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Union Budget 2023: व्हीकल स्क्रैपिंग में राज्यों की मदद करेगी केंद्र सरकार, 9 लाख सरकारी वाहन हो जाएंगे कबाड़

Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, "पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बदलना हमारी अर्थव्यवस्था को हरा-भरा करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह बहुत ही आवश्यक है. इसलिए केंद्र सरकार व्हीकल स्क्रैपिंग में राज्यों की मदद करेगी.

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सांकेतिक तस्वीर: Vehicle Scrapping- Pic: Getty Images
सांकेतिक तस्वीर: Vehicle Scrapping- Pic: Getty Images

पुराने प्रदूषण करने वाहनों से छुटकारा पाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करने के दौरान वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी को बढ़ावा देने और राज्य सरकारों को भी इस पॉलिसी के लिए मदद करने का बड़ा ऐलान किया. उन्होनें घोषणा की कि, केंद्रीय बजट 2023-24 में केंद्र सरकार के पुराने वाहनों को स्क्रैप करने और बदलने के लिए "पर्याप्त धन" आवंटित किया गया है, साथ ही पुराने सरकारी वाहनों और एंबुलेंस को बदलने में राज्यों की मदद की जाएगी.

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यह कदम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के हरित अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के उद्देश्य का हिस्सा है. सीतारमण ने कहा, "पुराने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बदलना हमारी अर्थव्यवस्था को हरा-भरा करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह बहुत ही आवश्यक है. बजट 2021-22 में उल्लिखित वाहन स्क्रैपिंग नीति को आगे बढ़ाने में, केंद्र सरकार के पुराने वाहनों को स्क्रैपिंग पॉलिसी के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की गई है." उन्होंने कहा, "पुराने वाहनों और पुरानी सरकारी एंबुलेंस को बदलने में भी राज्यों की मदद की जाएगी।"

क्या है व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी:  

बता दें कि, व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी का उद्देश्य पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बाहर करने की एक योजना है. 1 अप्रैल 2022 से लागू होने वाली ये नीति राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में अब पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद खरीदे जाने वाले नए वाहनों के लिए 25 प्रतिशत की कर छूट प्रदान करेगा. 2021 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति की शुरुआत की थी और नितिन गडकरी ने कहा था कि वह प्रत्येक शहर के केंद्र से 150 किलोमीटर के भीतर एक ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग सुविधा विकसित करना चाहते हैं.

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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अनुसार, इस प्रोजेक्ट से लगभग 10,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश और 35,000 रोजगार के अवसर की उम्मीद है. इस पॉलिसी के तहत 20 साल से पुराने प्राइवेट पैसेंजर वाहन और 15 साल से पुराने कमर्शियल वाहन फिटनेस प्रमाणपत्र प्राप्त करने में विफल होते हैं तो उनका पंजीकरण (Registration) रद्द कर दिया जाएगा.

9 लाख सरकारी वाहन हो जाएंगे कबाड़: 

भारत सरकार ने पहले 10 साल से पुराने निजी डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के लिए वाहन कबाड़ नीति शुरू की थी. अब सरकार ने घोषणा की है कि 1 अप्रैल 2023 से 15 साल से पुराने सरकारी वाहनों और बसों को बंद कर दिया जाएगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, केंद्र और राज्यों के स्वामित्व वाले 15 साल से अधिक पुराने 900,000 से अधिक वाहनों को खत्म कर दिया जाएगा, क्योंकि सरकार सड़क परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने के लिए आगे बढ़ रही है.

फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि, "भारत सरकार देश में मोबिलिटी सेक्टर को बदलने की कोशिश कर रही है और इसे और अधिक टिकाऊ और कार्बन तटस्थ बनाने की कोशिश कर रही है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों, इथेनॉल, मेथनॉल, बायो-सीएनजी और बायो-एलएनजी के उपयोग को बढ़ावा देने की की वकालत कर रही है. उन्होनें कहा कि, "हमने अब नौ लाख से अधिक सरकारी वाहनों को हटाने की मंजूरी दे दी है, इससे वायु प्रदूषण में और कमी आएगी."

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