scorecardresearch
 

आजतक पहुंचा नेपाल में उस जगह, जहां से आ रहा बाढ़ का पानी बिहार में कहर बनकर टूटा है

नेपाल में हो रही भारी बारिश बिहार में कहर बनकर टूट रही है. नारायणी नदी जो बिहार में आकर गंडक नदी बन जाती है, उसमें लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. इससे बिहार के मैदानी इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और लोगों का जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

Advertisement
X
नेपाल से बिहार की तरफ नारायणी नदी से छोड़ा गया पानी
नेपाल से बिहार की तरफ नारायणी नदी से छोड़ा गया पानी

नेपाल में लगातार हो रही मानसूनी बारिश की वजह से जन-जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. मैदानी इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं और अब नेपाल की इस बारिश की वजह से बिहार में भी बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. बिहार में बाढ़ के संकट की वजह जानने के लिए आजतक की टीम नेपाल में उस जगह पहुंची, जहां से बाढ़ का पानी बिहार में कहर बनकर टूटा है. 

Advertisement

दरअसल, बिहार में जब भी बाढ़ का संकट आता है तो सबसे पहले नेपाल के तराई इलाके में होने वाली बारिश को वजह माना जाता है. नेपाल सरकार द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण कोसी बैराज का प्रवाह तेज हो गया. नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है जिसकी वजह से त्रिवेणी घाट से नारायणी नदी उफान पर है. भारी बारिश के कारण नेपाल की कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और नारायणी नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है.

यह भी पढ़ें: बिहार में 54, UP में 43 और झारखंड में 35... कई राज्यों में कहर बनकर गिरी आकाशीय बिजली, अभी तक 100 से ज्यादा की मौत

नारायणी नदी से छोड़ा जा रहा है बिहार में पानी

नेपाल में नारायणी नदी से पानी छोड़ने की मात्रा (डिस्चार्ज) करीब 2.60 लाख क्यूसेक पर पहुंच गई है. यह वहीं नारायणी नदी है जो बिहार में आकर गंडक नदी बन जाती है और इसका डिस्चार्ज भी 2 लाख क्यूसेक से ऊपर चला गया है. बिहार के वाल्मीकिनगर में गंडक नदी में छोड़ा गया पानी 7 जुलाई से 4.40 लाख क्यूसेक था, जो बाद में घटकर 1.5 लाख क्यूसेक हो गया, लेकिन अब एक बार फिर जलस्तर बढ़ गया है.

Advertisement

नारायणी और कोसी जैसी नदियां, जिनका जल अधिग्रहण क्षेत्र नेपाल में बढ़ता है, उनमें उफान आया हुआ है. इसकी वजह से बिहार के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. नारायणी नदी बिहार के तराई इलाके में बहती है और इसकी ऊंचाई बिहार से ज्यादा है. पर्वत श्रृंखलाओं से होते हुए यह बिहार तक पहुंचती है. नेपाल में आई बाढ़ से यूपी भी प्रभावित हुआ है,खासकर नेपाल सीमा के पास पीलीभीत जैसे इलाकों में, जहां गांव जलमग्न हो गए हैं.

सहरसा में कई गांव डूबे

नेपाल के तराई इलाके में भी हो रही मूसलाधार बारिश और कोसी बैराज से छोड़े गए लगभग 4 लाख क्यूसेक पानी की वजह से कोसी नदी एक बार फिर से पूरे उफान पर है जिसके कारण सहरसा जिले के दर्जनों गांव पूरी तरीके से जलमग्न हो चुके हैं. कोसी नदी में बाढ़ के कारण लोगों को हो रही परेशानी का जायजा लेने के लिए गुरुवार को आजतक की टीम सहरसा जिले के नवहटा प्रखंड के असई गांव पर पहुंची.

इलाके में हो रही लगातार बारिश और फिर कोसी बराज से छोड़े गए पानी के कारण पिछले 24 घंटे में इस गांव के साथ-साथ आसपास के दर्जनों गांवों में जलस्तर काफी बढ़ गया है जिसकी वजह से गांव के गांव और घर के घर पूरी तरीके से जलमग्न हो चुके हैं. आजतक की टीम को इस गांव पर पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ा क्योंकि सड़क मार्ग पर 4 से 5 फुट पानी भरा हुआ है और आवागमन के लिए पूरी तरीके से बंद हो चुका है.

Advertisement

ये भी पढ़ें: असम, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखंड... वो राज्य जो जुलाई में ही बाढ़ से जूझ रहे हैं, अभी मॉनसून का रौद्र रूप बाकी, 10 Video में देखें ग्राउंड के हालात

लोगों की दिक्कतें बढ़ीं

इस गांव के लोग अपने घरों में बंद होकर रह गए हैं. लोगों ने बताया कि पिछले 24 घंटे में अचानक से जल वृद्धि के कारण कोसी का पानी इनके घर में घुस चुका है और इनके पास खाने-पीने की भी दिक्कत हो गई है. बाढ़ के वक्त प्रशासन की उदासीनता के कारण भी लोगों के अंदर काफी नाराजगी देखने को मिली. असई गांव के स्थानीय प्रशांत यादव ने बताया कि गांव के लोगों को आवागमन के लिए सरकारी नाव की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है जिसके कारण उन लोगों को निजी नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. प्रशासन की तरफ से खाने-पीने की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिसको लेकर भी लोगों ने अपनी मुश्किलें बताई.

बाढ़ पीड़ितों के साथ-साथ इलाके में पशु और मवेशियों की भी हालत बहुत बुरी है और उनके लिए चारा इकट्ठा करने के लिए लोगों को नाव का सहारा लेकर ऊंचे स्थानों पर जाना पड़ता है और फिर चारा लेकर गांव आना पड़ता है.

Live TV

Advertisement
Advertisement