सोशल मीडिया पर कई बार ऐसे वीडियो वायरल होते हैं, जो आपका मन मोह लेते हैं. ऐसा ही एक वीडियो तमिलनाडु का वायरल हो रहा है जहां सड़क पर पड़े कंकड़-पत्थर और रोड़ी को एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी झाड़ू से हटा रहा है.
गाड़ियों के फिसलने का डर
वीडियो में सड़क पर बड़ी संख्या में कंकड़-पत्थर को पड़े देखा जा सकता है. इससे गाड़ियों खासकर के 2-व्हीलर्स के फिसलने का जोखिम बढ़ जाता है. संभवतया इसी बात को ध्यान में रखकर ट्रैफिक हवलदार ने खुद ही सड़क पर सफाई करने का निर्णय किया है.
Respect for You.🙏 pic.twitter.com/Bb5uZktpZk
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) June 16, 2022
हालांकि ट्रैफिक पुलिस हवलदार के इस काम की जहां कुछ लोग सराहना कर रहे हैं, तो कई लोगों ने इसका विरोध किया है.
ऐसे बहुत कम कर्मचारी होते हैं, जो सिर्फ ड्यूटी ही नहीं, मानवता भी निभाते हैं. लेकिन सरकार इनको तरक्की नहीं देती. अगर सरकार इनको तरक्की दे तो, हर कर्मचारी मानवतावादी हो जाए.
— shaikh (@shaikh066) June 17, 2022
एक यूजर ने लिखा-ये बहुत गलत बात है. सही काम गलत इंसान कर रहा है. उसका काम लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करना है.
Very improper. Right man is doing a wrong job. His duty is Law and order. Instead he must make the related people do their service.
— P.M.Murali (@murali9_pm) June 16, 2022
वहीं एक और यूजर ने ट्रैफिक पुलिस वालों की दिक्कतें भी गिना दी हैं. इनमें कड़कड़ाती धूप में काम करना और परेशानियों से जूझना है.
सर मैंने रायपुर में ऐसे कई ट्रैफिक पुलिस वालों को कड़कड़ाती धूप में काम करने वाले देखें हैं। जो बेचारे बहुत ज्यादा परेशानी में काम करते हैं। आप तो बड़े अधिकारी हैं उनके लिए शासन से कुछ व्यवस्था करवा सकते हैं जैसे
— Dayanand hota (@dayanandhota) June 16, 2022
1. छत वाली ट्रैफिक umbrella
2. कम घंटो की शिफ्ट
आप मदद करें उनकी
एक और यूजर ने लिखा- ये पुनीत कार्य है. लेकिन ये काम सफाईकर्मी का है. मेरे स्कूल में सफाई कर्मी पिछले सात साल में सात दिन भी नहीं आया होगा. मजबूरी में यह काम स्कूल की रसोइया या हम शिक्षकों को करना पड़ता है.
पुनीत कार्य। लेकिन यह काम सफाईकर्मी का है। सफाई कर्मी कहाँ अटैच रहते हैं? सब जानते हैं। लेकिन डर की वजह से कोई बोलता नहीं। मेरे स्कूल में सफाई कर्मी पिछले सात साल में सात दिन भी नहीं आया होगा। मजबूरी में यह काम स्कूल की रसोइया या हम शिक्षकों को करना पड़ता है।
— Lodhi P K Premi (@PremKishorPrem4) June 16, 2022
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