देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) ने टोयोटा सुशो (Toyota Tsusho) के साथ मिलकर अपना पहला व्हीकल स्क्रैप सेंटर (Vehicle Scrap Centre) खोला है. ये सेंटर सरकार की हाल में घोषित व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के हिसाब से बनाया गया है.
हर महीने कबाड़ होंगी 2000 गाड़ियां
इस स्क्रैप सेंटर का ऑपरेशन Maruti Suziki Toyotsu India Pvt. Ltd. संभालेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसका मंगलवार को उद्घाटन किया. उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
Congratulations to Maruti Suzuki Toyotsu India Pvt Ltd for setting up their first state-of-the-art vehicle scrapping and recycling centre using environment friendly best practices with local equipment and global expertise.@Maruti_Corp pic.twitter.com/apiPSws2jc
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) November 23, 2021
मारुति के इस स्क्रैप सेंटर पर हर महीने करीब 2,000 गाड़ियों को स्क्रैप किया जा सकेगा. करीब 10,993 वर्ग मीटर में फैले इस स्क्रैप सेंटर को बनाने में कंपनी ने 44 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति
इस मौके पर गडकरी ने कहा कि पुरानी गाड़ियां नई गाड़ियों के मुकाबले अधिक प्रदूषण करती हैं. ऐसे में पुरानी गाड़ियों को हटाने की जरूरत है और वाहन कबाड़ नीति प्रदूषण को नियंत्रित करने के अहम उपायों में से एक है. सरकार को उम्मीद है कि स्क्रैप पॉलिसी से गाड़ियों की बिक्री 10-12% बढ़ेगी.
मात्र 3 घंटे में कबाड़ में बदलेगी कार
मारुति का ये स्क्रैप सेंटर काफी अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है और इस सेंटर पर सिर्फ 3 घंटे से कुछ अधिक की अवधि में ही एक कार को पूरी तरह से कबाड़ में बदला जा सकता है. हाल में सरकार ने गाड़ियों के लिए व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लॉन्च की है. ये 1 अप्रैल 2022 से लागू होनी है. इस पॉलिसी के हिसाब से 20 साल पुराने पर्सनल व्हीकल और 15 साल पुराने कमर्शियल व्हीकल को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा. अगर वो सरकार द्वारा तय मानदंड पर फिट नहीं उतरते हैं तो उन वाहन को स्क्रैपिंग के लिए भेज दिया जाएगा. हालांकि वाहन को स्क्रैप पर करने पर गाड़ी के मालिक को नई गाड़ी खरीदने के लिए कई लाभ भी मिलेंगे.
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