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दिल्ली-मुंबई से ज्यादा कश्मीर-गोवा में प्रति घर ज्यादा कारें! आनंद महिंद्रा ने शेयर किया चौंकाने वाला आंकड़ा

आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) द्वारा साझा किए गए इस मैप को नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें 2019 से लेकर 2021 तक के डाटा को शामिल है. इसके अनुसार पूरे देश में प्रति घर (Per Household) वाहनों का औसत 7.5% है, जबकि सबसे ज्यादा गोवा में 45.2% वाहन हैं.

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सांकेतिक तस्वीर: आनंद महिंद्रा
सांकेतिक तस्वीर: आनंद महिंद्रा

क्या आपने कभी सोचा है कि देश के किस राज्य में कारों की संख्या सबसे ज्यादा है, या फिर किस राज्य में प्रति घर (Per Household) वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा होगी. यदि आपने कभी नहीं सोचा है तो देश के जाने-माने उद्योगपति और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा द्वारा साझा किया गया ये आंकड़ा आपको हैरत में डाल देगा. आनंद महिंद्रा ने सोशल नेटवर्किंग साइट Twitter पर एक मैप शेयर किया है, जिसमें कलर-कोडिंग के माध्यम से देश के अलग-अलग राज्यों में प्रतिघर वाहनों की संख्या के आंकड़े को प्रतिशत में दिखाया गया है. 

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आनंद महिंद्रा द्वारा शेयर किए गए इस मैप में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अलग-अलग राज्यों में वाहनों की सघनता को दर्शाया गया है. इसके अनुसार देश के ज्यादातर पहाड़ी इलाकों जैसे जम्मू, कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, नागालैंड और यहां तक कि केरल में प्रति घर वाहनों की संख्या का प्रतिशत सबसे ज्यादा है. इस मैप पर नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) का नाम दर्ज है, जिसमें 2019 से लेकर 2021 तक के डाटा को शामिल किया गया है. 

आमतौर पर लोगों की धारणा रहती है कि, सघन आबादी या बड़े राज्यों में प्रति घर वाहनों की संख्या ज्यादा होगी. आनंद महिंद्रा द्वारा इस मैप को साझा किए जाने के बाद लोगों ने तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं दी है. कुछ लोगों का कहना है कि, ये मैप इस बात का संकेत है कि जिन राज्यों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट कम है वहां पर प्रति घर वाहनों का प्रतिशत सबसे ज्यादा है. 

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इन राज्यों में ज्यादा है प्रति घर वाहनों की संख्या: 

इस मैप के अनुसार पूरे देश में प्रति घर वाहनों का आंकड़ा 7.5% है. वहीं राज्यवर नंबर्स पर गौर करें तो केरल में सबसे ज्यादा गोवा में 45.2 प्रतिशत, केरल में 24.2%, जम्मू और कश्मीर में 23.7%, हिमाचल प्रदेश में 22.1%, पंजाब में 21.9%, नागालैंड में 21.3%, सिक्किम में 20.9%, अरुणाचल प्रदेश में 19.3% और मणिपुर में प्रति घर 17% वाहन हैं. वहीं जो बड़े और ज्यादा घनी आबादी वाले राज्य हैं जैसे उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात इत्यादि प्रति घर (Per Houshold) वाहनों की संख्या के मामले में इन पहाड़ी राज्यों से पीछे हैं. 



इन राज्यों में कम है वाहनों की संख्या: 

इस मैप के अनुसार देश में सबसे कम प्रति घर वाहनों का प्रतिशत बिहार में देखने को मिलता है. जहां पर ये आंकड़ा महज 2 प्रतिशत है, वहीं उत्तर प्रदेश में 5.5%, महाराष्ट्र में 8.7%, गुजरात में 10.9%, देश की राजधानी दिल्ली में 19.4% घरों में वाहन हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश ऐसे राज्य हैं जहां पर प्रति घर वाहनों की संख्या 3 प्रतिशत से भी कम है.  

क्या कहते हैं लोग: 

आनंद महिंद्रा ने इस मैप को शेयर करने के साथ ही लोगों से पूछा है कि, इस मैप को देखने के बाद वो किस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं. जिसके बाद लोगों ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं दी है. कुछ यूजर का कहना है कि, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात इत्यादि जैसे राज्यों में सार्वजनिक परिवहन बेहतर और कुशल है, जबकि अरुणाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में सार्वजनिक परिवहन के बुनियादी ढांचे की कमी है, इसलिए वहां प्रति परिवार कारों का स्वामित्व अधिक है.

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एक यूजर ने लिखा है कि, "एक और निष्कर्ष यह है कि कार का स्वामित्व परिवार की औसत आय के सीधे आनुपातिक है." इसके अलावा जे. गोपीकृष्णन नाम के एक यूजर ने लिखा है कि, "ऐसा भारी टैक्स और वाहनों की उंची कीमत के कारण हो सकता है." वहीं दिल्ली को लेकर गुलशन नाम के एक यूजर ने लिखा है कि, "दिल्ली में असाधारण सार्वजनिक परिवहन है - मेट्रो और बस दोनों के लिहाज से, हालांकि अभी भी राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक कारें हैं! बाकी सब बहुत स्पष्ट है - भू-भाग और प्रति व्यक्ति आय कार स्वामित्व में प्रमुख कारक हैं." 

वाहन रजिस्ट्रेशन में यूपी है आगे: 

यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि, आनंद महिंद्रा ने जो मैप शेयर किया है वो प्रति-घर पर आधारित है, लेकिन किस राज्य में वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा है ये उससे बिल्कुल अलग है. सड़क परिवहन और राजर्मा मंत्रालय के अनुसार, व्हीकल रजिस्ट्रेशन के मामले में उत्तर प्रदेश अव्वल है. मिनिस्ट्री की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रस्तुत आंकडें बताते हैं कि, उत्तर प्रदेश के बाद सबसे ज्यादा वाहन क्रमश: महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात में हैं. जाहिर है कि, जिन राज्यों में संख्या ज्यादा है वहां पर प्रति-व्यक्ति वाहनों की संख्या भी ज्यादा होगी. 

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