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Vehicle Scrap Policy पर बड़ा फैसला, पुरानी के बदले नई गाड़ी लेने पर बचेगा 25% तक टैक्स!

पुराने गाड़ियों को कबाड़ में देने के बाद आपको जो सर्टिफिकेट मिलेगा, नई गाड़ी खरीदते वक्त उसे जमा करने पर राज्य सरकारें मोटर व्हीकल टैक्स में 25% तक की छूट देंगी. सरकार ने Vehicle Scrappage Policy के तहत नया नोटिफिकेशन जारी किया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Vehicle Scrap Policy को लेकर बड़ा फैसला
Vehicle Scrap Policy को लेकर बड़ा फैसला
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अगले साल अप्रैल से लागू होगी कबाड़ नीति
  • सड़कों से हटेंगी ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियां
  • देशभर में बनेंगे रजिस्टर्ड स्क्रैप सेंटर

देश की सड़कों से पुरानी और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को हटाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति (National Vehicle Scrappage Policy) पेश की है. अब इसे लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी पुरानी गाड़ियां हटाने को प्रोत्साहित होंगे.

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मोटर व्हीकल टैक्स पर 25% तक छूट

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अपने प्रेस नोट में कहा है कि अब अगर कोई व्यक्ति अपनी पुरानी गाड़ी किसी रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर पर कबाड़ में देता है, तो वहां से मिलने वाले स्क्रैप सर्टिफिकेट से नई गाड़ी खरीदने पर उसे टैक्स में भारी बचत होगी. निजी इस्तेमाल के लिए खरीदी जाने वाली नई गाड़ियों (पर्सनल व्हीकल) पर ये छूट 25% तक होगी. जबकि कमर्शियल वाहनों पर ये 15% तक होगी. 

ज्यादा लोग होंगे प्रोत्साहित

सरकार का मानना है कि पुरानी गाड़ी के बदले टैक्स पर इतनी छूट देने से ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी पुरानी गाड़ियों को हटाने के लिए प्रोत्साहित होंगे. Vehicle Scrap Policy असल में सभी पक्षों के लिए मुनाफे का सौदा वाली स्कीम है. सरकार के मुताबिक इससे देश में नई गाड़ियों की मांग बढ़ेगी, तो कबाड़ से निकलने वाली धातु, रबर, कांच का पुन: इस्तेमाल बढ़ेगा और कच्चे माल की लागत कम होगी. इससे गाड़ियां सस्ती होंगी. वहीं पुरानी गाड़ी हटाने से लोगों को बेहतर माइलेज की नई गाड़ियां मिलेंगी, वाहनों से फैलने वाला प्रदूषण कम होगा और लोग नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सकेंगे.

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अगले साल अप्रैल से लागू

देश में Vehicle Scrap Policy अगले साल 1 अप्रैल 2022 से लागू होनी है. इसके लागू होने के बाद पुरानी गाड़ियों के लिए गाड़ी मालिकों को एक निश्चित समय सीमा के बाद फिटनेस टेस्ट कराना होगा. अगर गाड़ियां टेस्ट में सही पाई जाती हैं तो उन्हें कुछ टैक्स देकर आगे भी इस्तेमाल किया जा सकेगा, अन्यथा उन्हें कबाड़ में भेज दिया जाएगा. इसके लिए देशभर में रजिस्टर्ड कबाड़ सेंटर भी स्थापित किए जाएंगे.

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