Piyush Goyal At Tesla Factory: अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी Tesla का इंतजार भारतीय बाजार में लंबे समय से हो रहा है. अलग-अलग मौकों पर आने वाली रिपोर्ट्स के साथ ही इस दिग्गज की भारतीय बाजार में एंट्री को लेकर कयास भी तेज होते रहे हैं. अब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट ने टेस्ला एंट्री की चर्चा को और तेज कर दिया है. पीयूष गोयल ने कैलिफोर्निया स्थित टेस्ला की फैक्ट्री का दौरा किया और उन्होनें कहा कि, अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला इंक भारत से अपने कंपोनेंट्स के आयात को दोगुना करने की प्रक्रिया में है.
पीयूष गोयल ने इस मौके पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर इस विजिट की कुछ तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा कि, "फ़्रेमोंट, कैलिफ़ोर्निया में टेस्ला की अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का दौरा किया. प्रतिभाशाली भारतीय इंजीनियरों और फाइनेंस प्रोफेश्नल्स को वरिष्ठ पदों पर काम करते हुए और मोबिलिटी में बदलाव के लिए टेस्ला की उल्लेखनीय यात्रा में योगदान करते हुए देखकर बेहद खुशी हुई."
उन्होनें लिखा कि, "टेस्ला की इलेक्ट्रिक व्हीकल सप्लाई चेन में भारत से आयात होने वाले ऑटो कंपोनेंट के बढ़ते महत्व को देखकर भी गर्व हो रहा है. यह भारत से अपने कंपोनेंट्स के आयात को दोगुना करने की राह पर है. एलोन मस्क के मैग्नेटिक प्रेजेंस को इस मौके पर मिस किया, उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
एलन मस्क ने मांगी माफी:
पीयूष गोयल के इस पोस्ट पर एलन मस्क ने रिप्लाई करते हुए लिखा कि, "आपका टेस्ला आना सम्मान की बात है! आज कैलिफ़ोर्निया की यात्रा न कर पाने के लिए मुझे खेद है, लेकिन मैं भविष्य में मिलने की आशा रखता हूँ."
Tesla ने की इम्पोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग:
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार Tesla ने भारत सरकार से शुरुआत में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) के इम्पोर्ट ड्यूटी टैरिफ में रियायत के लिए कहा है. इससे पहले भी कंपनी के सीईओ एलन मस्क आयात कर में छूट की मांग कर चुके है. बता दें कि, इस समय 40,000 डॉलर से कम कीमत की कारों के लिए भारत में 70 प्रतिशत सीमा शुल्क और 40,000 डॉलर या उससे अधिक की कीमत की कारों के लिए 100 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी तय है.
इस टैक्स में कार की कीमत, बीमा और ढुलाई यानी कि कॉस्ट, इंश्योरेंस और फ्रेट (CIF) तीनों शामिल है. टेस्ला ने कथित तौर पर प्लांट स्थापित करने के लिए एक शर्त के रूप में टैरिफ में कटौती की मांग की है. यदि मंजूरी मिल जाती है, तो कम किया गया टैरिफ केवल टेस्ला के लिए नहीं बल्कि सभी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा. अधिकारियों का सुझाव है कि प्रस्तावित कम दर 15 प्रतिशत है.