सारण जिले में आज एक ही दिन में दो पुलों के गिरने की खबर आई है. दोनों पुल एक ही इलाके में एक दूसरे से बमुश्किल 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. पहला पुल जनता बाजार थाना क्षेत्र के ढोढ़ नाथ मंदिर के पास गंडक नदी पर स्थित था, जो पानी का तेज़ बहाव नहीं झेल सका, जिससे नदी की तेज धारा में पुल का एक पिलर बह गया. इस पुल का निर्माण वर्ष 2004 में तत्कालीन विधायक धूमल सिंह के अनुशंसा पर बनाया गया था.
वहीं दूसरा पुल महज इस पुल से बमुश्किल 1 किलोमीटर पर स्थित है. यह पुल भी गंडक नदी पर ही स्थित है. ग्रामीणों के अनुसार इस पुल का निर्माण अंग्रेजी शासन काल में हुआ था. इसकी उम्र लगभग 100 वर्ष से भी ज्यादा बताई जा रही है.
यह पुल भी मानसून की पहली जोरदार बारिश से नदी में हो रहे तेज बहाव को नहीं झेल सका और नदी में समा गया. इसके गिर जाने से पुल के दोनों ओर बसे गांव से लोगों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकार ने बड़ी-बड़ी मशीनों से नदी की गाद की सफाई की गई थी. जिसमें मिट्टी की कटाई की गई थी. इस कटाई में पुल के पिलरों के पास की भी मिट्टी काट दी गई थी. इसी कारण पानी के तेज बहाव में पिलर की मिट्टी भी बह गई, जिससे पुल गिर गया.
स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि ब्रिटिश कालीन पुल होने के कारण हमलोगों ने इस पुल के स्थान पर नया पुल बनाने के लिये कई बार मांग की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. इस पुल के गिर जाने के बाद सारण, धमसर, बनपुर लतीफ, पंडितपुर, बदरजमीन आदि गांवों का संपर्क भंग हो गया है. लहलादपुर का यह क्षेत्र सारण व सीवान की सीमा पर स्थित है.
इस वजह से दोनों ही जिलों के करीब दो दर्जन गांवों के लोग जरूरत की चीजें खरीदने के लिये इन्हीं पुलों के माध्यम से आवागमन करते रहे हैं. अब यह पुल गिर गया तो स्थानीय दुकानदारों का बिजनेस भी प्रभावित होने की संभावना है. बच्चों का स्कूल जाना ,बीमार पड़ने पर इलाज के लिए अस्पताल आदि जाना भी मुश्किल हो गया है.
लहलादपुर के सीओ शम्मी कुमार ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में दो पुल गिरने की सूचना है. दोनों पुल गंडकी नदी पर बने हुए थे. पहला पुल बाबा ढोढ़नाथ मंदिर के पास जनता बाजार का गिरा उसके बाद दूसरा पुल सारण गांव के पास का गिर गया है. दोनों पुल के बीच करीब एक किलोमीटर की दूरी है.