
गर्मियों के शुरुआत के साथ ही देश भर में वाहनों में आग लगने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं. बीते कल जयपुर में महिंद्रा की फ्लैगशिप मॉडल Mahindra XUV 700 आग लगने के एक घटना सामने आई थी, जिसमें बीच सड़क ये एसयूवी धधक उठी और देखते ही देखते आग का गोला बन गई. हालांकि अच्छी बात ये रही कि, समय रहते गाड़ी में सवार लोग बाहर आ गएं जिससे यात्रियों की जान बच सकी. ऐसे ही कई मामले हैं जिसमें चलते हुए वाहनों में आग लगने की घटनाए देखने को मिली हैं.
यूं तो वाहन में आग लगने के कई कारण हो सकते हैं, मसलन, फ्यूल लीक, शॉर्ट सर्किट या बैटरी इत्यादि. लेकिन चलती हुई गाड़ी में इंजन ओवरहीट होने की समस्या आम है, जिसे यदि समय रहते रोका न जाए तो चलती हुई गाड़ी में आग लग सकती है. आज हम आपको अपने इस लेख में कुछ ऐसे ही ख़ास उपायों के बारे में बताएंगे जिससे आप इंजन के ओवरहीट होने पर भविष्य में होने वाली किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना को टाल सकते हैं.
इंजन क्यों होता है ओवरहीट:
इंजन के ज्यादा गर्म या ओवरहीट होने के कई कारण होते हैं. आम तौर पर, कूलिंग सिस्टम की समस्या के कारण कारें ज़्यादा गरम हो जाती हैं जो इंजन कंपार्टमेंट से गर्मी को बाहर नहीं जाने देतीं. ऐसा अक्सर इंजन कूलिंग सिस्टम या अन्य कंपोनेंट में कहीं रिसाव या रुकावट के कारण होता है. चूकिं इंजन कंपार्टमेंट में रबर होज़, गैसकेट और पानी के पंप जैसे कई ऐसे कंपोनेंट होते हैं जो कि समय के साथ पुराने होने पर टूटते या डैमेज होते रहते हैं. ऐसे में इनसे लीकेज की संभावना बढ़ जाती है.
कंपोनेंट्स के अलावा कुछ और अन्य कारण भी हैं जिससे ओवरहीट का खतरा बढ़ जाता है. मसलन, भीषण गर्मी के दिनों में रुक-रुक कर चलने वाला ट्रैफिक, कूलिंग सिस्टम पर काफी प्रेशर डालते हैं. हालांकि आप कार के ड्राइविंग स्टाइल में जरूरी बदलाव कर या बेहतर मेंटनेंस से कार के ओवरहीट होने वाले खतरे से बच सकते हैं. इसके लिए आपको कुछ जरूरी बिंदुओं पर ध्यान देना होगा. तो आइये जानते हैं कि यदि ड्राइविंग के समय कार का इंजन ज्यादा गर्म हो जाए तो आखिर क्या करें-
इंजन ओवरहीट के संकेत:
कार में जरूर रखें यह सामान:
1)- हीटर चालू करें:
ड्राइविंग के समय यदि आपको लगे कि इंजन ओवरहीट हो रहा है तो सबसे पहले आप कार का हीटर ऑन करें. यह आपको थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन ऑटो पार्ट्स के एक पोर्टल कारआईडी के अनुसार ऐसा करने की सलाह दी जाती है. यह इंजन के कूलिंग सिस्टम पर लोड को कम करते हुए, इंजन की गर्मी को पैसेंजर कंपार्टमेंट में भेजता है. कुछ परिस्थितियों में, यह ओवरहीटिंग को इंजन कंपार्टमेंट से दूर करने के लिए पर्याप्त हो सकता है. इसके लिए आपको कार के स्पीडोमीटर में दिए गए ओवरहीटिंग सिग्नल को देखना होगा यदि टेंप्रेचर लाइट ऐसा करने से बंद हो जाती है तो आप यह जान जाएंगे कि, ये प्रक्रिया कारगर है.
