
मारुति-800 (Maruti-800) कार भले ही अब सड़कों पर कम ही दिखाई देती हो, लेकिन एक समय था जब भारतीय कार बाजार (Indian Car Market) में इसकी धूम थी. ये छोटी हैचबैक उस समय सबसे सफल कारों में से एक थी, जब कई लोगों के लिए एक दूर का सपना था. इसे ठीक 39 साल पहले 1983 में लॉन्च (Launch) किया गया था. यह कार अब फिर सुर्खियों में है, दरअसल, इसकी पहली इकाई को रिस्टोर करके मारुति मुख्यालय (Maruti HQ) में प्रदर्शन के लिए रखा गया है.
39 साल पहले की गई थी लॉन्च
बिजनेस टुडे के मुताबिक, लोकप्रिय हैचबैक मारुति-800 की पहली इकाई को उसके मूल रूप में बहाल किया गया है और हरियाणा में मारुति सुजुकी के मुख्यालय में प्रदर्शित किया गया. मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक, बिक्री और विपणन, शशांक श्रीवास्तव (Shashank Srivastava) ने इस कार के बारे में बात करते हुए कहा कि जिस तरह 75 साल पहले भारत ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपना पहला कदम उठाया था, उसी तरह मारुति सुजुकी ने पहली मारुति-800 कार 39 साल पहले लॉन्च की थी.
75 years ago India took its first step as an independent nation. 40 years ago we did the same with the first Maruti Suzuki 800. We are proud of our little part in putting India on wheels and will keep continuing our journey. pic.twitter.com/zZcJSUE9id
— Shashank Srivastava (@shashankdrives) August 15, 2022
इतनी कीमत में किया गया था लॉन्च
मारुति-800 को 47,500 रुपये कीमत (Maruti-800 Price) में लॉन्च किया गया था. इसकी पहली यूनिट हरियाणा में मारुति उद्योग लिमिटेड में बनाई गई थी. इसे अब मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के नाम से भी जाना जाता है. मारुति की ये कार साल 2004 तक भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार थी. हालांकि, 2010 में कंपनी ने इसका उत्पादन बंद करने का फैसला किया था. क्योंकि कंपनी इसकी जगह ऑल्टो (Maruti Alto) को लोकप्रिय बनाना चाहती थी. इसके बाद अंततः 18 जनवरी 2014 को इसे पूरी तरह से बंद कर दिया था.
दिल्ली के हरपाल सिंह थे पहले खरीदार
मारुति सुजुकी के हरियाणा प्लांट से निकली पहली 800 कार के मालिक नई दिल्ली के रहने वाले हरपाल सिंह (Harpal Singh) थे. हरियाणा में उत्पादन शुरू होने के औपचारिक उद्घाटन पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने उन्हें अपने हाथों से कार की चाबियां सौंपी थीं. हरपाल सिंह के पास साल 2010 में उनके निधन तक साथ रही थी. इस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर DIA 6479 था. कंपनी ने कथित तौर पर भारत में इस कार की 27 लाख से ज्यादा इकाइयां बेची थीं.
मारुति 800 में था यह इंजन
हैचबैक मारुति-800 का मूल डिजाइन Suzuki Fronte SS80 पर आधारित था. इसके पहले बैच को पूरी तरह से नॉक डाउन (CKD) किट के रूप में आयात किया गया था. इस मॉडल में 796cc, तीन-सिलेंडर का F8D पेट्रोल इंजन था, इसकी अधिकतम शक्ति 35 BHP थी. वर्तमान में ऑल्टो और ओमनी जैसी कारों में यही इंजन देखा जा सकता है, हालांकि कंपनी ने इसे संशोधित किया है.
खस्ताहाल में थी पहली कार
दिवंगत हरपाल सिंह की मारुति-800 कार, बिल्कुल सड़ी गली अवस्था में थी. इस कार की कुछ तस्वीरें इंटरनेट पर डाली गईं थीं. इसके बाद कंपनी ने कार को रिस्टोर करने का फैसला किया. कंपनी ने कार में सभी मूल स्पेयर पार्ट्स और घटकों को बहाल किया. हालांकि, यह कार अब दिल्ली की सड़कों पर चलने के योग्य नहीं थी. इसलिए कंपनी ने भारत में अपनी पहली सफलता की कहानी के रूप में कार को अपने मुख्यालय में प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है.