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इलेक्ट्रिक कार से 50KM के सफर पर लाखों की बचत, 5 साल में फूंक देंगे 5 लाख का पेट्रोल

Tata Nexon vs Tata Nexon EV: अधिकतर ग्राहक पेट्रोल और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतों में बड़ा अंतर को देखकर ही इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने का फैसले टाल देते हैं, क्योंकि ग्राहक पेट्रोल के मुकाबले इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए बहुत ज्यादा कीमत चुकाने के पक्ष में नहीं हैं. 

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पेट्रोल के मुकाबले इलेक्ट्रिक गाड़ियां महंगी
पेट्रोल के मुकाबले इलेक्ट्रिक गाड़ियां महंगी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पेट्रोल वाली नेक्सॉन की तुलना में इलेक्ट्रकि Nexon महंगी
  • महंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियां होने की वजह से बिक्री कम

इलेक्ट्रिक गाड़ियों (Electric Vehicles) की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है. महंगे पेट्रोल-डीजल के इस दौर में हर कोई चाहता है कि वो भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों से ही चले. लेकिन लोग चाहकर भी इलेक्ट्रिक वाहन नहीं खरीद पाते हैं. इस बीच अब सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने संसद में ऐसा दावा कर दिया है कि जिससे लगता है कि अगले दो वर्षों में अधिकतर लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही खरीदने लगेंगे. 

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नितिन गडकरी की मानें तो अगले दो वर्षों में पेट्रोल और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतें एक बराबर हो जाएंगी. नितिन गडकरी के दावों में कितना दम है, ये तो दो साल के बाद ही पता चल पाएगा. लेकिन अभी इलेक्ट्रिक गाड़ियां नहीं अपनाने की सबसे बड़ी वजह भी महंगी कीमत ही है.

इतनी महंगी क्यों इलेक्ट्रिक गाड़ियां?

दरअसल, ग्राहक पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों से छुटकारा चाहते हैं. लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियां इतनी महंगी हैं कि वो पांव पीछे खींच लेते हैं. फिलहाल भारत में सबसे ज्यादा टाटा की इलेक्ट्रिक कारें बिकती हैं. इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में टाटा (Tata Electric Cars) Nexon EV और Tigor EV जैसी गाड़ियों की बिक्री करती है. जिसमें सबसे ज्यादा डिमांड Tata Nexon EV की है. फरवरी- 2022 में इन दोनों की 2,846 यूनिट्स बिकीं.

टाटा नेक्सॉन इलेक्ट्रिक या टाटा नेक्सॉन पेट्रोल बेहतर?

फिलहाल करीब हर महीने 2000 यूनिट्स Nexon EV की बिक रही है. लेकिन जब आप पेट्रोल वाली नेक्सॉन की तुलना इलेक्ट्रिक नेक्सॉन से करेंगे तो कीमतों में फर्क को देखकर हैरान रह जाएंगे. अधिकतर ग्राहक पेट्रोल और इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतों में बड़ा अंतर को देखकर ही इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने का फैसले टाल देते हैं, क्योंकि ग्राहक पेट्रोल के मुकाबले इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए बहुत ज्यादा कीमत चुकाने के पक्ष में नहीं हैं. 

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सबसे ज्यादा Nexon EV की डिमांड
अभी टाटा की बेस्ट सेलिंग इलेक्ट्रिक कार Tata Nexon EV है, इसके बेस मॉडल (Tata Nexon EV- XM) की शुरुआती कीमत 14.54 लाख रुपये है. जबकि टॉप मॉडल की शुरुआती कीमत 17.15 लाख रुपये है. नेक्सॉन इलेक्ट्रिक 5 वेरिएंट्स में उपलब्ध है. यह कार केवल 9.9 सेकंड में 0-99 km/h की स्पीड पकड़ लेती है. 

