बिहार के मुजफ्फरपुर में सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती कर यौन शोषण और फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस गैंग के लोग फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर काम की तलाश करने वाली लड़कियों को अपना शिकार बनाते थे. इतना ही नहीं उन्हें लोगों को फोन पर ठगने की ट्रेनिंग देकर दूसरे लोगों को भी शिकार बनवाते थे. एक पीड़ित लड़की ने बताया कि उसे मजबूर किया गया और यौन शोषण कर जबरन गर्भपात कराने से लेकर शादी करने तक के लिए प्रताड़ित करते थे.
मुजफ्फरपुर में चिटफंड गिरोह के सदस्य तिलक प्रताप सिंह ने इन लड़कियों को फिल्मी कहानी की तरह जालसाजी में फंसाया और उनकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी. मामला सामने आने के बाद अहियापुर थाना में एफआईआर दर्ज की गई है. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
लड़िकियों को देते थे फ्रॉड कॉल करने की ट्रेनिंग
रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी ने जून 2022 में फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर एक लड़की से दोस्ती की और फिर उसे नौकरी दिलाने का झांसा देकर अपने जाल में फंसा लिया. फिर उसे छपरा से मुजफ्फरपुर बुलाकर उससे नौकरी के नाम पर 20 हजार रुपये हॉस्टल और खाने के नाम पर ले लिया. इसके बाद पीड़ित को फ्रॉड कॉल करने के लिए ट्रेनिंग देकर उसे एक ऑफिस में बिठा दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी द्वारा उसे हर दिन कम से कम 50 लोगों को कॉल करने लिए कहा जाता था. इसी दौरान आरोपी पीड़िता का यौन शोषण भी करता था और प्रग्नेंट होने पर उसका गर्भपात करा देता था. इसके बाद जब एक दिन दफ्तर में छापा पड़ा तो आरोपी उसे लेकर वहां से भाग निकला और जबरन शादी करने के लिए उसे प्रताड़ित करता रहा.
किसी तरह लड़की एक दिन उसके चंगुल से फरार होकर अपने घर पहुचं गई जिसके कुछ दिनों बात उसने थाने में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद भी आरोपी ने दबाव बनाकर उसे अपने पास बुलाया और मोबाइल फॉर्मेंट कर केस खत्म करवाने के लिए उसे लेकर मुजफ्फरपुर कोर्ट पहुंच गया. मौका देखते ही लड़की फिर वहां से भाग निकली.
डीबीआर नाम की फर्जी कंपनी बनाकर लड़कियों को जाल में फंसाया
जांच में सामने आया कि इस गिरोह के द्वारा डीबीआर नाम की फर्जी मार्केटिंग कंपनी बनाकर सोशल मीडिया पर नौकरी दिए जाने का पोस्ट शेयर किया जाता था और कहा जाता था कि ये जॉब सिर्फ लड़कियों के लिए है. इसमें संपर्क करने के साथ ही अच्छी सैलरी देने का झांसा भी दिया जाता था.
नौकरी की चाहत में कई लड़कियों ने दिए गए नंबर पर संपर्क किया तो वो इनके बिछाए जाल में फंसती चली गईं. इसके बाद पीड़िता कोर्ट की शरण में पहुंची. कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई और उसमें डीबीआर कंपनी के सीएमडी मनीष सिंह, तिलक सिंह के अलावा इनामुल अंसारी, अहमद रजा, विजय कुशवाहा, कन्हैया कुशवाहा, हृदय आनंद सिंह, मोहम्मद इरफान समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया गया.
पीड़िता ने सुनाई आपबीती
पीड़ित लड़की ने अपनी पूरी आपबीती साझा करते हुए बताया की फेसबुक के माध्यम से तिलक कुमार नाम के युवक से संपर्क हुआ था. उसने बताया था कि यह नौकरी दवाई से जुड़ी हुई है. खाने और रहने की व्यवस्था के नाम पर 20 हजार रुपये ले लिए गए और एक ही फ्लैट में लड़के-लड़कियों को साथ रखा गया, वहां कोई हॉस्टल नहीं था. इसके बाद तीन महीने तक फ्रॉड कॉल करने की ट्रेनिंग दी गई और बखरी स्थित कंपनी में छापा मारने के बाद आरोपी उसे हाजीपुर कार्यालय में ले गए.
वहां भी सैलरी नहीं दी गई और बताया गया कि उसे कंपनी में शेयर होल्डर बना दिया गया है. 200-250 लड़कियों को कंपनी से जोड़ने पर 50 हजार रुपये सैलरी का झांसा दिया गया. इसके बाद उसके साथ आरोपियों ने यौन शोषण किया और शादी के लिए भी दबाव बनाया. ऐसा नहीं करने पर उसे काफी प्रताड़ित भी किया गया.
वहीं अब इस मामले को लेकर डीएसपी विनीता सिन्हा ने बताया कि यह मामला दो साल पहले का है. डीबीआर कंपनी है जो लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर गलत काम करवाती थी. मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है. जो भी साक्ष्य होंगे उसके आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.