्लेक्स इंजनों को इथेनॉल पर चलने के लिए बदलना चाहिए. इथेनॉल को कंस्ट्रक्शन उपकरणों में भी शामिल करने की कोशिश की जा रही है. नितिन गडकरी ने कहा कि चीनी उत्पादन से इथेनॉल की ओर बढ़ने की आवश्यकता है. दुनिया भर में चीनी की मांग में बढ़ोतरी अस्थायी है. 

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गन्ने से इथेनॉल बना रहा ब्राजील

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जब कच्चे तेल (Crude oil Price) की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचती है, तो ब्राजील (Brazil) गन्ने से इथेनॉल का उत्पादन शुरू कर देता है. इसकी वजह से ग्लोबल मार्केट में भारतीय चीनी की मांग बढ़ जाती है. जैसे ही कच्चे तेल की कीमतें गिरकर 70 डॉलर से 80 डॉलर प्रति बैरल पर आ जाती हैं, तो ब्राजील वापस चीनी का उत्पादन शुरू कर देता है. उन्होंने बताया कि जैसे ही कच्चे तेल के भाव में गिरावट आएगी, चीनी की कीमतें भी कम हो जाएंगी.

 

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