टोयोटा दुनिया की सबसे बड़ी कार कंपनियों में से एक है. भारत में भी इस कंपनी का बड़ा कारोबार है. लेकिन अब कंपनी का कहना है कि वह अपने बिजनेस को भारत में विस्तार नहीं देगी. दरअसल, टोयोटा मोटर्स कॉर्प ने भारत में अपने कारोबार का विस्तार करने पर रोक लगाई है.
कंपनी ने इसके लिए भारत में ज्यादा टैक्स को जिम्मेदार बताया है. कंपनी की मानें तो भारत में बहुत ज्यादा टैक्स वसूला जाता है और इससे उसका कारोबार प्रभावित हो रहा है. टोयोटा का यह बयान भारत सरकार के लिए किसी झटके से कम नहीं है.
भारत में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन शेखर विश्वनाथन ने कहा कि सरकार कार और बाइक पर ज्यादा टैक्स वसूलती है. जिससे कंपनी को कारोबार बढ़ाने में मुश्किलें आ रही हैं.
कंपनी की दलील
यही नहीं, टोयोटा कंपनी का कहना है कि ज्यादा टैक्स की वजह से गाड़ियां महंगी हो जाती हैं, और फिर सभी ग्राहक खरीद नहीं पाते हैं. इसके अलावा मांग घटने से प्लांट में प्रोडक्शन पर असर पड़ता है, और प्रोडक्शन कम होने से रोजगार के नए अवसर पैदा नहीं हो रहे हैं. हालांकि कंपनी ने कहा कि वे भारतीय बाजार से कारोबार को नहीं समेटगी.
टोयोटा ने भारत में अपने कारोबार की शुरुआत 1997 में की थी. इसकी लोकल यूनिट में जापानी कंपनी की 89 फीसदी हिस्सेदारी है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के डाटा के मुताबिक, अगस्त 2020 में कंपनी की भारतीय बाजार में हिस्सेदारी सिर्फ 2.6 फीसदी रह गई है जो एक साल पहले 5 फीसदी थी.
भारत में कार, दोपहिया और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (इलेक्ट्रिक वाहन को छोड़कर) पर 28% तक टैक्स लगता है. इसके अलावा कार के डिजाइन, साइज और इंजन के आकार के आधार पर 1% से लेकर 22% तक अतिरिक्त टैक्स को जोड़ा जाता है. वहीं 1500 सीसी से अधिक की इंजन क्षमता वाली 4-मीटर लंबी एसयूवी पर अतिरिक्त टैक्स वसूला जाता है.