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ग्लोबल NCAP अब नहीं करेगा भारतीय कारों की क्रैश टेस्टिंग! जानें Bharat NCAP ने कैसे बदला मोमेंटम

Global NCAP पिछले एक दशक से 'सेफर कार्स फॉर इंडिया' कैंपेन के तहत भारत में बेची जाने वाली कारों का क्रैश टेस्ट करता आ रहा है. लेकिन अब Bharat NCAP के लॉन्च के बाद से इस ग्लोबल एजेंसी ने टेस्टिंग रोकने का फैसला किया है.

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Global NCAP Crash Test
Global NCAP Crash Test

भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) के लॉन्च होने के साथ ही विश्व स्तर की क्रैश टेस्टिंग एजेंसी ग्लोबल-NCAP को लेकर लोगों के जेहन में सवाल उठने शुरू हो गए थें. लेकिन अब ये मामला पूरी तरह साफ हो चुका है कि, अब ग्लोबल NCAP भारत में मैन्युफैक्चर्ड और बेची जाने वाली कारों की क्रैश टेस्टिंग नहीं करेगा. विश्व स्तर की इस एजेंसी ने दिसंबर 2023 से अपने सेफर कार्स फॉर इंडिया कैंपेन को बंद करने का फैसला किया है, जिसके तहत वो यहां की कारों की टेस्टिंग करता था और उन्हें परफॉर्मेंस के आधार पर 0 से 5 के बीच स्टार रेटिंग देता था. 

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बता दें कि, बीते कल केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat NCAP) लॉन्च किया. ये भारत का अपना क्रैश टेस्ट सेफ्टी प्रोग्राम है, जिसके तहत वाहनों का परीक्षण किया जाएगा. अब भारत में बनने वाली कारों की टेस्टिंग इंडिया में ही होगी और क्रैश टेस्ट के लिए कंपनियों को अपने कार के नमूनों को विदेश भेजने की जरूरत नहीं होगी. 

Bharat NCAP

इसका एक बड़ा लाभ आर्थिक रूप से भी देखने को मिलेगा. जिसको लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि, "भारत में किए जाने वाले कार क्रैश टेस्ट की लागत अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में केवल एक-चौथाई होगी. विदेश में क्रैश टेस्ट की लागत 2.5 करोड़ रुपये है और भारत एनसीएपी के तहत इसे महज 60 लाख रुपये में किया जाएगा."

क्या है ग्लोबल NCAP: 

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NCAP का मतलब न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम है. 1978 में अमेरिका में कार क्रैश के प्रति ग्राहकों को जागरूक करने के लिए इस प्रोग्राम को शुरू किया गया, जो कि वाहनों का परीक्षण करता है. यूएस-एनसीएपी मॉडल के ही आधार पर अन्य देशों में भी क्रैश टेस्ट प्रोग्राम शुरू किए गए, जो आज ऑस्ट्रेलियन एनसीएपी, यूरो एनसीएपी, जापान एनसीएपी, आसियान एनसीएपी, चीन एनसीएपी, कोरियाई एनसीएपी और लैटिन एनसीएपी के नाम से जाने जाते हैं.

ग्लोबल एजेंसी ने साल 2013 से भारतीय कारों के लिए सेफर कार्स फॉर इंडिया प्रोग्राम शुरू किया था और जनवरी 2014 में भारत में बेची जाने वाली 5 मशहूर कारों का क्रैश टेस्ट रिपोर्ट दुनिया के सामने पेश किया. ये टेस्ट व्यस्कों के लिए 2013 लैटिन एनसीएपी असेसमेंट प्रोटोकॉल पर और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 2010 लैटिन प्रोटोकॉल पर बेस्ड था.

चौंकाने वाली बात ये थी कि, इस टेस्ट में शामिल उन सभी कारों को जीरो स्टार रेटिंग मिली थी. इस रिपोर्ट ने देश के कई कार खरीदारों का ध्यान अपनी तरफ खीचा था, क्योंकि मामला पैसेंजर सेफ्टी का था. तकरीबन एक दशक के दौरान इस एजेंसी ने 62 से ज्यादा क्रैश टेस्ट किए जिसमें भारत में बनने वाली 50 से ज्यादा कारें शामिल रहीं. 

