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Union Budget 2023: इलेक्ट्रिक वाहन होंगे सस्ते, बजट में निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान

Union Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, "इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले (Lithium-iOn) बैटरियों पर लगने वाले सीमा शुल्क को कम कर के 13 फिसदी कर दिया गया है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड और बिक्री दोनों ही तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में ऑटो सेक्टर को इस बार आम बजट से काफी उम्मीदे थीं. इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं की भी मांग थी कि बैटरियों पर लागू होने वाले सीमा शुल्क (Custom Duty) में थोड़ी राहत मिले. आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट (Union Budget) को पेश करने के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने के वाले लिथियम बैटरियों पर लगने वाले सीमा शुल्क को कम करने की घोषणा की है. इससे इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे. 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, "इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले (Lithium-iOn) बैटरियों पर लगने वाले सीमा शुल्क को कम कर के 13 फिसदी कर दिया गया है. इसके अलावा प्राकृतिक गैस, बायोगैस के भी उत्पाद शुल्क पर छूट दिया जा रहा है." बता दें कि, केंद्र सरकार लंबे समय से पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने और इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. ऐसे में आम बजट में बैटरियों के कस्टम ड्यूटी में छूट दिए जाने इलेक्ट्रिक वाहनों के सस्ते होने की रूपरेखा तैयार हो चुकी है. 

लिथियम-आयन बैटरी पैक और सेल पर कस्टम ड्यूटी 21 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत कर दिया गया है. यह जानना भी जरूरी है कि वर्तमान में लिथियम सेल भारत में निर्मित नहीं होते हैं. बता दें कि, साल 2020 में, भारत में लिथियम-आयन बैटरी का बाजार 1.66 बिलियन डॉलर आंका गया था. 2027 तक, यह 2022-2027 की पूर्वानुमान अवधि के दौरान 17.23 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ बढ़कर 4.85 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है. 

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आज, के समय में इलेक्ट्रिक वाहनों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक शक्तिशाली हथियार के रूप में जाना जाता है. वर्तमान में, भारतीय सड़कों पर 14 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ रहे हैं, जो पिछले साल 4 प्रतिशत से ज्यादा एडॉप्शन रेट के हिसाब से आगे बढ़ा है, जबकि 2019 में यह केवल 0.7 प्रतिशत था. लोग तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. 

 

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