लग्ज़री कारों के साथ-साथ वीआईपी और फैंसी नंबर प्लेट्स का भी लोगों में खूब क्रेज देखने को मिलता है. लोग इन फैंसी नंबरों की खरीदारी के लिए बड़ी से बड़ी बोली भी लगाते हैं. भारत में आरटीओ दफ्तर द्वारा भी इन नंबरों की बिक्री की जाती है. लेकिन ताजा मामला दुबई का है, जहां पे दुनिया का सबसे महंगा नंबर प्लेट बेचा गया है. इस दो अक्षरों वाले इस नंबर प्लेट की कीमत में आप सैकड़ो Toyota Fortuner एसयूवी खरीद सकते हैं.
दुबई में आयोजित एक नीलामी के दौरान एक शख्स ने अपनी कार के लिए 'P 7' रजिस्ट्रेशन प्लेट खरीदी है. इस नंबर के लिए पूरे 55 लाख दिरहम की बोली लगाई गई. जो कि भारतीय मुद्रा में कन्वर्ट करने पर तकरीबन 122.5 करोड़ रुपये के आसपास होगी. सवा सौ करोड़ रुपये की नंबर प्लेट को इस साल नीलाम होने वाली दुनिया की सबसे महंगी नंबर प्लेट माना जा रहा है. इससे पहले बुगाटी के एक कार मालिक ने "F 1" नंबर प्लेट को 132 करोड़ रुपये की कीमत में खरीदा था, जिसका नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है.
धड़कने बढ़ा देने वाली नीलामी:
नंबर प्लेट के लिए शुरुआती बोली 15 लाख दिरहम थी और सेकंड के भीतर बोली 30 मिलियन से अधिक हो गई. इसके बाद बोली कई मिनट के लिए 25 मिलियन पर स्थिर हो गई. लेकिन इसी बीच भीड़ से एक और बोली लगाई गई और इस नंबर प्लेट की कीमत 55 लाख दिरहम तक पहुंच गई. ये आखिरी बोली थी, और इसके खरीदार ने अपना नाम न उजागर करते हुए नंबर प्लेट को 55 लाख दिरहम ने खरीद लिया. इसके बाद नीलामी हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
سعادة عمر مطر المناعي المدير التنفيذي للإمارات للمزادات يعرب عن فخره بما حققه مزاد أنبل رقم الخيري الذي نظمته الإمارات للمزادات بالتعاون مع مؤسسة مبادرات محمد بن راشد آل مكتوم العالمية pic.twitter.com/ZQn4867p78
— Emirates Auction الامارات للمزادات (@emiratesauction) April 9, 2023
दान की जाएगी नीलामी की रकम:
जुमेराह में फोर सीजन्स होटल में आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन अमीरात ऑक्शन, दुबई रोड्स एंड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, एतिसलात और डू द्वारा किया गया था. इस कार्यक्रम के दौरान कई अन्य वीआईपी नंबर प्लेट और फोन नंबर की नीलामी की गई और इस नीलामी प्रक्रिया से रमजान फूड अपील के लिए लगभग 97,920,000 दिरहम यानी कि 2 अरब 18 करोड़ रुपये की रकम इकट्ठा की गई है. नीलामी में इकट्ठा की गई रकम वन बिलियन मील्स अभियान में जाएगी, जिसे वैश्विक भूख से निपटने के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है.