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लॉकडाउन नहीं फिर भी बंद हुए ऑटो कंपनियों के कारखाने, सरकार के इस फैसले का हुआ असर

कोरोना की दूसरी लहर में कुछ राज्य सरकारों ने भले लॉकडाउन लगाया हो लेकिन केन्द्र सरकार ने बार-बार नेशनल लॉकडाउन लगाने से मना किया है. लेकिन सरकार के इस फैसले के चलते कई ऑटो कंपनियों ने अपने कारखाने बंद करने की घोषणा की है और इस समय का उपयोग कारखानों का मेंटिनेंस करने में करने की बात कही है.

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बंद हुए ऑटो कंपनियों के कारखाने (सांकेतिक फोटो)
बंद हुए ऑटो कंपनियों के कारखाने (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ‘सरकार का फैसला अघोषित लॉकडाउन है’
  • देश की 5 ऑटो कंपनियों ने बंद किए कारखाने
  • कारखाना बंदी के समय होगा सालाना मेंटिनेंस

कोरोना की दूसरी लहर में कुछ राज्य सरकारों ने भले लॉकडाउन लगाया हो लेकिन केन्द्र सरकार ने बार-बार नेशनल लॉकडाउन लगाने से मना किया है. लेकिन सरकार के इस फैसले के चलते कई ऑटो कंपनियों ने अपने कारखाने बंद करने की घोषणा की है और इस समय का उपयोग कारखानों का मेंटिनेंस करने में करने की बात कही है.

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सरकार ने बंद किया ऑक्सीजन का इंडस्ट्रियल उपयोग
देश में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने तरल ऑक्सीजन के औद्योगिक उपयोग पर रोक लगा दी है. इस फैसले के बाद देश में  25 अप्रैल से उद्योगों में उपयोग होने वाली तरल ऑक्सीजन को भी मेडिकल जरूरतों के लिए उपलब्ध करा दिया गया है. हालांकि ऑटो कंपनियां ऑक्सीजन का उपयोग बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं करती लेकिन फिर भी सरकार के इस फैसले का असर उनकी सप्लाई चेन पर पड़ा है.

‘अघोषित लॉकडाउन ही है ये’
ऑटो कंपनियों के कारखानों में ऑक्सीजन का उपयोग भले ज्यादा ना होता हो, लेकिन उनके लिए कलपुर्जे बनाने वाले कारखानों में ऑक्सीजन का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है. गुरुग्राम की एक ऑटो पार्ट्स कंपनी के फ्लोर मैनेजर ने कहा, ‘‘ यह एक तरह का ‘अघोषित लॉकडाउन’ है. अगर हम ऑक्सीजन का उपयोग ही नहीं कर सकते तो कारखाने में उत्पादन ही नहीं होगा. जब तक सरकार का ये प्रतिबंध खत्म नहीं होता हमें कारखाना बंद रखना होगा. उम्मीद है कि ये फैसला एक पखवाड़े से ज्यादा का नहीं होगा.’

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देश की 5 ऑटो कंपनियों ने बंद किए कारखाने
देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने सरकार के इस फैसले से पहले ही अपने कारखानों को बंद रखने की घोषणा की थी. कंपनी ने 22 अप्रैल से 1 मई के बीच अपने कारखाने चार दिन के लिए बंद रखने का ऐलान किया था. इसके अलावा होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर, मारुति सुजुकी इंडिया, एमजी मोटर्स और टोयोटा किर्लोस्कर ने भी अपने संयंत्र बंद रखने का निर्णय किया है.

समय से पहले करेंगी मेंटिनेंस
हालांकि देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने अपने गुजरात और हरियाणा के कारखानों को बंद करने की वजह अपने द्वि-वार्षिक मेंटिनेंस को समय से पहले करना बताया है. कंपनी ने 1 से 9 मई तक अपने कारखाने बंद रखने का निर्णय किया है. जबकि पहले ये मेंटिनेंस जून में होना था. कंपनी का कहना है कि इससे देश में उपलब्ध अधिक से अधिक ऑक्सीजन को जरूरतमंदों के काम लाने में मदद मिलेगी. 

इसी तरह टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने भी अपने कर्नाटक के दोनों कारखानों को 26 अप्रैल से 14 मई और एमजी मोटर ने अपने गुजरात के कारखाने को 7 दिन के लिए बंद रखने का निर्णय किया है ताकि कोविड-19 संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके.

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होंडा मोटरसाइकिल ने भी अपने चारों कारखानों को मई के पहले पखवाड़े में बंद करने का निर्णय किया है. उसने घोषणा की है इस अस्थाई कामबंदी के समय का उपयोग वह संयंत्रों के वार्षिक मेंटिनेंस पर करेगी. जबकि उसके अन्य कार्यालयी कामकाज वर्क फ्रॉम होम के माध्यम से होते रहेंगे.

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