गाड़ी में इंजन ऑयल का सबसे महत्वपूर्ण काम इंजन के हर हिस्से को लुब्रिकेशन यानी चिकनाहट देना है. यह इंजन के पुर्जों को सुरक्षित करता है और एक-दूसरे की रगड़ से बचाता है. अगर समय पर ऑयल ना चेंज कराया जाए तो उसमें घर्षण कम करने वाले तत्व कम हो जाते हैं और इसका इंजन पर काफी बुरा असर पड़ता है. (Photo: Getty Images)
गाड़ी में जब इंजन ऑयल की कमी हो जाती है तो इंजन के अंदर के हिस्सों को लुब्रिकेशन यानी चिकनाई नहीं मिलती है. इस वजह से ये पुर्जे एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और घर्षण की वजह से तेज आवाज आना शुरू हो जाती है. वहीं, अगर ऑयल का लेवल कम होता है तो इंजन में ऑयल प्रेशर की वजह से बैरिंग आदि की आवाज आने लगती है. साथ ही ऑयल पुराना हो जाने पर भी मोटर से आवाज शुरू आना शुरू हो जाती है.
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इंजन आपकी गाड़ी का सबसे अहम हिस्सा होता है. ऐसे में समय से ऑयल चेंज नहीं कराना उसकी लाइफ को कम करता है. आपकी गाड़ी के इंजन के पुर्जे चिकनाई के अभाव में घिसने लगते हैं और अंतत: काम करना बंद कर देते हैं. वाहन अच्छे से तब तक ही काम करेगा जब तक उसकी पूरी तरह से देखभाल होगी.
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अगर आपकी गाड़ी के इंजन में हमेशा सही मात्रा में तेल नहीं रहेगा, तो यह इंजन पर तनाव पैदा करेगा. परिणामस्वरूप इससे इंजन की ओवरहीटिंग हो सकती है. तेल उस घर्षण को कम करने में मदद करता है, जबकि कूलेंट वाहन के तापमान को नियंत्रित करता है. इतना ही नहीं इंजन ऑयल का समय से चेंज ना होना पॉल्युशन को भी बढ़ाता है क्योंकि इससे गाड़ी धुंआ भी ज्यादा छोड़ती है.
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Goodyear Lubricants के कंट्री हेड (सेल्स, मार्केटिंग एंड ऑपरेशन्स) संजय शर्मा कहते हैं कि सिर्फ पेट्रोल-डीजल के दाम में होने वाली बढ़ोत्तरी ही आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ती. बल्कि समय से इंजन ऑयल चेंज ना कराकर 300-400 रुपये बचाने की आदत जेब पर ज्यादा असर डालती है. ऐसा करने से आपकी गाड़ी ज्यादा तेल पीती है और माइलेज कम हो जाता है क्योंकि इंजन पर प्रेशर होता है. लॉन्ग टर्म में देखा जाए तो इंजन ऑयल पर बचाए कुछ सौ रुपये पेट्रोल पर अधिक खर्च के तौर पर महंगे ही साबित होते हैं. ऊपर से इंजन खराब होता है सो अलग.
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