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Tesla Vs Tesla Power: दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची ट्रेडमार्क की लड़ाई, Musk ने गुरुग्राम की कंपनी को कोर्ट में घसीटा

Tesla Vs Tesla Power USA: दुनिया के सबसे रईस शख्स एलन मस्क की कंपनी टेस्ला इंक (Tesla Inc's) और गुरुग्राम बेस्ड बैटरी निर्माता कंपनी टेस्ला पावर इंडिया (Tesla Power) के बीच ट्रेडमार्क को लेकर हुई मध्यस्थता वार्ता विफल हो गई है. अब इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट में होगी.

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Tesla Inc Vs Tesla Power
Tesla Inc Vs Tesla Power

Tesla Vs Tesla Power Dispute: अमेरिकी उद्योगपति और दुनिया के सबसे रईस शख्स एलन मस्क की कंपनी टेस्ला इंक (Tesla Inc's) और गुरुग्राम बेस्ड बैटरी निर्माता कंपनी टेस्ला पावर इंडिया (Tesla Power) के बीच ट्रेडमार्क को लेकर हुई मध्यस्थता वार्ता विफल हो गई है. जिसके बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने बुधवार को अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन दिग्गज के ट्रेडमार्क उल्लंघन विवाद पर 15 अप्रैल को सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की है.

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अमेरिका और गुरुग्राम बेस्ड इन दोनों कंपनियों के बीच पिछले साल ट्रेडमार्क को लेकर विवाद शुरू हुआ था. जिसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों को मध्यस्थता के माध्यम से ट्रेडमार्क के कथित उल्लंघन पर अपने विवाद को सुलझाने और दिल्ली उच्च न्यायालय मध्यस्थता और सुलह केंद्र के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा था. लेकिन ये बातचीत खत्म हो गई है और अब दोनों पक्ष 15 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट में उपस्थित होंगे जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी करेंगे.

क्या है मामला:

एलन मस्क की कंपनी टेस्ला इंक ने पिछले साल मई में ट्रेडमार्क उल्लंघन के मुद्दे पर टेस्ला पावर पर मुकदमा दायर किया था. अमेरिकी कार निर्माता ने भारतीय कंपनी पर यह आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था कि, वह ग्राहकों को गुमराह कर रही है और भ्रम भी पैदा कर रही है और संभवतः इसकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचा रही है. टेस्ला पावर पर टेस्ला नाम से इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचने का भी आरोप लगाया गया था.

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Tesla Power USA

मुकदमा दायर होने के बाद गुरुग्राम बेस्ड टेस्ला पावर ने कहा कि टेस्ला नाम से कुल 699 इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचे गए है. लेकिन कंपनी का मुख्य व्यवसाय ऑटोमोबाइल और इनवर्टर के लिए लेड-एसिड बैटरी बनाना है, जबकि यह इलेक्ट्रिक वाहन नहीं बनाती है. कंपनी का कहना था कि, इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री ई-अश्व (E-Ashwa) नामक एक अन्य ईवी निर्माता के साथ साझेदारी में की गई थी. टेस्ला पावर ने यह भी कहा कि उसका इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का बिल्कुल भी इरादा नहीं है.

अब क्या होगा...

चूंकि दोनों कंपनियों के बीच मध्यस्थता बातचीत विफल रही है तो दिल्ली की अदालत अब अप्रैल में सुनवाई करेगी. 15 अप्रैल को सिंगल-जज न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी मामले की सुनवाई करेंगे इसके बाद ही इस मामले पर कोई अपडेट सामने आ सकेगा.

इससे पहले, टेस्ला पावर का प्रतिनिधित्व करने वाले साई दीपक ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि, टेस्ला कोई यूनिक ट्रेडमार्क नहीं है क्योंकि भारत और अन्य देशों में इस नाम से अन्य कंपनियाँ रजिस्टर्ड हैं. "इसलिए, किसी के लिए यह कहना कि एलन मस्क की वजह से, हम ही एकमात्र ऐसे लोग हैं जो टेस्ला पर दावा करने के हकदार हैं और इस पर एकाधिकार, स्पष्ट रूप से कहें तो, उचित नहीं है."

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