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Nitin Gadkari को अब उस टेक्नोलॉजी की तलाश, जो सस्ते में कर दे इलेक्ट्रिक गाड़ियां चार्ज

इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए देश में बढ़िया चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर हो और लोगों के लिए गाड़ी चार्ज करना महंगा भी ना हो, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी देश के लिए ऐसी ही ‘जादू की छड़ी’ (टेक्नोलॉजी) तलाश कर रहे हैं. पढ़ें ये खबर...

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (File Photo : PTI)
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (File Photo : PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सिलिकॉन वैली के भारतीय-अमेरिकियों से की बात
  • पहाड़ी इलाकों में रोप-वे के विकास की योजना
  • बैटरी स्वैपिंग के लिए सरकार बना रही नीति

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भारत के लिए ऐसी टेक्नोलॉजी की तलाश है जो देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए बढ़िया चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करे, साथ ही साथ लागत में सस्ती भी हो.

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नितिन गडकरी ने सिलिकॉन वैली के भारतीय-अमेरिकी लोगों के साथ एक डायलॉग में कहा कि ‘हम उस टेक्नोलॉजी की तलाश कर रहे हैं, जो लागत में सस्ती हो और जिसे हम भारत में इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाले मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम’ के लिए तैयार कर सके.

गडकरी ‘रीइमेजनिंग इंडिया 2.0 सीरीज’ ('Reimagining India 2.0 Series) में ‘रीबिल्डिंग इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर इंडिया 2.0 (Rebuilding Infrastructure for India 2.0) चर्चा के दौरान बोल रहे थे.

‘रोपवे पर लगा रहे ध्यान’
गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय पहाड़ी और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में रोप-वे को वैकल्पिक परिवहन साधन के तौर पर डेवलप करने पर ध्यान लगा रहा है. उन्होंने कहा कि रोपपे, केबल कार के अलावा वो लाइट रेल ट्रांसपोर्ट की टेक्नोलॉजी पर काम करने में काफी रुचि रखते हैं. 

भारत सरकार ने इस साल के बजट में जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर और सिक्किम में 11 रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर काम करने की योजना बनाई है.  इसके अलावा सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए ‘बैटरी स्वैपिग’ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने और उनके लिए मानक तय करने का काम भी कर रही है. सरकार काजोर बैटरी स्वैपिंग के मामले में इंटरओपरेबिलिटी पर भी है.

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