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बीच सड़क चलती Maruti कार में लगी आग... जिंदा जल गया शख्स! Hybrid कार में आग लगने के क्या हो सकते हैं कारण?

एक स्टडी के मुताबिक पेटोल-डीजल, CNG या इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में हाइब्रिड कारों में आग लगने का खतरा ज्यादा रहता है. इस घटना में जो कार शामिल थी वो Maruti XL6 Hybrid वेरिएंट थी. कार में इस कदर आग लगी कि, कार चालक बाहर भी नहीं निकल पाया और जिंदा जल गया.

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बेंगलुरु-तुमकुरु रोड पर अंचेपाल्या में जिंदल के पास एक मल्टी यूटिलिटी व्हीकल (MUV) में आग लगने से 48 वर्षीय एक रियल-स्टेट एजेंट की जलकर मौत हो गई. कार में आग इस कदर भड़की कि, उसमें सवार कार चालक अपनी जान बचाने के लिए कार से बाहर भी निकल पाया और कुछ ही पलों में वो आग की लपटों से घिर गया. भयावह आग की लपटों से झुलसे कार चालक की पहचान करना मुश्किल हो गया था. चूंकि वाहन कुछ ही सेकंड में आग की लपटों में घिर गया, इसलिए पीड़ित बाहर नहीं निकल सका.

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बताया जाता है कि कार चालक ने दरवाजा खोलने की कोशिश की लेकिन गाड़ी का सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम जाम हो गया था. पास के पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने अग्निशमन यंत्रों (फायर एक्सटिंगुइशर) से आग बुझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन आग इतनी तेज थी कि ये प्रयास भी असफल रहा. एमएन हल्ली पुलिस ने वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर पीड़ित की पहचान जलाहल्ली पश्चिम के शेट्टीहल्ली निवासी टी अनिल कुमार के रूप में की.

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. हमने वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर जांच की तो पाया कि, ये कार मारुति सुजुकी की Maruti XL6 हाइब्रिड जेटा वेरिएंट थी. हालांकि अभी कार में आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है. वहीं अभी इस मामले में कार कंपनी मारुति सुजुकी की तरफ से भी कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

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अनिल के पास नहीं था बचने का कोई मौका: 

घटना के दौरान मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि, ये घटना मंगलवार की दोपहर तकरीबन 3 से 3:15 बजे के बीच की है. जब एक MPV कार शहर की तरफ आगे बढ़ रही थी. अचानक सड़क पर चलते हुए इस कार में आग लग गई और कार चला रहे अनिल ने जब कार से बाहर आने की कोशिश की तो दरवाजे खुल नहीं रहे थें. इस बीच आग ने उग्र रूप धारण कर लिया और पूरी कार आग का गोला बन गई. जिसके चलते अनिल कार से बाहर नहीं आ सका. जब तक स्थानीय लोग आग बुझाने की कोशिश करते तब तक कार चालक बुरी तरह झुलस चुका था.

क्या कहती है पुलिस: 

एमएन हल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर प्रशांत ने आजतक को बताया कि,"Maruti XL6 हाइब्रिड कार में सड़क पर चलते हुए अचानक आग लग गई. इस घटना में कार चालक की आग में झुलसने के चलते मौत हो गई है. उन्होनें बताया कि, इस मामले में कार में आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है और जांच जारी है. इसके अलावा कार निर्माता से भी इस मामले में संपर्क किया गया है."

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Car Fire

सांकेतिक तस्वीर: सड़क पर जलती कार.

CNG नहीं थी कार:
 

शुरुआत में ऐसा माना गया कि, कार सीएनजी फिटेड थी, लेकिन बता दें कि ये एक हाइब्रिड कार थी. इस कार के पीछे से आ रही एक बस को भी रोका गया और उसमें से फायर एक्सटिंगुइशर निकाल कर आग पर काबू पाने की कोशिश की गई, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रही. कुछ ही पलों में आग ने पूरी गाड़ी को अपने आगोश में ले लिया और मेटल पार्ट को छोड़कर कार का पूरा हिस्सा जलकर खाक हो गया.

Hybrid कारों में आग का खतरा: 

AutoInsuranceEZ की एक स्टडी की मुताबिक पेट्रोल-डीजल और इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले हाइब्रिड कारों में आग लगने का खतरा ज्यादा रहता है. अमेरिकी संस्था की इस स्टडी में नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड द्वारा 2020 से रिकॉल किए गए वाहनों के उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर विश्लेषण किया गया. इस विश्लेषण में बताया गया है कि, प्रति 1 लाख यूनिट्स बेचे गए वाहनों में सबसे ज्यादा हाइब्रिड कारों में आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं. वहीं दूसरे स्थान पर गैसोलिन यानी पेट्रोल और तीसरे स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहन रहे हैं.