2)- बंद करें गाड़ी का इंजन:
यदि हीटर ऑन करने के बाद भी ओवरहीटिंग कम नहीं हो रही है तत्काल कार का इग्निशन (इंजन) ऑफ करें. ये इंजन को ठंडा करने का सबसे सरल उपाय है. इंजन बंद करने से पहले कार को रोड के साइड में लगाए और तत्काल कार से बाहर निकलें. संभव हो तो किसी की मदद लें या फिर रोड साइड असिस्टेंस को कॉल करें. आजकल बहुत सी वाहन निर्माता कंपनियां रोड साइड असिस्टेंस की भी सुविधा प्रदान करती हैं.
3)- इंतजार करें:
यदि आपके पास रोड साइड असिस्टेंस की सुविधा नहीं है और मौके पर कोई मदद नहीं मिल रही है तो बेहतर होगा कि आप कार के बाहर रहकर ही इंतजार करें. आमतौर पर इंजन को ठंडा होने में 15 से 20 मिनट का वक्त लगता है. इस दौरान भूलकर भी कार का बोनट खोलने की गलती न करें, क्योंकि कूलेंट का तापमान अधिकतम 230 डिग्री तक जा सकता है. ऐसे में कूलेंट के लीकेज से या उससे उठने वाले गर्म भाप से आपको नुकसान हो सकता है. ध्यान रखें कि, आपकी व्यक्तिगत सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिए कम से कम 15 से 20 मिनट तक इंतजार करें. इससे हुड, इंजन और लीकिंग कूलेंट को ठंडा होने का समय मिलेगा.
4)- कूलेंट का इस्तेमाल:
अलगे स्टेप के लिए आपके पास कुछ जरूरी टूल और एक्स्ट्रा कूलेंट का होना बेहद आवश्यक है. लेकिन इस प्रक्रिया की सलाह तभी दी जाती है जब आपको थोड़ी बहुत मैकेनिकल जानकारी हो, अन्यथा आप किसी स्थानीय मदद की तलाश करें. जब आपने कम से कम 15 मिनट तक प्रतीक्षा कर लिया है तो आप हुड यानी कि कार के बोनट को स्पर्श कर के इस बात की तस्दीक करें कि बोनट ठंडा हुआ है या नहीं.
बोनट खोलने से पहले दस्ताने पहनें, हुड खोलें, और रेडिएटर कैप को खोलने की प्रक्रिया शुरू करें. यदि आवश्यक हो तो ओनर मैनुअल से सलाह लें. रेडिएटर कैप को पहले तौलिए से ठकें और बहुत ही सावधानी से धीमें-धीमें खोलें, ध्यान रखें कि गर्म होने के चलते कूलेंट में रिसाव हो सकता है. फिर रेडिएटर कैप को पूरी तरह से खोलने के बाद धीरे-धीरे कूलेंट - आधा पानी, आधा एंटीफ्ऱीज़ को लिक्विड के फुल लाइन तक भरें. कैप को बंद करने के तकरीबन 5 मिनट के बाद इंजन को ऑन करें. इस दौरान देखें कि, कार के स्पीडोमीटर के पास दी जाने वाली टेंप्रेचर सिग्नल लाइट बंद हुई या नहीं. यदि वार्निंग लाइट बंद हो चुकी है इसका अर्थ है कि आप आगे बढ़ सकते हैं. यदि लाइट फिर भी जल रही है तो किसी स्थानीय मैकेनिक की मदद लें.
5)- सर्विस स्टेशन पर जाएं:
कूलेंट डाल देने भर से आपकी समस्या का समाधान नहीं हो जाता है, ये महज एक टेम्परेरी उपाय है. इसलिए कूलेंट डालने के बाद तत्काल अपने वाहन को सर्विस स्टेशन लेकर जाएं और एक पेशेवर को आपकी कार के कूलेंट सिस्टम की जांच करने को कहें. इस दौरान वाहन चलाते समय टेंप्रेचर गेज पर नज़र रखें यदि वार्निंग लाइट जलती है तो तत्काल इंजन बंद करें.
डिस्क्लेमर: यहां पर ओवरहीटिंग से बचने के लिए जो टिप्स दिए गए हैं वो बेसिक और टेम्परेरी उपाय हैं, हालांकि इंजन ओवरहीट होने पर आप मैकेनिक या अधिकृत सर्विस स्टेशन से सलाह लें और जरूरी हो तो अपने वाहन की जांच करवा कर उसकी मरम्मत करवाएं.