
बात जब भी ज्यादा सीटिंग कैपेसिटी और बेहतर स्पेस वाली कारों की होती है तो मल्टी पर्पज व्हीकल्स (MPV) को सबसे मुफीद माना जाता है. इस सेग्मेंट का जिक्र होते ही लोगों के जेहन में दो नाम सबसे पहले आते हैं, जिसमें टोयोटा इनोवा और मारुति अर्टिगा शामिल हैं. बेशक ये दोनों कारें अपने सेग्मेंट में ख़ासे मशहूर हैं, लेकिन भारतीय बाजार में पहले एमपीवी कार का तमगा किसी और के नाम है. नब्बे का दशक खत्म हो रहा था, देश का ऑटोमोबाइल बाजार भी बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा था. जहां एक तरफ हुंडई, टोयोटा और होंडा जैसे दिग्गज़ विदेशी ब्रांड इंडियन मार्केट में अपने पांव जमाने की तैयारी में थें वहीं कारों की दुनिया से दूर एक देशी कंपनी ऑटो सेक्टर में उतरने की तैयारी कर रही थी.
ये वो समय था, जब कार बजार ज्यादातर हैचबैक और सेडान तक ही सीमित था. उस वक्त एक बीड़ी बनाने वाली भारतीय कंपनी ने देश की एमपीवी कार को पेश कर सबको चौंका दिया. 1998 में, केरल बेस्ड राजा ग्रुप (Rajah Group), जो कि अब तक बीड़ी और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स बनाने के लिए जानी जाती थी उसने दुनिया के सामने एक जबरदस्त कार को पेश कर सबके होश उड़ा दिए थें. उस कार का नाम था, काजा काज़वा (Kajah Kazwa). नाम के जैसा ही इस कार का अंदाज भी अनोखा था. देखने में किसी वैन की तरह लगती थी, लेकिन इसमें कई ख़ास बातें थी जो इसे बाजार में मौजूद बाकी कारों से अलग करती थीं.
कैसे हुआ Kajah Kazwa का जन्म:
राजा ग्रुप (Rajah Group) की शुरुआत 1981 में केरल के त्रिशूर जिले के चवक्कड़ शहर में हुई थी. शुरुआत में ये कंपनी बीड़ी, FMCG, आयुर्वेदिक्र, हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स जैसे कई कारोबार में शामिल थी. समय के साथ नब्बे के दशक में कंपनी ने ऑटो सेक्टर में भी हाथ आजमाने की सोची. शुरुआत में कंपनी की योजना एक किट स्पोर्ट कार बनाने की थी, लेकिन ऐसा हो न सका और हिंदुस्तान मोटर्स के साथ मिलकर देश के पहले MPV कार के तौर पर Kajah Kazwa को तैयार किया गया. हालांकि इसकी शुरुआत 1994 में ही हो गई थी, लेकिन इस कार को 1998 में पेश किया गया था. बताया जाता है कि, इसके 100 से 150 यूनिट्स का निर्माण किया गया.
जब लॉन्च हुई देश की पहली MPV:
18 जुलाई 1998 को कोच्चि के ताज रेजिडेंसी में Kazwa एमपीवी को हिंदुस्तान मोटर्स के तत्कालीन एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर शंकर नारायणन ने लॉन्च किया था. ये पहली ऐसी कार थी, जिसका प्रोडक्शन केरल में किया गया था. अपने पहले कार में कंपनी ने उस समय के सभी प्रीमियम फीचर्स को शामिल करने की कोशिश की थी. Kajah Kazwa न केवल स्पेस में बेहतर था बल्कि इस कार में आरामदायक सीटें, पावर विंडो, पावर स्टीयरिंग, पावर मिरर, स्टैंडर्ड एयर कंडीशनिंग, रियर ब्लोअर, सनरूफ और अलॉय व्हील्स जैसे फीचर्स को शामिल किया था. आज भले ही ये फीचर्स आम हो लेकिन नब्बे के दशक में ये फीचर्स भारतीय बाजार में केवल लग्जरी कारों में ही देखने को मिलते थें.
इस कार में हिंदुस्तान मोटर्स से सोर्स किया गया 2.0 लीटर की क्षमता का टर्बो डीजल इंजन दिया गया था, जो कि 70hp की पावर जेनरेट करता था. उस वक्त के लिहाज से ये पावर आउटपुट काफी बेहतर माना जाता था. इसका अंदाज आप इसी बात से लगा सकते हैं कि, उस वक्त तकरीबन दो साल बाद टोयोटा ने अपनी मशहूर एमपीवी Toyota Qualis को लॉन्च किया, जिसका इंजन तकरीबन 75hp की पावर जेनरेट करता था.
उस दौर में ग्लोबल मार्केट में उपलब्ध Renault Espace.
इस एमपीवी का एक्सटीरियर काफी हद तक उस दौर के रेनॉल्ट एस्पेस (Renault Espace) से प्रेरित था, जो कि विदेशी बाजार में ख़ासी लोकप्रिय थी. हालांकि दोनों गाड़ियों की साइज़ में काफी अंतर था और Kazwa आकार में छोटी थी. इसमें भी बड़े क्वार्टर ग्लास के साथ तीन तरफ बड़े विंडो दिए गए थें, जो कि कार के इंटीरियर को हवादार बनाते थें. क्वार्टर ग्लास डिज़ाइन आज भी रेनॉल्ट एस्पेस का ही दिया हुआ शब्द है.
क्यों फेल हुई Kazwa:
अपने समय के हिसाब से तमाम खूबियों से लैस होने के बावजूद ये एमपीवी ज्यादातर आम ग्राहकों की पहुंच से दूर रही. क्योंकि कंपनी ने इस कार के सीमित यूनिट्स का ही प्रोडक्शन किया था. इसके फेल होने के कई कारण थें, ऐसा माना जाता है कि, चूकिं इस कार के निर्माण में फाइबर ग्लॉस का इस्तेमाल किया गया था, इसलिए कार में यात्रियों की सेफ्टी को लेकर भी सवाल उठे थें. इसके अलावा कुछ जानकारों का मानना है कि, डीलरशिप नेटवर्क, सेल्स, मार्केटिंग और सर्विस इत्यादि भी कंपनी के लिए बड़ी चुनौती थी. हालांकि आज भी ये कार दक्षिण भारत में कुछ लोगों के पास मौजूद है और गाहें-बगाहें सड़क पर दौड़ती देखी जाती है.
ऐसा बढ़ा MPV बाजार:
समय के साथ बाजार आगे बढ़ा और साल 2000 में टोयोटा ने भारतीय कंपनी किर्लोस्कर ग्रुप के साथ एक ज्वाइंट वेंचर के तौर पर अपनी पहली कार Toyota Qualis को लॉन्च किया. इस एमपीवी ने बाजार में आते ही अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी और यह कहना गलत नहीं होगा कि टोयोटा को इंडियन मार्केट में स्थापित करने में Qualis ने अहम भूमिका निभाई. इसके बाद फरवरी 2005 में टोयोटा इनोवा ने भारत में एंट्री की और अप्रैल 2012 में मारुति सुजुकी की अर्टिगा ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर एमपीवी सेग्मेंट के एक बड़े बाजार पर कब्जा कर लिया. इस समय बाजार में MPV सेग्मेंट में किआ कारेंस, रेनो ट्राइबर, मारुति एक्सएल6 जैसे कई मॉडल शामिल हो चुके हैं.