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'ब्रेक-फेल' ये एक ऐसा शब्द है, जिसे सुनते ही मन तमाम बुरी आशंकाओं से घिर जाता है. कुछ मामलों में तो लोगों के जान पर भी बन जाती है. लेकिन आखिर सड़क पर अच्छी ख़ासी चलती गाड़ी का ब्रेक फेल (Brake Fail) होता क्यों है? अगर आपको बॉलीवुड की पुरानी हिंदी फिल्में याद हैं तो... उन फिल्मों में बदले की आग में जल रहा एक विलेन अपनी दुश्मनी निकालने के लिए कार के नीचे लेटकर कुछ करता था और आगे चलकर हीरो की कार का ब्रेक फेल हो जाता था. लेकिन क्या वाकई में किसी कार का ब्रेक फेल होना इतना आसान है? और ऐसे कौन से कारण हैं जिनके चलते कार का ब्रेक फेल होता है. आज हम इस लेख इन्हीं बातों की विस्तार से चर्चा करेंगे-
ब्रेक-फेल होने के संकेत:
आज कल की कारों में वॉर्निंग लाइट्स का इस्तेमाल इमरजेंसी के लिए किया जा रहा है. कार चलाते वक्त यदि ब्रेकिंग में कोई समस्या या तकनीकी खराबी आती है तो आपको इंस्ट्रूमेंट कंसोल में ब्रेक की वॉर्निंग लाइट लाइट जलती हुई दिखेगी. हालांकि ये जरूरी नहीं है कि, जब ये लाइट जले तो आपकी कार का ब्रेक फेल हो गया है, इसका मतलब होता है कि, कार के ब्रेकिंग सिस्टम को मरम्मत की जरूरत है. इसके अलावा भी कुछ ऐसे संकेत मिलते हैं जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि, कार के ब्रेकिंग सिस्टम में कुछ समस्या है.
मिले ये संकेत तो हो जाएं सचेत:
क्यों होता है ब्रेक-फेल:
ब्रेक फ्लुइड लीकेज: कार का ब्रेक फेल होने के कुछ प्रमुख कारणों में से एक है ब्रेक फ्लुइड का लीक होना. जब चालक ब्रेक पैडल दबाता है तो ब्रेक फ्लुइड उस फोर्स या बल को ब्रेक डिस्क तक ट्रांसफर करता है जो कि कार के पहिए को स्लो करता है या रोकता है. यदि ये ब्रेक फ्लुइड (Brake Fluid) लीक करता है तो ये सिस्टम ठीक ढंग से काम नहीं करता है और चालक द्वारा लगाए जाने वाला पूरा फोर्स ब्रेक तक नहीं पहुंचता है. इसलिए लीकेज देखते ही कार की मरम्मत करवाएं.
ब्रेक सिलिंडर: ब्रेक फेल होने का दूसरा कारण खराब ब्रेक सिलेंडर है. ब्रेक सिलेंडर कार के ब्रेकिंग सिस्टम का वह हिस्सा है जहां ब्रेक फ्लुइड कंप्रेस किया जाता है, यदि सिलिंडर में खराबी आती है तो सिस्टम में पावर की कमी देखने को मिलती है और ब्रेक ठीक ढंग से फंक्शन नहीं करता है.
ब्रेक बूस्टर: एक और अन्य कारण के तौर पर ब्रेक बूस्टर को भी देखा जाता है. ब्रेकिंग सिस्टम का ये एक अहम हिस्सा होता है. जब चालक पैडल दबाता तो ब्रेक बूस्टर उत्पन्न बल को लेता है और इसे आगे बढ़ाता है. यदि यह हिस्सा खराब हो जाता है, तो आपके वाहन को धीमा करने और रोकने के लिए पर्याप्त मात्रा में फोर्स जेनरेट नहीं होगा.
ब्रेक पैड्स ओवरहीट: ज्यादा रश ड्राइविंग और बार-बार ब्रेक के इस्तेमाल के चलते ब्रेक पैड ज़्यादा गरम हो सकते हैं. इससे रोटर डिस्क को ठीक से पकड़ने की पैड की क्षमता कम हो जाती है, जिससे ब्रेक अप्लाई करने के दौरान ब्रेक ठीक समय पर नहीं लगता है. कई मामलो में ये ब्रेक फेल का भी कारण बनते हैं.