 

Car Fire

क्या कहते हैं आंकड़ें: 

इस स्टडी के अनुसार सड़क पर चलने वाली प्रति 1 लाख हाइब्रिड कारों में से 3474 वाहनों में आग लगी, वहीं 1 लाख पेट्रोल वाहनों से 1529 यूनिट्स में आगजनी हुई. इसके अलावा प्रति 1 लाख इलेक्ट्रिक कारों में से केवल 25 यूनिट्स में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं. इस डेटा के आधार पर, इलेक्ट्रिक वाहनों में उतनी आग नहीं लगती, जितना कि आमतौर पर दावा किया जाता है. हाइब्रिड कारें आग लगने के मामले में सबसे खतरनाक मानी जाती हैं, उसके बाद गैसोलिन वाहन आते हैं.

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वाहन में क्यों लगती है आग:

कार में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं. आमतौर पर शॉर्ट सर्किट या वाहन के वायरिंग में किसी तरह की फॉल्ट को जिम्मेदार माना जाता है. लेकिन इसके अलावा भी कुछ अन्य कारण हैं जिनसे आग का खतरा बढ़ जाता है. पुराने वाहनों में वायरिंग और बैटरियां के फॉल्ट के चलते आग लगते हुए देखा गया है, जिससे दुर्घटना होने पर उनमें आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. चूंकि अधिकांश इलेक्ट्रिक वाहन अभी तक पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों की उम्र तक नहीं पहुंचे हैं, इसलिए वर्तमान में ऐसा कोई डेटा नहीं है जो यह दर्शाता हो कि पुराने होने के साथ उनमें बैटरी और इलेक्ट्रिक विस्फोट का खतरा अधिक होगा या नहीं.

हालाँकि, इलेक्ट्रिक वाहनों में ओवरचार्जिंग और उच्च तापमान के कारण बैटरी में आग लगने का खतरा होता है. ऐसे कुछ मामले हाल के दिनों में भारत में भी देखे गए हैं, जिनमें इलेक्ट्रिक कारों और स्कूटरों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं. 

कार में आग लगने के कुछ संभावित कारण:

  • दूसरे वाहन से टक्कर होने पर कार में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है.
  • इलेक्ट्रिकल फेल्योर या शॉर्ट सर्किट.
  • ऑयल या गैस लीक होना. 
  • पेट्रोल-डीजल या CNG कारों में इंजन का ओवरहीट होना.
  • कार का खराब मेंटनेंस. 
  • कार में स्मोकिंग मैटेरियल जैसे लाइटर, सिगरेट इत्यादि का इस्तेमाल.
  • वाहन की बैटरी का डैमेज होना.
  • कार की वायरिंग से छेड़छाड़ या वायरिंग डिस्टर्ब होना. 

सेंट्रल लॉकिंग... आग और बचाव?

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आजकल की आधुनिक कारों में सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम एक सुविधा भी है और आपात स्थिति में खतरा भी बन जाता है. ताजा मामले में भी देखा जा सकता है कि, जैसे ही कार में आग लगी वैसे ही सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम जाम हो गया. दरअसल, आग लगने के चलते इलेक्ट्रॉनिक्स वायरिंग खराब हो जाते हैं जो कि ठीक से फंक्शन नहीं करते हैं. इसलिए सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम काम नहीं करता है और कार सवार बाहर नहीं आ पाता है. ऐसे में अपने कार में हमेशा एक छोटा हथौड़ा (Hammer) रखें जिससे कार के विंडो को तोड़ा जा सके और कार सवार बाहर आ सके. इसके अलावा कार में फायर एक्सटिंगुइशर जरूर रखें जो कि किसी भी आपात स्थिति में काम आ सके. 


चलती कार में आग लगने पर क्या करें: 

कार से यदि स्मोक या धुएं की गंध आ रही हो तो तत्काल अपने वाहन को सड़क के किनारे रोकें.
कार का इंजन बंद करें और तत्काल कार से बाहर आएं.
यदि दरवाजे जाम हों तो पैनिक न हों और विंडो तोड़कर बाहर आने का प्रयास करें.
बाहर आने के बाद कार से दूर खड़े हों और आग के बुझने का इंतज़ार करें.
भूलकर भी कार का बोनट खोलने की कोशिश न करें, इसमें आग हो सकती है. 
इस दौरान पुलिस या फायर ब्रिगेड को फोन कर सूचित करें.

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