बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष का सुसाइड केस देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. बेंगलुरु पुलिस की गिरफ्त में आई उनकी पत्नी निकिता के द्वारा अतुल के चरित्र पर उठाए गए सवालों पर इंजीनियर के भाई विकास मोदी ने कहा कि इसका जवाब हम लोग कोर्ट में देंगे. इसके साथ ही अतुल के पिता ने मृतक के बेटे की बरामदगी को लेकर समस्तीपुर जिले के पूसा वैनी थाने में आवेदन दिया है.
दरअसल, अतुल के बेटे के सुरक्षा को लेकर मृतक के माता-पिता और भाई चिंतित हैं. उनका कहना है कि वह अतुल के बेटे की कस्टडी चाहते हैं ताकि उसको पढ़ा लिखाकर अतुल जैसा सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना सकें. इसको लेकर अतुल के पिता पवन मोदी ने पूसा वैनी थाना में पोते की कस्टडी के लिए आवेदन दिया है. वह इसको लेकर कानूनी सलाह भी ले रहे हैं.
अतुल के भाई विकास मोदी ने बताया कि मीडिया के माध्यम से हम गुहार लगा रहे हैं कि हमारा भतीजे की जानकारी हमें दी जाए कि वो आखिर कहां है. हमें उसको बारे में कुछ पता नहीं लग पा रहा है. इसलिए हमारे पिताजी ने थाने में एक आवदेन दिया है कि हमारा भतीजा कहां है? किस हालात में इसकी जानकारी मिल सकें. इसके साथ ही न्याय प्रक्रिया के तहत हम लोगों को उसकी कस्टडी दी जाए. क्योंकि हम लोग उसे लेने के लिए तैयार हैं. कोर्ट की जो भी प्रकिया हो सकती है वो हम अपने लीगल टीम के साथ कर रहें है.
निकिता के आरोपों पर अतुल के भाई ने दिया ये जवाब
अतुल सुभाष पर निकिता के द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के सवाल पर अतुल के भाई विकास मोदी ने कहा कि हमें कई जगहों से पता चल रहा है, जो भी उसने बयान दर्ज कराया है, वो कोर्ट में उपलब्ध है. हमारे पास भी सभी साक्ष्य हैं. निकिता के आरोप लगाने से या पुलिस को बयान देने से नहीं होगा. जब भी हम लोगों को सबूत पेश करने की जरूरत होगी तब हम लोग सबूत देंगे. हमें खबर मिली है कि निकिता ने चरित्र और रुपये को लेकर आरोप लगाए हैं, इसकी गंभीरता पर कोर्ट निर्णय लेगी. हम सबूत देने के लिए तैयार हैं कि क्या सच है, क्या गलत है.
कानून में बदलाव की मांग की
उन्होंने कहा कि हमारे देश के कानून में जो गलत है उसकी वजह से मेरे भाई ने आत्महत्या की है. ऐसे कई अतुल सुभाष बनने वाले हैं, उनके स्पोर्ट में मेरी मुहिम जारी रहेगी. जब तक मेरे भाई को इंसाफ नहीं मिलेगा, मेरी मुहिम चलता रहेगी. अभी तक किसी भी राजनीतिक दलों का इस पर कुछ कमेंट नहीं आया है, ऐसा लगता है कि उनके लिए अतुल सुभाष कोई मायने नहीं रखता है. मैंने देखा है कि अतुल सुभाष के बाद कई और लोगों ने सुसाइड किया है, इसलिए राजनीतिक दलों का फर्ज बनता है कि इस कानून में बदलाव किया जाए. अगर कानून में बदलाव नहीं किया गया तो लोग शादी करने से भी डरने लगेंगे.