जर्मनी की मशहूर कार निर्माता कंपनी फोक्सवैगन ने कहा है कि पॉल्यूशन टेस्टिंग में धोखाधड़ी का मामला सामने के बाद 50 लाख डीजल कारों को ठीक करने के लिए वापस मंगवाएगी.
कंपनी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रभावित कारों के मालिकों से संपर्क कर के उनकी कारें वापस मंगवाई जाएंगी.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, कंपनी इस स्कैंडल का तकनीकी समाधान अक्टूबर में अधिकारियों के सामने पेश करेगी. फोक्सवैगन ने यह भी कहा है कि दुनिया भर में उसकी करीब 50 लाख कारों की सर्विस करने की जरूरत है.
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गौरतलब है कि अमेरिकी पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी (ईपीए) ने इस महीने की शुरुआत में हुई एक जांच में पाया कि फोक्सवैन की डीजल कारें गलत पॉल्यूशन आंकड़े देती हैं.
कारों में पॉल्यूशन टेस्ट को धोखा देने वाला सॉफ्टवेयर लगाया गया है, जिसे ईपीए डिफीट डिवाइस कहते हैं. जांच के दौरान यह डिवाइस पॉल्यूशन नियंत्रण प्रक्रिया को चालू कर देता है जिससे सीमा से कम पॉल्यूशन दिखता है, लेकिन आम परिचालन में डिफीट डिवाइस वाली कारें सीमा से 40 गुना अधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन करती हैं.
इनपुट: IANS