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ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर सीख सकेंगे वाहन चलाना, जानें क्या है स्कीम! सिर्फ 50% लोग इन ट्रैक्स पर होते हैं पास

दिसंबर 2017 में एनसीटी (NCT) दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के साथ समझौते के तहत मारुति सुजुकी इन ट्रैक्स का निर्माण कर रही है. इन ट्रैक्स पर बमुश्किल 50% लोग ही पास कर पाते हैं, अब सरकार इन ट्रैक्स पर ड्राइविंग ट्रेनिंग देने की सुविधा शुरू कर रही है.

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Automated Driving Test Track in Delhi
Automated Driving Test Track in Delhi

यदि आप दिल्ली में हैं और ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो गए हैं तो आपके लिए गुड न्यूज़ है. अब आप सरकार द्वारा संचालित ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक पर प्रशिक्षकों से ट्रेनिंग भी ले सकेंगे. अधिकारियों का कहना है कि यह पहल सुरक्षा की दिशा में भी एक बड़ा कदम है क्योंकि खाली जगहों की कमी के कारण लोग ड्राइविंग सीखने के लिए सड़कों पर उतरते हैं. ऐसे में ये ऑटामेटेड ड्राइविंग ट्रैक्स (Automated Driving Test Tracks) लोगों को आसानी से और सुरक्षित ड्राइविंग सीखने के लिए भी बेहद मुफीद हैं. 

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अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में 13 ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक हैं, जिनमें से दो - सराय काले खां और लोनी - में फिलहाल ड्राइविंग ट्रेनिंग की यह सुविधा उपलब्ध है. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों को प्रशिक्षण देने के लिए ये ट्रैक्स (ADTTs) काफी बेहतर उपाय साबित होंगे. मौजूदा समय में, दिल्ली में एक महीने में लगभग 40,000 लोग ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) के लिए टेस्ट देते हैं, जिनमें से महज 50% लोग ही ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट पास कर पाते हैं. ऐसे में जब इन्हीं ट्रैक्स पर उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी तो ज्यादा से ज्यादा लोगों द्वारा टेस्ट पास किए जाने की उम्मीद है.

Maruti Suzuki

लाडो सराय, दिल्ली में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक

Maruti Suzuki ने बनाए हैं ट्रैक्स:  

बता दें कि, दिल्ली में शुरू किए गए ये ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक मारुति सुजुकी की साझेदारी में तैयार किए गए हैं. मारुति सुजुकी ने इसी साल मई महीने में लाडो सराय, दिल्ली में इस ट्रैक की शुरुआत की थी. दिसंबर 2017 में एनसीटी (NCT) दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के साथ समझौते के तहत मारुति सुजुकी इन ट्रैक्स का निर्माण कर रही है. समझौते के तहत, मारुति सुजुकी की भूमिका टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण करना, ऑपरेशन और आईटी सिस्टम स्थापित करना और दिल्ली सरकार को सौंपने से पहले तीन साल तक मेंटनेंस में सहायता प्रदान करना है. 

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ये ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक 13 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (RTO) से जुड़े हुए हैं. वहीं ड्राइविंग सीखने की सुविधा प्रदान करने वाले दो ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक मारुति सुजुकी के साथ साझेदारी में चलाए जाते हैं. इसके अलावा बुराड़ी में अशोक लीलैंड द्वारा संचालित एक ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर भी है जो ज्यादातर भारी वाहनों के लिए है. 

परिवहन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि, ''हमारी योजना आम लोगों के लिए 11 ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर ड्राइविंग प्रशिक्षक रखने की है. इस कदम के पीछे एक कारण यह है कि दिल्ली में कोई खाली जगह नहीं है. ड्राइविंग सीखने के लिए लोग सड़कों पर ही गाड़ी चलाना सीखते हैं. ऐसे में विभाग ने अनुभवी प्रशिक्षकों को शामिल करने की योजना बनाई गई है और ट्रेनिंग देने के लिए सुबह और शाम का समय तय किया है. जिसका लाभ ट्रेनिंग लेने वाला शख्स कुछ शुल्क जमा कर उठा सकता है.

Automated Driving Test Track in Delhi

दिल्ली में फुली ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर

मैनुअल पर सबसे ज्यादा लोग होते हैं पास

बताया जा रहा है कि, मैनुअल ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक्स पर पास होने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. इस ट्रैक पर तकरीबन 80 फीसदी लोग पास हो जाते हैं. लेकिन ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक्स पर बमुश्किल 50 प्रतिशत लोग ही पास हो पाते हैं. ऐसी स्थिति में ड्राइविंग ट्रेनिंग देने पर लोगों को टेस्ट में पास होने की संभावना बढ़ जाएगी और लोग आसानी से सुरक्षित ड्राइविंग भी सीख सकेंगे. 

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ड्राइविंग ट्रेनिंग की सुविधा दिल्ली में, बुराड़ी, द्वारका सेक्टर 22, हरि नगर झारोदा कलां, लाडो सराय, मयूर विहार, राजागार्डन, रोहिणी सेक्टर 28, विश्वास नगर, वज़ीरपुर, शकूर बस्ती में बनाए गए टेस्टिंग ट्रैक्स पर प्रदान किए जाने की योजना है. शहर में जो टेस्ट सेंटर केवल दिन में चलते हैं वहां पर औसतन 150-170 लोग ड्राइविंग टेस्ट देते हैं, वहीं जो सेंटर पर दिन-रात ऑपरेशनल हैं वहां पर ये संख्या प्रतिदिन 180-210 तक बढ़ जाती है.

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