अब पेट्रोल वाली नेक्सॉन की बात करते हैं, इसकी शुरुआती कीमत 7.42 लाख से 13.70 लाख रुपये के बीच है. जबकि दिल्ली में नेक्सॉन (Petrol) की ऑन रोड कीमत 8.44 लाख से शुरू होकर 16.42 लाख रुपये तक जाती है. 

अगर इलेक्ट्रिक वाली नेक्सॉन से पेट्रोल वाली नेक्सॉन की तुलना करें तो कीमतों में भारी फर्क दिखता है. Tata Nexon- XM (पेट्रोल) की शुरुआती कीमत 8,42,900 रुपये है. जबकि इसके इलेक्ट्रिक वेरिएंट Tata Nexon EV- XM की शुरुआती कीमत 14.54 लाख रुपये है. इन दोनों के बीच कीमतों में 6,11,100 रुपये का फर्क है. सेम मॉडल होने के बावजूद पेट्रोल से इलेक्ट्रिक वाली Nexon की कीमत 6 लाख रुपये से ज्यादा है. 

ज्यादा कीमत की वजह से बिक्री में गिरावट

कहां है बचत?
अगर आप Tata Nexon- XM (पेट्रोल) खरीदते हैं, जिसकी एक्स-शोरूम कीमत  8,42,900 रुपये है, जिसका ऑन रोड प्राइस करीब साढ़े 9 लाख रुपये है. अगर आप रोजाना इस कार करीब 50 किलोमीटर चलते हैं, यानी महीने भर करीब 1500 किलोमीटर का सफर करते हैं. एक अनुमान के मुताबिक पेट्रोल 100 रुपये लीटर है, तो इस हिसाब से महीने का खर्च 8,620 रुपये बैठता है. जो सालभर में 1,03,440 रुपये हो जाता है. पांच साल में यह आंकड़ा 517,200 रुपये हो जाएगा. ये कैलकुलेशन 17.4 किमी प्रति लीटर (ARAI माइलेज) के हिसाब से निकाला गया है. 

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अब बात इलेक्ट्रिक नेक्सॉन की करते हैं, Tata Nexon EV- XM की शुरुआती कीमत 14.54 लाख रुपये है. जिसकी दिल्ली में On Road Price साढ़े 15 लाख रुपये है. इस कार चलाने में प्रति किलोमीटर करीब एक रुपये का खर्च आता है. ऐसे में 50 किलोमीटर रोजाना चलने वालों को महीने में केवल 1500 रुपये का खर्च बैठेगा, साल में 18000 रुपये और 5 साल में खर्च करीब 90 हजार रुपये हो जाएगा.  

पेट्रोल के मुकाबले इलेक्ट्रिक गाड़ियां महंगी

बचत का फॉर्मूला 

ऐसे में देखें तो 50 किलोमीटर के रोजाना सफर पर पेट्रोल वाली नेक्सॉन को चलाने में आप 5 साल में 5 लाख रुपये पेट्रोल में फूंक देंगे. जबकि इस दौरान नेक्सॉन इलेक्ट्रिक पर 1 लाख रुपये से भी कम खर्च आएगा. यानी पेट्रोल वाली नेक्सॉन खरीदने से अभी आपको जो बचत हो रही है, उसे आप अगले 5 सालों में पेट्रोल पर खर्च कर देंगे. अब आप खुद फैसला ले सकते हैं तो बेहतर विकल्प कौन है? 

कंपनी की मानें नेक्सॉन EV को चलाने के लिए केवल 0.97 रुपये प्रति किमी की लागत आती है, वहीं पेट्रोल नेक्सॉन पर लागत 6.12 रुपये प्रति किलोमीटर आती है. यही नहीं, कंपनी Tata Nexon ev की बैट्री और मोटर (Battery & Motor Warranty) पर 8 साल या फिर 1.6 लाख किलोमीटर तक की वारंटी देती है. 

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हालांकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ अभी देश में कई चुनौतियां हैं, खासकर चार्जिंग स्टेशनों की कमी, सर्विस सेंटर और बेहतरीन बैट्री रेंज पर काम करने की जरूरत है. साथ ही ग्राहकों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर विश्वास भी जगाना होगा.

 

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