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Toyota Camry: प्रदूषण कम बचत ज्यादा! गडकरी ने कहा जल्द आ रही है फ्लेक्स-फ्यूल कार, जानें क्या है इसमें ख़ास

Toyota Camry Flex-Fuel वेरिएंट पहले से ही ब्राजील जैसे देशों में बिक्री के लिए उपलब्ध है. अब इसे भारत में भी लॉन्च करने की तैयारी हो रही है. टोयोटा के अलावा मारुति सुजुकी ने भी बीते ऑटो एक्सपो के दौरान अपनी मारुति वैगनआर के फ्लेक्स फ्यूल वेरिएंट को पेश किया था.

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सांकेतिक तस्वीर: Toyota Camry flex-fuel
सांकेतिक तस्वीर: Toyota Camry flex-fuel

देश में नई फ्लेक्स-फ्यूल कार लॉन्च को तैयार है. ये कार पूरी तरह से इथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन पर चलेगी. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि वह अगस्त 2023 में भारत में टोयोटा कैमरी का फ्लेक्स-फ्यूल वेरिएंट लॉन्च करेंगे. फ्लेक्स-फ्यूल में अलग तरह का इंजन और मैकेनिज्म इस्तेमाल किया जाता है जो कि इथेनॉल फ्यूल पर चलती हैं. टोयोटा के अलावा मारुति सुजुकी ने भी बीते ऑटो एक्सपो के दौरान अपनी मारुति वैगनआर के फ्लेक्स फ्यूल वेरिएंट को पेश किया था. 

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बीते साल 2022 में, गडकरी ने फ्लेक्स-फ्यूल टोयोटा की एक और मॉडल Corolla Altis को हरी झंडी दिखाई थी, जिसे बायो फ्यूल पर चलने वाली कारों के व्यवहार्यता देखने के लिए पेश किया गया था. केंद्रीय मंत्री के अनुसार, प्रदूषण के स्तर और बड़ी मात्रा में ईंधन आयात पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए वैकल्पिक ईंधन की ओर बढ़ना समय की मांग है.

Toyota Camry

बता दें कि, Toyota Camry इंडियन मार्केट में पहले से ही स्ट्रांग हाइब्रिड वेरिएंट में बिक्री के लिए मौजूद है. इसमें पारंपरिक पेट्रोल इंजन के साथ इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल किया गया है जो कि एक प्रीमियम सेडान होने के बावजूद तकरीबन 21.1 किलोमीटर प्रतिलीटर तक का माइलेज देती है. अब इस सेडान के नए फ्लेक्स-फ्यूल वेरिएंट को लॉन्च किया जा रहा है ऐसे इससे ज्यादा बेहतर रेंज की उम्मीद की जा रही है. 

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ब्राजील जैसे देशों में, कैमरी फ्लेक्स-फ्यूल वेरिएंट पहले से ही बिक्री के लिए उपलब्ध है, क्योंकि यहां पर यहां पर इथेनॉल बेस्ड फ्यूल का चलन है. दिलचस्प बात ये है कि फ्लेक्स-फ्यूल से चलने वाली कारों की लागत इलेक्ट्रिक कारों के समान ज्यादा उंची नहीं होगी. कंपनी इसमें मामूली बदलाव कर इसे बाजार में उतारेगी. दरअसल, फ्लेक्स-फ्यूल मॉडल में सबसे बड़ा बदलाव इंजन कंपार्टमेंट में ही किया जाता है. यह भी माना जा रहा है कि, संभव है कि फ्लेक्स-फ्यूल कैमरी स्ट्रांग हाइब्रिड कैमरी की तुलना में अधिक किफायती हो, जिसकी कीमत 45.71 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) से शुरू होती है. 

क्या होता है Flex-Fuel: 

फ्लेक्स फ्यूल, गैसोलीन (पेट्रोल) और मेथनॉल या इथेनॉल के मिश्रण से बना एक वैकल्पिक ईंधन है. फ्लेक्स-ईंधन वाले वाहन के इंजन एक से अधिक प्रकार के ईंधन पर चलने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं. इंजन और फ्यूल सिस्टम में कुछ संशोधनों के अलावा, ये वाहन रेगुलर पेट्रोल मॉडलों जैसे ही होते हैं. बता दें कि, यह कोई नई तकनीक नहीं है, कार बाइबल्स के अनुसार इस तकनीकी की शुरुआत पहली बार 1990 के दशक में हुई थी और बड़े पैमाने पर इसका प्रयोग 1994 में पेश की गई फोर्ड टॉरस में देखने को मिला था. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि, साल 2017 तक, दुनिया की सड़कों पर लगभग 21 मिलियन फ्लेक्स-फ्यूल वाहन थें.

