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'नौकरी से निकालने की देते थे धमकी...' नोट लिखकर फाइनेंस कर्मी ने की आत्महत्या, वर्क प्रेशर के चलते उठाया कदम

बगहा मे एक निजी बैंक के फाइनेंस एंप्लाई द्वारा खुदकुशी करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि नौकरी पर टारगेट पूरा नहीं कर पाने के कारण उसने खुद की जान ले ली. शख्स ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है.

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'नौकरी से निकालने की देते थे धमकी...' नोट लिखकर फाइनेंस कर्मी ने की आत्महत्या (सांकेतिक तस्वीर)
'नौकरी से निकालने की देते थे धमकी...' नोट लिखकर फाइनेंस कर्मी ने की आत्महत्या (सांकेतिक तस्वीर)

बिहार के बगहा मे एक निजी बैंक के फाइनेंस एंप्लाई द्वारा खुदकुशी करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि नौकरी पर टारगेट पूरा नहीं कर पाने के कारण उसने खुद की जान ले ली. घटना चौतरवा थाना क्षेत्र के मुख्य चौक की है.मृतक कि पहचान पश्चिम चंपारण के सिरिसिया थाना क्षेत्र के सिरसिया गांव के उज्ज्वल कुमार के रूप में हुई है. इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई. पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उज्ज्वल ने अपनी मौत के लिए बैंक के अत्यधिक टार्गेट प्रेशर के चलते मेंटल स्ट्रेस को जिम्मेदार ठहराया है.

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पुलिस द्वारा बरामद सुसाइड नोट में उज्ज्वल ने लिखा कि- 'मैं थक चुका हूं, अब सहन नहीं होता, बैंक प्रबंधन द्वारा लगातार टार्गेट पूरा करने का दबाव बनाया जा रहा था. अगर वह समय पर पूरा नहीं कर पाता, तो डांट-फटकार मिलती थी. सैलरी रोकी जाती  थी और नौकरी से निकालने की धमकी भी दी जाती थी.' इसी मानसिक तनाव के कारण उसने यह कदम उठाने का फैसला किया.

इधर,उज्ज्वल के परिजनों ने बैंक प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसे जानबूझकर इतना दबाव में डाला गया कि उसने आत्महत्या कर ली.  उनके अनुसार, बैंक अधिकारी कर्मचारियों पर टार्गेट पूरा करने के लिए अत्यधिक दबाव डालते हैं, जिससे वे मानसिक रूप से परेशान हो जाते हैं.
 
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. सुसाइड नोट को सबूत के रूप में रखा गया है और बैंक अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है.इस संबंध में थानाध्यक्ष ने बताया कि सुसाइड नोट को महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में लिया गया है और मामले की गहन जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि परिवार की शिकायत और जांच के आधार पर दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि,अब तक बैंक प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

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घटना के बाद से माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के दबावपूर्ण माहौल पर सवाल उठ रहे हैं. यह पहली बार नहीं है जब बैंकिंग और माइक्रो फाइनेंस सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों पर टार्गेट प्रेशर का असर पड़ा हो। इससे पहले भी कई मामलों में कर्मचारियों के मानसिक तनाव और आत्महत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

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