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Executive Officer Attack: पटना में कार्यपालक पदाधिकारी की पिटाई मामले में दर्ज हुई क्रॉस FIR, आरोपी अभी भी गिरफ्त से बाहर

पटना में कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह की पिटाई के मामले में आरोपी पक्ष की ओर भी क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसमें कहा गया है कि दूसरे पक्ष की ओर से गोली चलाई गई थी, जो नाक को छूते हुए निकल गई, जिसकी वजह से जख्म हो गया. पुलिस ने इस मामले में रंजन कुमार को गिरफ्तार किया है.

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बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का दावा किया. इसके 24 घंटे से अधिक समय बाद भी कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह की गंभीर हालत के लिए जिम्मेदार ठहराए गए उनके रिश्तेदार पटना पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. इस घटना के बाद बिहार की सियासत गर्मा गई है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी तनुज यादव पर एक सरकारी अधिकारी को पीटने का आरोप है. पीड़ित गोपालगंज जिले के रहने वाले अरविंद कुमार गया जिले में सरकारी अधिकारी के रूप में काम करते हैं.

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उधर, पटना पुलिस ने भी एक काउंटर केस दर्ज किया है, जिसकी शिकायत सरकारी अधिकारी की पिटाई के आरोपी पक्ष ने की थी. फरार तनुज और नयन के पक्ष ने मारपीट के आरोप में चार लोगों को नामजद के अलावा तीन-चार अज्ञात को आरोपित बनाया है. पुलिस ने रंजन की शिकायत पर काउंटर एफआईआर दर्ज की है. उसे पटना के गोला रोड इलाके में सरकारी अधिकारी पर हुए हमले में संलिप्तता की वजह से गिरफ्तार किया गया था. 

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यह लिखा है क्रॉस एफआईआर में…

रंजन कुमार ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि उसकी उम्र 23 साल है. 16 जनवरी की रात 9 बजे मुन हाईट अपार्टमेंट गोला रोड के पास अपने यार-दोस्तों के साथ खड़ा था. उसी समय अचानक मनीष कुमार सिंह पिता का नाम मुरली मनोहर सिंह, पता नासरीगंज मिथिला कॉलोनी, मनीष कुमार का संबंधी रबी सिंह राजपूत, पवन कुमार सिंह, राजीव महतो, पिता नामालुम और दो से तीन अज्ञात व्यक्ति, जिसे देखकर पहचान सकते हैं. अपनी फरचुनर गाड़ी से आए और मुझे देखकर गाली-गलौज करने लगे. 

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गाली देते हुए की अंधाधुंध फायरिंग 

जब मैंने उन्हें गाली देने से मना किया, तो वे अपनी गाड़ी आगे बढ़ाकर कुछ दूरी पर जाकर रुके. इसी बीच गाड़ी से मनीष कुमार एवं पवन कुमार अपने कमर से पिस्टल निकालते हुए गाली देते हुए मेरे तरफ अंधाधुंध फायरिंग करने लगे. गोली की आवाज सुनकर वहां इकट्ठा हुए लोगों में भगदड़ मच गई. 

मनीष कुमार और उसके साथियों ने जोर-जोर से चिल्लाकर मुझे गोली मारने के धमकी दी. इन्हीं गोली में से एक मेरी नाक को छूते हुए गुजर गई, जिससे मेरी नाक के पास जख्म का निशान बन गया है. वहां से मैं किसी तरह भागकर अपने घर आया और परिजनों को घटना की जानकारी दी. इसके बाद मेरा इलाज कराया गया, जिसकी वजह से मैं देर से आवेदन दे पा रहा हूं. 

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