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कैसे बनता है ये फ्यूल:

फ्लेक्स फ्यूल का उत्पादन भारत के लिए चिंता का विषय नहीं है, क्योंकि इसे गन्ने, मक्का जैसे उत्पादों से बनाया जाता है, और भारत में पर्याप्त मात्रा में इन फसलों का उत्पादन होता है. गन्ना और मक्के से बनने के कारण इसे अल्कोहल बेस फ्यूल भी कहा जाता है. इसकी निर्माण प्रक्रिया में स्टार्च और शुगर फर्मेंटेशन किया जाता है. इसके अलावा सामान्य पेट्रोल के मुकाबले इथेनॉल वाला ईंधन काफी किफायती है, जहां पेट्रोल की कीमत तकरीबन 100 रुपये के आस-पास है तो इथेनॉल की कीमत 60 से 70 रुपये के बीच देखने को मिलती है. ऐसे में यह एक बेहतर विकल्प साबित होगा.

Toyota Corolla Altis Flex Fuel

ऑटो एक्सपो के दौरान पेश की गई Toyota Corolla Altis Flex Fuel:

हाइब्रिड इंजन:

फ्लैक्स फ्यूल इंजन गाड़ियों में लगने वाले ऐसे इंजन होते हैं जो एक से ज्यादा तरह के ईंधन विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं. ऐसी कारों को चलाने के लिए पेट्रोल के साथ-साथ इथेनॉल, सीएनजी, बायो-एलएनजी और इलेक्ट्रिक पॉवर को भी ईंधन की तरह उपयोग किया जा सकता है. भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल इंपोर्ट करने वाला देश है.अपनी 85 फीसदी डिमांड को पूरा करने के लिए हम विदेशों से तेल के आयात पर निर्भर हैं. ऐसे में फ्लेक्स-फ्यूल पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता को भी कम करने में मदद करेगा. 

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कार चलाना होगा सस्ता: 

फ्लेक्स फ्यूल इंजन बेस्ड कारों को 100 फीसदी इथेनॉल से भी चलाया जा सकता है. इससे न केवल पर्यावरण को फायदा होगा बल्कि ड्राइविंग के लिए लोगों के जेब पर पड़ने वाला बोझ भी कम होगा. इस समय देश के कई हिस्सों में पेट्रोल-डीजल की कीमत तकरीबन 100 रुपये के आस-पास है, जबकि इथेनॉल की कीमत (Ethanol Price) अभी मात्र 63 रुपये से लेकर 65 रुपये प्रति लीटर है. इस तरह यह पारंपरिक ईंधनों डीजल और पेट्रोल से प्रति लीटर करीब 40 रुपये सस्ता है. यह पेट्रोल के मुकाबले 50 फीसदी तक कम प्रदूषण फैलाता है. हालांकि इथेनॉल यूज करने पर माइलेज (Ethanol Mileage) पेट्रोल की तुलना में कुछ कम हो जाती है, लेकिन इसके बावजूद भारी बचत होती है. 

केंद्रीय परिवहन मंत्री, नितिन गडकरी लगातार वाहन निर्माताओं को फ्लेक्स-फ्यूल टेक्नोलॉजी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने में लगे हैं. उन्होनें कई मौकों पर खुले मंच से Flex Fuel इंजन के इस्तेमाल करने पर जोर दिया है. इस तकनीक के माध्यम से, पेट्रोल कारें 20 प्रतिशत से 85 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित ईंधन के बीच कहीं भी चल सकेंगी. मारुति सुजुकी का कहना है कि, हमारे पास पूरी तकनीकी तैयार है, यदि बुनियादी ढांचा तैयार होता है तो हम जल्द से जल्द फ्लेक्स फ्यूल लॉन्च कर सकेंगे.
 

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