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Cruise Control न बन जाए खतरा! भूल कर भी न करें ये गलतियां, जान लें सही इस्तेमाल

यह फीचर ऑटोमेटिकली वाहन को कंट्रोल करता है. कार को उतनी ही स्पीड तक पहुंचने में मदद करता है, जितनी स्पीड कार के ड्राइवर द्वारा सेट की गई है. यह कार को उस गति सीमा से पार नहीं जाने देता है. यहां हम आपको क्रूज कंट्रोल के सही इस्तेमाल के बारे में बताएंगे.

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Cruise Control System
Cruise Control System

आजकल सेफ्टी फीचर्स वाले वाहनों की डिमांड बढ़ गई है. लोग कार के लुक और डिजायन के साथ-साथ उसके सेफ्टी फीचर्स को भी तरजीह देने लगे हैं. यही वजह है कि कार निर्माता कंपनियां अब सेफ्टी फीचर्स पर ध्यान देने लगी हैं. इन सबके बीच क्रूज कंट्रोल फीचर लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है. पहले ये फीचर्स सिर्फ प्रीमियम कारों में होती थी, अब सामान्य कारों भी इस विकल्प के साथ आने लगी हैं. यहां हम आपको क्रूज कंट्रोल के सही इस्तेमाल के बारे में बताएंगे.

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यह एक सिस्टम है ऑटोमेटिकली वाहन को कंट्रोल करता है. कार को उतनी ही स्पीड तक पहुंचने में मदद करता है, जितनी स्पीड कार के ड्राइवर द्वारा सेट की गई है. यह केवल वाहन को चालक द्वारा निर्धारित गति तक पहुंचने की अनुमति देता है. यह कार को उस गति सीमा से पार नहीं जाने देता है. इस सुविधा को अब किफायती हैचबैक और सेडान के टॉप-स्पेक वेरिएंट देखा जा रहा है.

भूल कर भी न करें ये गलतियां

यहां तक कि अगर आप हाईवे पर गाड़ी चला रहे हैं, तब भी क्रूज़ कंट्रोल तभी सक्रिय करें जब ट्रैफ़िक हल्का हो. वहीं, गीली सड़कों पर क्रूज कंट्रोल के इस्तेमाल से बचें. तेज बारिश हो रही है या बर्फबारी हो रही है तो इस फीचर का उपयोग ना ही करें. गीली सड़कों जैसी संभावित खतरनाक परिस्थितियों में नेविगेट करते समय, अपनी कार और उसकी गति पर पूर्ण मैन्युअल नियंत्रण रखना हमेशा स्मार्ट होता है. साथ ही अन्य कारों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें. हाई स्पीड के चलते आप खतरनाक तरीके से अन्य वाहनों के कापी करीब आ सकते हैं. करीब आने पर ब्रेक इस्तेमाल करें वर्ना आप हादसे का शिकार हो सकते हैं. इसलिए अपने पैर को ब्रेक पैडल पर रखें. जरूरत पड़ने पर तुरंत ब्रेक का इस्तेमाल करें.

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जान लें सही इस्तेमाल

>क्रूज कंट्रोल को ऑन करने से पहले चाल मैनुअली वाहन की स्पीड लिमिट सेट एक्सीलेरेशन के माध्यम से सेट करें. स्पीड की लिमिट एक निश्चित सीमा तक ही एक्सीलेरेट करें. ध्यान रखें कि इस दौरान वाहन की स्पीड दिए गए लिमिट से ऊपर ना पहुंचे. जब वाहन एक जरूरी गति तक पहुंच जाती है तो क्रूज कंट्रोल सिस्टम को ऑन करें. अधिकांश कारों में स्टीयरिंग व्हील पर ही क्रूज़ कंट्रोल बटन होता है. बटन ऑन होते गाड़ी की मौजूदा स्पीड क्रूज कंट्रोल स्पीड बन जाएगी.

>एक बार क्रूज कंट्रोल ऑन होने के बाद ड्राइवर अपना पैर एक्सीलेरेटर पैडल से अलग कर सकता है. इसके अलावा थ्रॉटल पैडल से भी ड्राइवर पैर हटा सकता है. अगर  क्रूज कंट्रोल सही तरीके से एक्टिवेट है तो  वाहन किसी भी स्थिति में एक ही गति से सड़क पर चलते हुए नजर आएगा.

>सड़क पर नजर रखें. ऐसे फीचर्स के चलते चालक लापरवाह हो जाते हैं. इससे उनका विचलित होना आसान होता है. चालक को ये सुनिश्चित करना चाहिए उनका ध्यान सड़क पर है. किसी भी समय सड़क से ध्यान नहीं हटना चाहिए वर्ना वाहन हादसे का शिकार हो सकती है.

>क्रूज कंट्रोल से लैस अधिकतर वाहन इसकी गति को एक लिमिट में सेट हो जाने के बाद भी बदलने की अनुमति देते है. हालांकि, क्रूज कंट्रोल फीचर इससे अस्थाई रूप से बंद हो जाता है. फिर चालक मैन्युअल रूप से गति तेज और कम कर सकता है.

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>क्रूज कंट्रोल वाली सभी कारों में एक फीचर बिल्ट इन होता है जो ड्राइवर के जोर से ब्रेक लगाने पर इस फीचर को ऑफ कर देता है. फिर ब्रेक पर बस एक छोटा सा टैप कार को थोड़ा धीमा करेगा. इसके बाद फिर से फिर क्रूज कंट्रोल इसे गति में वापस लाएगा. 

>अडॉप्टिव क्रूज कंट्रोल बेसिक क्रूज कंट्रोल के फंक्शन को एक कदम आगे लेकर जाता है. अडैप्टिव क्रूज़ कंट्रोल को अब अन्य कारों में भी जोड़ा जा रहा है जो इतनी प्रीमियम नहीं हैं. यह एक ऐसा फीचर था जो पहले केवल सबसे महंगी कारों पर दिया जाता था और अब धीरे-धीरे इसे बाकी कारों में भी शामिल किया जा रहा है. यह फीचर खुद की कार और उससे आगे चल रही कार के स्पीड को रडार सिस्टम और सेंसर के जरिए मैच करता है.

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