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Hyundai Mobis लगातार नई तकनीक और एडवांस इंजीनियरिंग के जरिए कारों की दुनिया बदलने में लगी है. हाल ही में कंपनी ने एक ई-कॉर्नर सिस्टम," (e-Corner System) टेक्नोलॉजी को पेश किया था, जिसमें कार अपनी जगह पर ही चारों तरफ घूम सकती है. आज हम हुंडई मोबिस के नेक्स्ट जेनरेशन हेडलैंप के बारे में बात करेंगे जो कि ड्राइविंग के समय रियल टाइम साइन (Signs) दिखाता है. इस हेडलैंप न केवल कार चालक बल्कि सड़क पर चलने वाले पैदल यात्रियों की भी मदद करता है. इससे रात के समय होने वाली कार दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
एचडी लाइटिंग सिस्टम, हुंडई मोबिस द्वारा विकसित, एक ऐसी तकनीक है जो सड़क की सतह पर आकृतियों और टेक्स्ट बनाती है. ये कुछ ऐसा ही है जैसे कि आप किसी प्रोजेक्टर का इस्तेमाल करते हुए देखते हैं. जिस तरह प्रोजेक्टर अपने प्रोग्राम के अनुसार सामने की सतह पर आकृति बनाता है वैसे ही ये हेडलैंप सड़क पर अकृतियों का निर्माण का ड्राइवर और सड़क पर चलने वाले पैदल यात्रियों को अलर्ट करता है.
उदाहरण के लिए, पैदल चलने वालों को सुरक्षित रूप से सड़क पार करने में मदद करने के लिए रोशनी के साथ सड़क की सतह पर क्रॉसवॉक साइन को प्रोजेक्ट करना या, ड्राइवरों के लिए कंस्ट्रक्शन (सड़क निर्माण कार्य) का साइन इत्यादि दिखाना. इससे कार चालक और पैदल यात्री दोनों को मदद मिलती है. हालांकि आज कल की आधुनिक कारों में जीपीएस नेविगेशन और हेड-अप डिस्प्ले (HUD) जैसे फीचर्स मिलते हैं जो कि चालक को इस तरह की सुविधा प्रदान करते हैं, लेकिन ये तकनीक सड़क पर चलने वाले पैदल यात्रियों की भी सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करती है.
कैसे काम करती है ये तकनीक:
एचडी लाइटिंग सिस्टम (HD Lighting) में एचडी माइक्रो-एलईडी दिया गया है जो कि लाइट का मेन सोर्स है. इसके अलावा इसमें एक डिजिटल माइक्रो मिरर डिवाइस (DMD) दिया गया है जो कि छोटे-छोटे मिरर का कलेक्शन है. ये डीएमडी एक रिफ्लेक्टर की तरह काम करता है. ड्राइवर को आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए फ्रंट सेंसर (कैमरा) और जीपीएस नेविगेशन से प्राप्त जानकारी को भी इंटिग्रेट किया जाता है और सॉफ्टवेयर की मदद से हेडलैंप सड़क पर विभिन्न आकृतियों का निर्माण करता है.
एचडी लाइटिंग सिस्टम में 0.04 मिमी की चौड़ाई के साथ लगभग 25,000 माइक्रो-एलईडी हैं, जो इंसान के बाल से भी पतले हैं. मौजूदा समय में इस्तेमाल किए जाने वाले LED हेडलैंप (80-120 एलईडी) की तुलना में यह 250 गुना अधिक है. एलईडी की ज्यादा संख्या होने के नाते ये हेडलैंप को बेहतर लाइटिंग के लिए तैयार करता है. यह लैंप को आसपास के वस्तुओं और पैदल चलने वालों का अधिक सटीक पता लगाने में भी मदद करता है.
वहीं डिजिटल माइक्रो मिरर डिवाइस (DMD) अल्ट्रा प्रेसाइस कंट्रोलर की तरह काम करता है जो कि 0.01 मिमी के माइक्रोस्कोपिक मिरर्स की मदद से लाइट को रिफ्लेक्ट करता है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एलईडी से निकलने वाली रोशनी 1.3 मिलियन डिजिटल मिरर्स (Mirrors) का उपयोग कर लाइट को प्रोजेक्ट करती है, इससे सड़क पर बेहतर और सटीक आकृतियों का निर्माण होता है.
इन स्थितियों में संकेत देगा ये हेडलैंप:
रियल टाइम और सटीक जानकारी: कैसे होगी मदद
जाहिर है कि इस तकनीकी में GPS और कैमरा सेंसर दोनों ही अहम भूमिका निभाते हैं. जो कि सड़क पर मौजूदा स्थितियों का सटीक आंकलन कर सॉफ्टवेयर को जानकारी देता है. जब कोई वाहन एक कंस्ट्रक्श एरिया (Construction Area) में पहुंचता है, तो एचडी लाइटिंग सिस्टम 15 मीटर पहले ही एक 'निर्माणाधीन' (Under Construction) साइन सड़क पर प्रोजेक्ट करता है. इतना ही नहीं, इस दौरान ये सिस्टम चालक को कार की स्पीड स्लो करने का भी संकेत देता है. इससे चालक को तत्काल आगे सड़क की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी.
कार ड्राइवर के साथ-साथ ये तकनीक सड़क पर चलने वाले पैदल यात्रियों के लिए भी काफी मददगार साबित होगी. कंपनी का दावा है कि, एचडी लाइटिंग सिस्टम पैदल चलने वालों की दुर्घटनाओं को भी काफी हद तक रोक सकता है. कार में लगा कैमरा सेंसर पैदल चलने वालों को एक दूर से ही पहचान लेता है और कार के रुकने पर सड़क पर एक वर्चुअल क्रॉसवॉक साइन प्रोजेक्ट करता है.