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कार कंपनियां ड्राइविंग एक्सपीरिएंस को बेहतर करने के लिए लगातार काम कर रही है, इस बाबत कारों में नए एडवांस तकनीक और फीचर्स को शामिल किया जा रहा है. ये फीचर्स इसलिए दिए जा रहे हैं ताकि न केवल कारों की परफॉर्मेंस बेहतर हो बल्कि यूजर को सेफ ड्राइविंग का अनुभव मिले. लेकिन कुछ यूजर्स को इन फीचर्स का गलत इस्तेमाल करते हुए देखा जा रहा है. इसके पीछे वजह चाहे सोशल मीडिया पर रील बनाने की होड़ हो या फिर दिखावा, लेकिन तकनीकी का दुरुपयोग न केवल ऐसे चालकों की जिंदगी खतरे में डाल रहा है बल्कि सड़क पर चलने वाले दूसरों की जान भी सांसत में है.
एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) आज के समय में कारों में दिया जाने वाला एक अत्याधुनिक फीचर है. ये फीचर काफी ट्रेंड में है और कई कारों में इसे लोगों की सेफ्टी को बेहतर बनाने के लिए दिया जा रहा है. लेकिन ताजा मामले में एक शख्स इस फीचर का दुरूउपयोग करता दिख रहा है. इंस्टाग्राम पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें इस शख्स को बड़े ही लापरवाही से अपनी एसयूवी को सड़क पर दौड़ाते देखा जा सकता है.
डैशबोर्ड पर पैर रख सोता शख्स:
इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि, Mahindra XUV700 में दो लोग बैठे हुए हैं जिसमें चालक स्टीयरिंग व्हील को छोड़कर अपने पैरों को डैशबोर्ड पर रखा है और सोने का नाटक कर रहा है. इस दौरान को-ड्राइविंग सीट पर बैठा शख्स शायद उसे बार-बार सामने देखने और स्टीयरिंग व्हील पकड़ने की बात कह रहा है. कार में एक गाना फुल वॉल्यूम पर चल रहा है और इस दौरान गाड़ी की रफ्तार तकरीबन 63 किमी/घंटा है. इस पूरे वाकये को संभवत: कार की पिछली सीट पर बैठा कोई व्यक्ति रिकॉर्ड कर रहा है.
क्या है ADAS फीचर:
एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) सही मायनों में ये फीचर्स का एक ग्रुप है जिसमें ड्राइविंग को बेहतर बनाए जाने वाले कई अलग-अलग सुविधाएं दी जाती हैं. Mahindra XUV700 में ADAS सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है. माना जाता है कि, ये तकनीक इंसानी गलती के कारण होने वाली वाहन दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम करने में मदद करता है. रडार बेस्ड ADAS सिस्टम, मल्टी विजन-बेस्ड एल्गोरिदम पर काम करता है जो कि आसपास के स्थिति और माहौल पर आधारित होता है और उसी के अनुसार ये सिस्टम प्रक्रिया करता है.
आसान शब्दों में समझें तो ADAS सिस्टम ड्राइविंग के दौरान ड्राइवर की सहायता करने के लिए एडवांस तकनीक का उपयोग करता है और इस प्रकार ड्राइवर के परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने में मदद करता है. ये सिस्टम वाहन के चारों ओर की स्थिति को देखने के लिए सेंसर तकनीक का उपयोग करता है और फिर ड्राइवर को जानकारी प्रदान करता है या आवश्यक होने पर स्वयं ही एक्टिव होता है.
कैसे काम करता है ADAS सिस्टम:
जैसा कि हमने बताया कि, ये एक सेंसर और कैमरा बेस्ड तकनीक है. कैमरा-आधारित सेंसर का उपयोग करके ये सिस्टम ड्राइवर और वाहन को ड्राइविंग स्थिति के बारे में अवगत कराने में मदद करता है. सड़क के संकेत, पैदल यात्री, सड़क पर वाहनों की स्थिति और अन्य बैरियर्स को सही ढंग से कैप्चर करने के लिए कई अलग-अलग कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है. जो कि वाहन के आप-पास की स्थिति को सेंसर की मदद से कैप्चर कर सिस्टम में दिए गए सॉफ्टवेयर तक भेजते हैं.
कैमरों द्वारा कैप्चर की गई इमेज यानी कि तस्वीरों का सॉफ्टवेयर द्वारा विश्लेषण किया जाता है और इसी के आधार पर सेफ्टी फीचर्स एक्टिव होते हैं. यह सिस्टम किसी भी तरह की आपात स्थिति में ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग भी अप्लाई कर सकता है, या फिर यदि वाहन अपने लेन से बाहर जा रहा हो या ब्लाइंड स्पॉट पर कोई वाहन मौजूद हो तो इस स्थिति में ये तकनीक वाहन को नियंत्रित करता है.
कुल मिलाकर ये तकनीक वाहन में एक सहयोगी चालक के तौर पर काम करता है. लेकिन इस सिस्टम पर पूरी तरह से निर्भर हो जाना ये कत्तई उचित नहीं है.जानकारों का मानना है कि, जिस लेवल का ADAS तकनीक आपके वाहन में दी गई है उस आधार पर ही आपको ड्राइविंग करनी चाहिए. आखिरकार, ये एक मशीन है और ये पूरी तरह से सेंसर और कैमरा पर बेस्ड होकर काम करता है. इसलिए इसका उपयोग केवल ड्राइविंग इंम्प्रूव करने के लिए ही करें न कि बिना स्टीयरिंग व्हील पकड़े सड़क पर गाड़ी दौड़ाएं.