रोटर डिस्क का डैमेज होना: यदि कार का रोटर डिस्क डैमेज हो तो ये ब्रेक पैड की लाइफ को बुरी तरह प्रभावित करते हैं. इसके अलावा ठीक ढंग से ब्रेक अप्लाई करने में भी कठिनाई होती है. जब आपके ब्रेक पैड बदले जाएं तो अपने रोटर डिस्क को किसी प्रशिक्षित मैकेनिक से जांच करवाएं और जरूरत पड़ने पर उन्हें स्मूथ भी करवाया जा सकता है.
ब्रेक फेल होने पर क्या करें:
यदि दुर्भाग्यवश कार का ब्रेक फेल हो जाए तो, बिल्कुल न घबराएं. ऐसे वक्त में दिमाग को एकदम ठंडा रखें. इस दौरान अपनी गाड़ी को धीमे करने और रोकने के तरीकों पर ध्यान दें.
हैज़र्ड लाइट्स चालू करें:
यदि सड़क पर चलते हुए आपको लगे कि, कार का ब्रेक फेल हो गया है तो कार को कंट्रोल करने की कोशिश करें और इस दौरान तत्काल कार के हैजर्ड लाइट्स (Hazard Lights) को तुरंत ऑन कर दें. सड़क पर चल रहे अन्य लोगों को चेतावनी देने के लिए हॉर्न बजाते रहे हैं. हो सकता है, उन लोगों में से कोई आपकी स्थिति को समझ जाए और वाहन के रास्ते में न आए.
लगातार ब्रेक अप्लाई करें:
आमातौर पर किसी भी कार में दो ब्रेकिंग सिस्टम दिए जाते हैं. एक आगे की तरफ और दूसरा पीछे की तरफ. कार का ब्रेक पूरी तरह से तभी फेल होगा, जब ये दोनों सिस्टम काम करना बंद कर देंगे. यदि आगे या फिर पीछे दोनों में से कोई भी सिस्टम एक्टिव रहता है तो आप कार में आसानी से ब्रेक अप्लाई कर सकेंगे. इसलिए कार के ब्रेक्स को लगातार पंप करते रहें और वाहन रोकने का प्रयास करें.
गियर डाउनशिफ्ट करें:
आप कार की रफ्तार को धीमा करने के लिए इंजन ब्रेक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको एक्सलेटर पैडल को छोड़ना होगा और गियर को नीचे लाना होगा. इस दौरान इंजन कार की गति को कम करने में मदद करेगा. ऐसे में आप वाहन को सड़क किनारे ले जा सकते हैं. अगर आप मैनुअल कार चला रहे हैं तो गियर नीचे करें वहीं, यदि आपकी कार ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली है, तो एक्सलेटर को छोड़ दें और कार को निचले गियर में शिफ्ट कर दें. कुछ ऑटोमेटिक कारें आपको पैडल शिफ्टर्स के माध्यम से गियरबॉक्स को ओवरराइड करने की सुविधा भी देती हैं.
हैंड ब्रेक का इस्तेमाल:
कार को रोकने के लिए हैंडब्रेक का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए ख़ास सावधानी बरतने की जरूरत है. कभी भी तेज रफ्तार में हैंडब्रेक अप्लाई न करें नहीं तो कार पलट सकती है. अगले और पिछले ब्रेकिंग सिस्टम के अलावा आपकी गाड़ी में पार्किंग ब्रेक सिस्टम भी मौजूद होता है, जिसे हैंड ब्रेक भी कहते हैं. यह आपकी गाड़ी को धीमा करने का काम करता है. इसका इस्तेमाल तभी करें जब कार की रफ्तार कम हो.
कार का इंजन बंद न करें:
कई बार लोग घबराहट की स्थिति में सोचते हैं कि, कार का इग्निशन ऑफ कर देने से सबकुछ ठीक हो जाएगा. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है, ब्रेक फेल होने की स्थिति में कार का इंजन भूलकर भी बंद न करें. इंजन को बंद करने से आप इंजन ब्रेकिंग खो देंगे. इसके अलावा पावर स्टीयरिंग पर भी आपका नियंत्रण नहीं रहेगा. इसके अलावा स्टीयरिंग व्हील लॉक भी हो सकता है. इसलिए कार के रुकने से पहले तक आप इंजन को चालू रखें.
नोट: यहां पर ब्रेक फेल होने के कारण, लक्षण या रोकथाम के जो उपाय बताए गए हैं वो मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं. समय-समय पर अपने वाहन की सर्विसिंग और ब्रेकिंग सिस्टम की जांच करवाते रहें, ताकि किसी भी आपात स्थिति से बचा जा सके.