Bharat NCAP


Bharat NCAP ने बदला गेम: 

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अब चूकिं भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम लॉन्च कर दिया गया है, जिसे अक्टूबर 2023 से लागू किया जाएगा. रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने देश में कारों का क्रेश टेस्ट करने और उन्हें सेफ्टी रेटिंग देने के लिए पैरामीटर तय कर लिए हैं. जब ये प्रोग्राम लागू हो जाएगा तो वाहन निर्माता अपने वाहनों को परीक्षण के आधार पर सेफ्टी रेटिंग देंगे, जिससे कार खरीदारों को वाहन चुनने में आसानी होगी. इसके लिए नया लोगो और स्टीकर भी जारी किया गया है, जो कि अब इंडियन कार्स पर देखने को मिलेगा. Bharat NCAP क्रैश टेस्ट के लिए अब तक 30 कारों के क्रैश टेस्ट की रिक्वेस्ट भी मिल चुकी है. 

ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट के आधार पर देश की सबसे सुरक्षित कारें:

क्रमांक वाहन सेफ्टी रेटिंग
1 टाटा पंच 5 स्टार
2 टाटा अल्ट्रॉज 5 स्टार
3 टाटा नेक्सॉन 5 स्टार
4 महिंद्रा एक्सयूवी 700 5 स्टार
5 महिंद्रा एक्सयूवी 300 5 स्टार

ग्लोबल NCAP ने किया समझौता: 

Bharat NCAP अक्टूबर में अपने आधिकारिक लॉन्च की तैयारी कर रहा है, दूसरी ओर ग्लोबल एनसीएपी ने इस साल के अंत तक भारत के लिए अपने सेफ्टी टेस्ट कैंपेन को खत्म करने का निर्णय लिया है. ग्लोबल NCAP के डेविड वार्ड ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि, "हम बिल्कुल नहीं चाहते कि हमें भारत एनसीएपी के प्रतिद्वंद्वी कार्यक्रम के रूप में देखा जाए." इसके लिए, ग्लोबल NCAP ने सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रोड ट्रांसपोर्ट (CIRT) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के तकनीकी सचिवालय के रूप में कार्य करता है. 

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Bharat NCAP

ग्लोबल एजेंसी करेगी सहयोग: 

इसे आप प्रतिद्वंदी के तौर पर बिल्कुल न लें, इस समझौता ज्ञापन के तहत, ग्लोबल NCAP वाहन परीक्षण के पिछले एक दशक में प्राप्त अपने व्यापक अनुभव के आधार पर Bharat NCAP को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा. इसमें परीक्षण के लिए वाहनों के चयन, क्रैश टेस्ट की जांच और रिजल्ट को साझा करने के लिए कम्युनिकेशन स्ट्रेट्जी इत्यादि शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, समझौता ज्ञापन में वाहन निर्माताओं द्वारा अपने विज्ञापनों में टेस्टिंग रिजल्ट को भी जिम्मेदारी से उपयोग करने का निर्देश दिया गया है, ताकि भविष्य में इसका किसी भी तरह से दुरुपयोग न हो सके. 

भारत सरकार ने Bharat NCAP के परीक्षण प्रोटोकॉल को वैश्विक क्रैश-टेस्ट प्रोटोकॉल के साथ जोड़ दिया है, और नए मानकों में उनकी वेबसाइट पर 1 से 5 स्टार तक की स्टार रेटिंग की सुविधा दी जाएगी. यह देश में निर्मित या आयातित 3.5 टन से कम वजन वाले 'M1' श्रेणी के मोटर वाहनों पर लागू होगा. M1 श्रेणी के मोटर वाहनों का उपयोग यात्रियों के आवागमन के लिये किया जाता है, जिसमें चालक की सीट के अलावा 8 सीटें होती हैं.

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