पेट्रोल और डीजल की महंगाई ना सिर्फ आम आदमी बल्कि सरकार के लिए भी सरदर्द बनी हुई है. तभी तो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को आपने बार-बार वैकल्पिक ईंधन और इलेक्ट्रिक व्हीकल की पैरोकारी करते पाया होगा. अब गडकरी ने ऐसा सुझाव दिया है जिसे मानने पर ना सिर्फ पेट्रोल-डीजल की महंगाई से छुटकारा मिलेगा, बल्कि भारत ईंधन का इंपोर्ट करने के बजाय एक्सपोर्ट करने लगेगा.
पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता घटाने की जरूरत
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने हाल में एक कार्यक्रम में कहा कि देश को पेट्रोल और डीजल के आयात पर निर्भरता से मुक्ति की जरूरत है. वहीं कई देश पेट्रोल और डीजल की बिक्री से आतंकवाद को वित्तीय पोषण देने का भी काम कर रहे हैं. ऐसे में हमें ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ पर काम करना चाहिए.
पेट्रोल-डीजल से बेहतर ‘ग्रीन हाइड्रोजन’
गडकरी ने कहा कि ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ पेट्रोल और डीजल से बेहतर ईंधन है. इससे परिवहन क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत को ऐसा देश बनाना चाहते हैं जो पेट्रोल और डीजल के आयात पर निर्भर ना रहे. बल्कि ईंधन का निर्यात करे.’’
उन्होंने कहा कि देश अभी जो समस्याएं झेल रहा है, पेट्रोल और डीजल का आयात कम करने से उनका समाधान हो सकता है. उन्होंने देश में एल्युमीनियम और तांबे के आयात पर भी चिंता जताई और कहा कि देश में इनका पर्याप्त भंडार होने के बावजूद इनका आयात करना बड़े दुर्भाग्य की बात है.
वैकल्पिक ईंधन की करते रहते हैं वकालत
गडकरी वैकल्पिक ईंधन की यदा-कदा वकालत करते देखे जाते हैं. इथेनॉल, सीएनजी, बायो-एलएनजी के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देना उनके एजेंडे में शामिल है. गडकरी कई मौकों पर कह चुके हैं कि यदि पेट्रोल की जगह इथेनॉल को बढ़ावा दिया जाएगा तो ये ग्राहक को प्रति लीटर पेट्रोल के खर्च पर 20 रुपये की बचत देगा.
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