इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में माना जाता है कि इनकी स्पीड बहुत कम होती है. लेकिन अभी बाजार में कई ऐसी इलेक्ट्रिक कार हैं जो 160 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक तक की टॉप स्पीड देती हैं. जैसे हुंडई की कोना इलेक्ट्रिक के बारे में कंपनी का दावा है कि इसकी अधिकतम रफ्तार 167 KMPH है. तो वहीं MG ZS EV भी 140 KMPH प्रति घंटे की टॉप स्पीड देती है. बाजार में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली Tata Nexon की टॉप स्पीड भी 120 KMPH है.
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इलेक्ट्रिक कारों के बारे में तीसरा बड़ा मिथक है कि इन्हें बार-बार चार्ज करना पड़ता है और ये ज्यादा दूर नहीं जा सकती. लेकिन ये बात सच नहीं है.कई कंपनियों की इलेक्ट्रिक कार एक बार फुल चार्ज के बाद आराम से 400 किलोमीटर तक जा सकती है. यह लगभग उतना ही है जितना एक बार गाड़ी पेट्रोल या डीजल से फुल कराने के बाद जाती है. यानी आप दिल्ली से वीकेंड ट्रिप पर जयपुर या चंडीगढ़ जाना चाहें तो एक बार के फुल चार्ज में आराम से पहुंच सकते हैं. वहीं अगर बात इलेक्ट्रिक स्कूटर या बाइक की करें तो ये भी सिंगल चार्ज में 70 किलोमीटर तक जाते हैं. हुंडई का दावा है कि उसकी कोना एक बार के चार्ज में 452 किलोमीटर, MG की ZS EV 340 किलोमीटर तक और Tata Nexon 312 किलोमीटर तक जा सकती हैं.
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लोगों के बीच एक भ्रम ये भी है कि इलेक्ट्रिक कार महंगी होती है, लेकिन अगर आप कार रखने की असल लागत पर विचार करें तो लॉन्ग टर्म में इलेक्ट्रिक कार सस्ती पड़ती है. उदाहरण के लिए बाजार में महिंद्रा एंड महिंद्रा की eVerito की कीमत 10 लाख रुपये के आसपास से शुरू होती है जो एक आम हैचबैक कार के मुकाबले माना थोड़ी महंगी लगती है. लेकिन सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग तरह की सब्सिडी दे रही हैं, साथ में इलेक्ट्रिक कारों के रखरखाव और ईंधन पर आने वाला खर्च आम कारों की तुलना में काफी कम है. ऐसे में लॉन्ग टर्म में कार की लागत आपको कम पड़ती है. इतना ही नहीं अगर बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की मांग बढ़ेगी तो इनकी कीमत और कम होगी.
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इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ा सबसे बड़ा मिथक है कि इनकी चार्जिंग में बहुत वक्त लगता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर में जो 240V का आम स्विच बोर्ड होता है उससे रातभर में अपनी इलेक्ट्रिक कार को रिचार्ज कर सकते हैं. इतना ही नहीं दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में सड़कों पर जो चार्जिंग स्टेशन लगाए गए हैं वे सिर्फ आधे घंटे से लेकर एक घंटे तक में इलेक्ट्रिक कार को फुलचार्ज करने की सुविधा देते हैं. तो आप जितनी देर में किसी रेस्टोरेंट में अपना लन्च या डिनर खत्म करेंगे उतनी देर में आपकी गाड़ी पूरी तरह चार्ज हो जाएगी. इतना ही नहीं कुछ शहरों में Battery Swapping सेंटर भी बनाए गए हैं जहां कुछ ही मिनटों में अपने कार की खाली बैटरी को भरी बैटरी से बदला जा सकता है. इंडियन ऑयल ने ऐसा एक सेंटर चंडीगढ़ में खोला है.
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इलेक्ट्रिक कारों से जुड़ा एक बड़ा मिथक ये भी है कि उनकी बैटरी की कीमत बहुत अधिक है और बार-बार इन्हें बदलना होता है. लेकिन कई कंपनियां अपनी इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी पर आठ साल तक की वारंटी देती हैं. ऐसे में एक बैटरी काफी लंबे समय तक आपके ईंधन के खर्च को बचाती है. इससे वाहन की लागत लंबी अवधि में कम पड़ती है. जबकि आम कारों पर कंपनियां कुछ लाख किलोमीटर या अधिकतम 5 साल तक की ही वारंटी देती हैं. उस लिहाज से भी इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद एक अच्छा विकल्प हो सकती है.
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