नीतीश कुमार बिहार के 9वीं बार मुख्यमंत्री बने हैं. उन्होंने 28 जनवरी को बीजेपी-HAM के साथ मिलकर नई कैबिनेट बनाई है. अब सीएम को बहुमत भी साबित करना होगा. इसके लिए 12 फरवरी की तारीख तय की गई है. सीएम नीतीश को विधासभा में साबित करना होगा कि उनकी नई सरकार बहुमत में हैं. उन्होंने बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन में नई कैबिनेट बनाई है, जिसका आने वाले दिनों में विस्तार किया जाएगा.
नीतीश कुमार ने 8 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की 28 जनवरी को शाम 5 बजे शपथ ली थी. विजय सिन्हा (डिप्टी सीएम), सम्राट चौधरी (डिप्टी सीएम), विजय कुमार चौधरी, डॉ. प्रेम कुमार, ब्रिजेंद्र प्रसाद यादव, सुमित कुमार सिंह, संतोष कुमार, श्रवण कुमार नीतीश की नई कैबिनेट का हिस्सा हैं. इनमें सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सीएम नीतीश के बड़े विरोधी माने जाते हैं.
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बिहार विधानसभा में क्या है सीटों का गणित?
बिहार विधानसभा में जनता दल यूनाइटेड के एनडीए गठबंधन में शामिल हो जाने से सत्ता पक्ष के पास फिलहाल 128 विधायक हैं. 2022 में एनडीए से किनारा करके नीतीश कुमार ने राजद के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. 78 विधायकों के साथ विधानसभा में बीजेपी दूसरे सबसे बड़ी पार्टी है. जदयू के पास फिलहाल 45 विधायक हैं और जीतनराम मांझी की पार्टी HAM के चार विधायक हैं.
243 सीटों वाले विधानसभा में राजद के पास 79 विधायक हैं और विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है. वहीं कांग्रेस के पास 19, सीपीआई (एम-एल)+सीपीआई+सीपीआई (एम) के पास 16 विधायक हैं. मसलन विपक्ष के पास कुल संख्या बल 114 विधायकों का है और एक विधायक एआईएमआईएम के पास है.
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बिहार विधानसभा में विपक्ष की संख्या
राजद- 79 विधायक
कांग्रेस - 19
सीपीआई (एम-एल) - 12
सीपीआई-2
सीपीआई (एम) - 2
एआईएमआईएम - 1
एनडीए गठबंधन के पास बिहार विधानसभा में संख्या
बीजेपी- 78 विधायक
जद(यू)-45
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) - 4
निर्दलीय विधायक- 1