बीते दो महीनों से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश की आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए सरकार की ओर से कॉरपोरेट टैक्स में कटौती समेत कई बड़े फैसले लिए गए हैं. लेकिन सरकार की इन कोशिशों के बावजूद ऑटो इंडस्ट्री की मंदी बरकरार है.
दरअसल, वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम ने बताया है कि सितंबर में कारों की बिक्री एक बार फिर लुढ़की है. सियाम के आंकड़ों के मुताबिक पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री 23.69 फीसदी गिर गई है तो वहीं कॉमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री में 62.11 फीसदी की गिरावट आई है.
क्या कहते हैं आंकड़े
सियाम के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में पैसेंजर्स व्हीकल्स के प्रोडक्शन में करीब 19 फीसदी की गिरावट आई है जबकि डोमेस्टिक सेल्स 23.69 फीसदी लुढ़क गया है. सितंबर के महीने में कुल 2,23, 317 पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री हुई है. जबकि 2,79,644 पैसेंजर्स व्हीकल्स का प्रोडक्शन हुआ है.
पैसेंजर्स कार
सितंबर में पैसेंजर्स कार का प्रोडक्शन 1,80,779 यूनिट रहा जबकि इसी अवधि में बीते साल इस सेगमेंट की 2,33,351 कारों का प्रोडक्शन हुआ था. इस लिहाज से 22.53 फीसदी की गिरावट आई है. वहीं पैसेंजर्स कार की डोमेस्टिक सेल्स की बात करें तो सितंबर 2019 में 1, 31, 281 कारों की बिक्री हुई है. जबकि इसी अवधि में पिछले साल 1,97,124 कार बिके थे. यानी पैसेंजर्स कार की डोमेस्टिक सेल्स में 33 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है.
यूटिलिटी व्हीकल्स
अगर यूटिलिटी व्हीकल्स के सितंबर में प्रोडक्शन की बात करें तो 2.45 फीसदी गिरावट के साथ 87 हजार 127 रही है. जबकि इसी अवधि में बीते साल 89 हजार 319 कारों का प्रोडक्शन हुआ.
वैन्स
इसके अलावा वैन्स की सितंबर के प्रोडक्शन में करीब 38 फीसदी की गिरावट आई है और यह 11 हजार 738 पर आ गया है. वैन्स के डोमेस्टिक सेल्स की बात करें तो सितंबर में 43 फीसदी की गिरावट आई है.
थ्री व्हीलर का क्या है हाल?
अगर थ्री व्हीलर यानी तीन पहिए वाहन के प्रोडक्शन और डोमेस्टिक सेल्स की बात करें तो क्रमश: 1.15 फीसदी और 3.92 फीसदी की गिरावट आई है. वहीं दो पहिया वाहनों के प्रोडक्शन में करीब 18 फीसदी की कमी आई है. इसी तरह दो पहिया वाहनों के डोमेस्टिक सेल्स में 22.09 फीसदी की गिरावट आई है.
टेंशन बढ़ाने वाले आंकड़े!
सियाम के ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब त्योहारी सीजन चल रहा है. इस सीजन को ऑटो इंडस्ट्री के लिए वरदान माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि त्योहारों के मौके पर लोग कारों की खरीदारी करना शुभ मानते हैं. बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इस बात की उम्मीद की थी कि त्योहारी मौसम में ऑटो इंडस्ट्री की सुस्ती दूर होगी.