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Biogas Tractor: कम खर्च में बेहतर काम! Mahindra ने पेश किया 'बायोगैस' से चलने वाला CBG ट्रैक्टर

Mahindra Biogas Tractor: देश की प्रमुख ट्रैक्टर निर्माता कंपनी महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने पहली कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) ट्रैक्टर को पेश किया है. कंपनी इस नए ट्रैक्टर को महिंद्रा यूवो टेक प्लस (Yuvo Tech+) नाम दिया है. कंपनी का कहना है कि पावर और परफॉर्मेंस में ये किसी आम डीजल ट्रैक्टर जैसा ही काम करता है.

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Biogas Tractor
Biogas Tractor

देश का ऑटो सेक्टर तकनीक रूप से तेजी से सशक्त हो रहा है. और टेक्नोलॉजी की ये बयार सड़क से होते हुए खेतों तक पहुंचती दिख रही है. अब देश की प्रमुख ट्रैक्टर निर्माता कंपनी महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने पहली कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) ट्रैक्टर को पेश किया है. कंपनी इस नए ट्रैक्टर को महिंद्रा यूवो टेक प्लस (Yuvo Tech+) नाम दिया है. पावरफुल इंजन और अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस ट्रैक्टर के लॉन्च के मौके पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थें.

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कैसा है Mahindra Yuvo Tech+:

लुक और डिजाइन में यह एक आम ट्रैक्टर जैसा ही है और इसका मैकेनिज़्म भी एक डीजल ट्रैक्टर जैसे ही फंक्शन करता है. इस अंतर ये है कि इसमें फ्यूल के तौर पर डीजल की जगह बायोगैस का इस्तेमाल किया जाएगा. फिलहाल ये कॉन्सेप्ट स्टेज पर और प्रोडक्शन रेडी मॉडल आने में अभी समय लगेगा. महिंद्रा अपने इस ट्रैक्टर पर काम कर रहा है ताकि आने वाले समय में देश के किसानों के लिए इसे और भी ज्यादा सुलभ और किफायती बनाया जा सके.

Mahindra BBiogas Tractor

महिंद्रा युवो टेक+ सीबीजी ट्रैक्टर के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह पारंपरिक डीजल ट्रैक्टर तकनीक के बराबर ही पावर और परफॉर्मेंस देने में सक्षम है. साथ ही खेती और ढुलाई के कामों को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार है. कंपनी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि सीबीजी ट्रैक्टर तकनीक का उद्देश्य कृषक समुदाय और पर्यावरण दोनों को लाभ पहुंचाना है. महिंद्रा सीबीजी ट्रैक्टर से प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन में कमी आने की उम्मीद है. 

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क्या होता है बायोगैस?

बायोगैस ऊर्जा का एक ऐसा स्रोत है, जिसे कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका उपयोग घरेलू तथा कृषि कार्यों के लिए भी किया जा सकता है. इस गैस का मुख्य कंपोनेंट हाइड्रो-कार्बन और मिथेन है, जो ज्वलनशील है और जिसे जलाने पर एनर्जी निकलती है. बायोगैस का उत्पादन एक जैव-रासायनिक प्रक्रिया द्वारा होता है. जब बायोडिग्रेडेबल मैटेरियल जैसे खाद्य पदार्थ, पेड़-पौधे और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को सड़ाया जाता है. तो प्रक्रिया द्वारा कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया जैविक कचरे को बायोगैस में बदलते हैं. इस गैस का उत्पादन जैविक प्रक्रिया (बायोलॉजिकल प्रॉसेस) द्वारा होता है, इसलिए इसे जैविक गैस (बायोगैस) कहते हैं. 

भारत में बायोगैस के बेहतर उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं. लेकिन इस गैस को किसी वाहन में इस्तेमाल करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का डेवलप होना भी उतना ही जरूरी है. महिंद्रा के अलावा मारुति सुजुकी भी बायोगैस से चलने वाली कार के निर्माण पर काम कर रही है. जिसे कंपनी ने Wagon R (CBG) के तौर पर बीते ऑटो एक्सपो में दिखाया भी था. लेकिन ऑटो सेक्टर के लिए दैनिक जीवन में बायोगैस तब तक उपयोगी साबित नहीं होगी जब तक ये आमतौर पर बेची जाने वाली CNG की तरह हर जगह उपलब्ध न हो.

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महिंद्रा का ये सीबीजी ट्रैक्टर फिलहाल शुरुआती स्टेज पर है. कंपनी के इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक सोर्स का कहना है कि तकनीकी तैयार है और इंफ्रा का इंतजार है. यानी जैसे ही बायोगैस कमर्शियली वाहनों में इस्तेमाल करने के लिए उपलब्ध होगी वैसे ही ये ट्रैक्टर भी बिक्री के लिए उपलब्ध होगा. महिंद्रा कृषि क्षेत्र में अपने नई तकनीक से लगातार बदलाव लाने की दिशा में काम कर रहा है. पिछले कुछ सालों में कंपनी ने डीजल के अलावा सीएनजी, एलपीजी और डुअल-फ़्यूल से चलने वाले ट्रैक्टरों को भी शोकेस किया था.

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