कोविड महामारी के बाद देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर (Automobile Sector) में एक बार फिर से चमक लौटती नजर आ रही है. गाड़ियों के प्रोडक्शन और बिक्री के आंकड़ों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इस बीच ऑटो कंपनियां लगातार नई गाड़ियां लॉन्च कर रही हैं. ऑटो बिक्री के डेटा से भी मिली-जुली तस्वीर की झलक मिलती है. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (SIAM) के मुताबिक, प्रोडक्शन में बढ़ोतरी की बदौलत कार, वैन और यूटिलिटी वाहनों सहित वाहनों की बिक्री एक साल के पहले के मुकाबले अगस्त में 21 फीसदी बढ़कर 2,81,210 यूनिट हो गई. दोपहिया वाहनों की बिक्री 16.63 फीसदी बढ़कर 15.6 लाख यूनिट हो गई.
प्रीमियम सेगमेंट की कारें खूब बिकीं
क्रिसिल के विश्लेषण ने इस रुझान की तस्दीक करते हुए बताया कि 10 लाख रुपये से ऊपर की कीमत वाली या प्रीमियम सेगमेंट की कारें, पिछले वित्त वर्ष में इससे कम कीमत की कारों के मुकाबले पांच गुना ज्यादा तेजी से बिकीं. इसके विपरीत एंट्री लेवल की सवारी कारों, दोपहियों और तिपहिया वाहनों का बाजार अब भी ऊबर नहीं पाया है. कम मांग की एक वजह गिरती आमदनी है, तो रेपो रेट में तीसरी बढ़ोतरी और लगातार महंगाई ने भी दबाव बनाया है.
मिडिल क्लास की बदली धारणा
क्रिसिल का नोट कहता है- 'भारत में पहली बार इस्तेमाल करने वाले या यूज्ड कारों से अपग्रेड करने वाले आम तौर पर कम कीमत वाली कारें खरीदते हैं. महामारी ने एंट्री लेवल की कार खरीदने वालों की आमदनी की धारणा पर काफी असर डाला. ऐसे में खरीद और अपग्रेड के फैसले टाल दिए गए. ऑटो सेक्टर में एकतरफा बहाली की यही वजह है'.
दोपहिया वाहनों बिक्री गिरी
ग्रामीण अर्थव्यवस्था का संकेत देने वाली दोपहिया वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 2022 में गिरी है. सवारी वाहनों की बिक्री साल दर साल के लिहाज से जुलाई में 11 फीसदी बढ़ी है. लेकिन इस विरोधाभास पर नजर डालिए कि महंगी कारें तो ज्यादा बिकीं, लेकिन सस्ती कारों की बिक्री उतनी नहीं हुई है.
दोपहिया वाहनों की बिक्री के आंकड़े
वित्त वर्ष | बिक्री के आंकड़े |
2017 | 1,75,90,000 |
2018 | 2,02,00,000 |
2019 | 2,11,80,000 |
2020 | 1,74,16,000 |
2021 | 1,51,21,000 |
2022 | 1,34,66,000 |
सवारी वाहनों के बिक्री के आंकड़े
वित्त वर्ष | बिक्री के आंकड़े |
2017 | 30,48,000 |
2018 | 32,89,000 |
2019 | 33,77,000 |
2020 | 27,74,000 |
2021 | 27,11,000 |
2022 | 30,69,000 |
ऑटो सेक्टर के लिए परेशान करने वाली बात यह है कि हासिल की गई बहाली एकसमान नहीं है. मसलन प्रीमियम श्रेणी वाहनों की तरह कॉम्पैक्ट एसयूवी श्रेणी की 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली कारों की बिक्री में जोरदार तेजी आई है, लेकिन निम्न आय समूहों के बीच मांग का पैमाना समझे जाने वाले दोपहिया वाहनों की बिक्री सुस्त रही.
(इनपुट- इंडिया टुडे)