महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की मुंबई में हत्या होने के बाद उनके पैतृक गांव में मातम छा गया है. बाबा सिद्दीकी गोपालगंज जिले के माझा प्रखंड के माझा शेखटोली गांव के निवासी थे. इनके पिता अब्दुल रहीम पांच दशक पूर्व ही मुंबई जाकर बसे थे और वहां घड़ी की दुकान खोली थी. यहां बाबा सिद्दीकी का बचपन गुजरा था. वह छात्र जीवन से ही कांग्रेस की राजनीति करने लगे थे.
छात्र राजनीति से जुड़ने का परिणाम यह रहा कि वे महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य बने और 2009 में मंत्री भी बने थे. फिलहाल उनके बेटे विधान सभा के सदस्य हैं. बाबा सिद्दीकी अपने पैतृक गांव यानी भोजपुरी मिट्टी प्रेम से जुड़े रहे. प्रायः साल में एक बार वह गांव आते और ग्रामीणों से मिलते थे.
युवाओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण दिला रहे
उन्होंने एक अप्रैल 2022 को माझा हाई स्कूल के गरीब छात्रों के बीच राहत राशि का वितरण किया था. वह बिहार के कई जिलों में युवाओं के लिए अपने पिता अब्दुल रहीम मेमोरियल ट्रस्ट के जरिये निशुल्क कम्प्यूटर की शिक्षा दिलवाने का आयाम पूरा कर रहे थे. इस कार्य को सफलतापूर्वक उनके भतीजे फुरकान सिद्दीकी कर रहे हैं.
बाबा सिद्दीकी को याद कर रहे ग्रामीण
शेखटोली गांव के ग्रामीणों में अब उनकी यादें रह गई हैं. अब उनके किए गए सामाजिक कामों और असहाय लोगों और युवाओं के प्रति उनकी वफादारी को ग्रामीण याद कर रहे हैं.
कांग्रेस छोड़कर जॉइन की थी NCP
बता दें कि 12 अक्टूबर की देर रात एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई के बांद्रा इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली. बिश्नोई गैंग ने सलमान खान और दाऊद गैंग के करीबियों को धमकी भी दी. उसने कहा कि ऐसे लोग अपना हिसाब-किताब रखना. बाबा सिद्दीकी का राजनीति के साथ-साथ बॉलीवुड के लोगों से काफी करीबी रिश्ता था. उनकी इफ्तार पार्टियों में बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल होती थीं. वह हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़कर एनसीपी (अजित पवार) में शामिल हुए थे.