जी हां यह सच है, हम भले ही चटख रंगों की बात करें, कारों के मामले में भारतीय हल्के या सफेद रंग को वरीयता देते हैं. इस समय हालत यह है कि यहां दूसरी कार सफेद रंग की होती है. 'इकोनॉमिक टाइम्स' ने ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों और सर्वे रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी है.
अखबार ने होंडा कार बनाने वाली कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट ज्ञानेश्वर सेन के हवाले से लिखा है कि होंडा कारों की बिक्री का ट्रेंड देखने के बाद पता चलता है कि सफेद, सिल्वर और अर्बन टिटेनियम लोगों का पसंदीदा रंग है. इसके पीछे का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि सेकेंड हैंड मार्केट, भारत का गर्म मौसम, इसके लिए जिम्मेदार हैं.
मौसम की जहां तक बात है तो काली कारें गर्मियों में खड़े-खड़े बेहद गर्म हो जाती हैं. इसके अलावा ब्राइट कलर की कारों पर ज्यादा प्रीमियम होने का कारण भी लोग उनमें दिलचस्पी नहीं लेते. जहां तक लाल रंग की बात है तो उसे काले से ज्यादा पसंद किया जाता है.
उत्तर भारत में सफेद रंग की ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं. जेडी पॉवर के मुताबिक यहां लगभग 66 प्रतिशत लोग इस रंग को पसंद करते हैं. दक्षिण भारत में 34 प्रतिशत लोग सफेद रंग को पसंद करते हैं. यह भी दिलचस्प है कि कारों के रंग की पसंदगी कारों के सेगमेंट से भी जुड़ी हुई है. लग्जरी सेगमेंट में 61 प्रतिशत कारें सफेद रंग की होती हैं. इस सेगमेंट के लोग काले रंग को भी पसंद करते हैं और लगभग 12 प्रतिशत काली कारें खरीदते हैं.