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कार के टायर पर छपे इन नंबर में छिपे हैं कई अहम राज! जानिए इनका मतलब

How to Read Car Tyre Number: कार के टायर के साइड वॉल पर कुछ नंबर्स और अंग्रेजी के अक्षर छपे होते हैं. ये नंबर्स उक्त टायर की बनावट से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक तमाम जानकारियों के बारे में बताते हैं. इन नंबर्स में कई राज छिपे होते हैं.

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प्रतिकात्मक तस्वीर: How to Read Car Tyre
प्रतिकात्मक तस्वीर: How to Read Car Tyre

How to Read Car Tyre Size: हर कार के टायर पर छपा नंबर कुछ कहता है. कार के टायर पर छपे हुए नंबर यूं ही बेवजह नहीं होते हैं बल्कि इन आंकडों में कार से जुड़े तमाम राज छिपे होते हैं. जब भी कभी आपको अपनी पुरानी कार के टायर को बदलने की जरूरत पड़ी होगी तो आपने सर्विस सेंटर पर या मैकेनिक द्वारा टायर के साइज की जिक्र सुना होगा. टायर पर बने हुए इन्हीं नंबर्स को देखकर उनके साइज, लोड और प्रयोग होने वाले वाहन तक का आंकलन किया जाता है. यदि आपने अब तक इन नंबर्स पर गौर नहीं किया होगा तो अब चेक जरूर करिएगा. इन नंबर्स को पढ़ने का भी एक तरीका होता है, जिससे आप टायर से संबंधित पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. 

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इस तरह समझें टायर पर छपे नंबर्स:

मान लीजिए आपके कार के टायर पर जो नंबर छपा है वो इस प्रकार है- (196/56 18 R 88V), तो आप इसे इस तरह से समझ सकते हैं:

196 - सेक्शन की चौड़ाई: यहां पर टायर पर दिया गया शुरुआती नंबर '196' टायर की चौड़ाई मिलीमीटर में दर्शाता है. ये टायर के दोनों सेक्शन वॉल के बीच टायर की चौड़ाई होती है, यानी कि आपके कार के टायर की चौड़ाई 196mm है. 

56- एसपेक्ट रेशियो: स्लैश मार्क के बाद, आप जो अगला नंबर देखते हैं वह टायर के एसपेक्ट रेशियो यानी कि ये टायर के साइड वॉल की उंचाई को प्रतिशत में दर्शाता है. इससे आप जान सकते हैं कि, आपके टायर का प्रोफाइल कितना उंचा है. आम भाषा में समझें तो ये टायर के रिम शुरू होने वाले हिस्से से लेकर ट्रेड की बीच की दूरी को दर्शाता है. टायर निर्माता एसपेक्ट रेशियो को रिम से टायर की ऊंचाई को उसकी चौड़ाई से विभाजित करके निकालते हैं. यहां पर '56' एसपेक्ट रेशियो को में दर्शाता है. 

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R- कंस्ट्रक्शन: अंकों के बाद जो आपको अंग्रेजी में 'R' लिखा हुआ दिखता है, वो टायर के निर्माण के बारे में बताता है. यदि R लिखा है तो इसका अर्थ है कि ये एक रेडियल टायर है. वहीं आपको कई टायरों पर B अक्षर भी लिखा हुआ मिलेगा जो क्रॉस प्लाई कंस्ट्रक्शन को दर्शाते हैं इसके अलावा कुछ वाहनों में 'D' लिखा हुआ मिलता है, जिसका अर्थ होता है डायगोनल. हालांकि, रेडियल टायर सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं और ज्यादातर वाहनों में यही टायर देखे जाते हैं. 

कार के टायर पर बने नंबर्स को ऐसे पढें.
कार के टायर पर बने नंबर्स को ऐसे पढें.

18- रिम डायमीटर: कार के टायर पर अगली संख्या रिम का व्यास (Diameter) कोड है, जो कि इंच में दर्शाया जाता है. उदाहरण के लिए, जिस टायर पर '18' अंक दर्ज होगा वो 18-इंच व्यास वाले रिम में फिट होगा. ये अलग-अलग साइज में आते हैं, मसलन 14, 16, 18 या 20 इत्यादि. 

88- भार वहन क्षमता: टायर पर अगला अंक लोड इंडेक्स या फिर भार वहन क्षमता के बारे में बताता है. इसका अर्थ ये हुआ कि ये टायर पूरी तरह से हवा भरने के बाद अधिकतम कितने किलोग्राम तक का भार वहन करने में सक्षम है. इसे लोड "इंडेक्स" कहते हैं, हालांकि यह संख्या हमें यह नहीं बताता है कि टायर कितना किलोग्राम ले जा सकता है, क्योंकि ये संख्या इंडेक्स में सूचीबद्ध विशिष्ट भार क्षमता के अनुरूप होती है. 60 से शुरू होकर 179 पर समाप्त होने वाले लोड इंडेक्स में टायर 250 से 7750 किलोग्राम तक का भार उठाने में सक्षम होता है. जैसे यहां पर दिया गया 88 अंक इस बात को दर्शाता है कि ये टायर 1,235 पाउंड या 560 किलोग्राम तक का भार उठाने में सक्षम है. इसके लिए आपको इंडेक्स लिस्ट देखनी होगी. 

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V- स्पीड रेटिंग: सबसे आखिरी में आपको टायर पर एक और अंग्रेजी अक्षर देखने को मिलता है, जैसे यहां पर 'V' लिखा हुआ है. दरअसल, ये टायर के लिए अधिकतम स्पीड को दर्शाता है. ये अलग-अलग स्पीड के लिए भिन्न अक्षर के तौर देखा जाता है. जैसे कि यहां पर 'V' लिखा हुआ है, इसका अर्थ है कि ये टायर अधिकतम 240 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार के लिए है. इसी तरह इसके लिए पूरी सिंबल लिस्ट है, जिसकी शुरुआत 'N' से होती है, जो कि अधिकतम 140 किलोमीटर प्रतिघंटा के लिए इस्तेमाल किया जाता है. वहीं 'P' 150 Km/h, 'S' का अर्थ हुआ कि टायर अधिकतम 180 Km/h की स्पीड के लिए बेहतर है. इसके अलावा जिस टायर पर 'U' छपा है वो अधिकतम 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार के लिए बेहतर है. 

टायर पर अन्य सिंबल: टायरों पर कुछ अन्य सिंबल भी देखने को मिलता है, जैसे कि टायर के निर्माण की तारीख या डायरेक्शन इत्यादि. कुछ कंपनियां टायरों पर मैन्युफैक्चरिंग के समय को भी कोड के रूप में दर्शाते हैं, हालांकि ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है. इसके अलावा टायर पर तीर (Arrow) का भी निशान देखने को मिलता है, जो कि ये दर्शाता है कि टायर को किस सही दिशा में आगे बढ़ते हुए लगाया जाए. 

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