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प्राण प्रतिष्ठा की बिहार में भी जोरदार तैयारी, गाय के गोबर से तैयार हो रहे 21 हजार दीये

बिहार के मुजफ्फरपुर के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में भक्तों में गजब का उत्साह है. बघनगरी में मुखिया बबिता देवी के नेतृत्व में 20 ग्रामीण महिलाएं 21 हजार दीप गाय के गोबर से तैयार कर रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 22 जनवरी को घर- घर दीप जलाने की अपील की है.

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तैयार हो रहे हैं गाय के गोबर से बने 21 हजार दिये
तैयार हो रहे हैं गाय के गोबर से बने 21 हजार दिये

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. 22 जनवरी को रामलला को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा. राम भक्तों को इस दिन का लंबे समय से इंतजार था. बिहार के मुजफ्फरपुर के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में भक्तों में गजब का उत्साह है. बघनगरी में मुखिया बबिता देवी के नेतृत्व में 20 ग्रामीण महिलाएं 21 हजार दीप गाय के गोबर से तैयार कर रही हैं. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 22 जनवरी को घर- घर दीप जलाने की अपील की है. जिसे लेकर मुजफ्फरपुर के विशुनपुर बघनगरी में गाय के गोबर से दिए बनाए जा रहे हैं. गोबर से बने 21 हजार दिये अयोध्या भेजे जाएंगे. मुखिया ने बताया कि सकरा प्रखंड के सभी 27 पंचायत भवन पर गोबर से बने 5 दीप जलाए जाएंगे. 

21 हजार गाय के गोबर के दिये हो रहे हैं तैयार

इसके अलावा मुखिया बबिता कुमारी ने बताया कि 22 जनवरी को दीपावली मनाने की तैयारी जोरशोर से चल रही है. 20 महिलाएं गाय के गोबर से दिये बना रही हैं. 21 हजार दिये यहां अयोध्या भेजे जाएंगे. जो रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में जलाए जाएंगे. सकरा प्रखंड में 22 पंचायत है और सभी पंचायत भवन पर 22 जनवरी को गाय के गोबर से बने दिए जलाए जाएंगे.

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22 जनवरी को हर घर में जलेंगे घी के दिये

बबलू मिश्रा ने बताया कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में गाय के गोबर से बने दिये भेजने की तैयारी कर रहे हैं. 21 हजार दिनों की पैकिंग हो रही है. साथ ही हम लोग सकरा में जिन 1900 घरों से कचरा उठाते हैं उन घरों में भी दिये भेजे जाएंगे और 22 जनवरी को सभी घर में घी के दिये जलेंगे. 

बता दें, हिंदू संस्कृति में गाय के गोबर को शुद्ध और पवित्र माना जाता है. माना जाता है कि धार्मिक समारोहों में गाय के गोबर के दीये का उपयोग आशीर्वाद और समृद्धि लाता है. प्राकृतिक सामग्री - परंपरागत रूप से, गाय के गोबर के दीयों में ईंधन के रूप में घी का उपयोग किया जाता है, जो एक प्राकृतिक और शुद्ध सामग्री भी है.

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