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पिता ने 3 प्रधानमंत्रियों के साथ संभाला मंत्रालय, 5 बार मंत्री रहे, अब चिराग पासवान का मंत्री के रूप में डेब्यू

बिहार से मंत्री बनने वालों में चिराग पासवान भी एक हैं. उनकी पार्टी एलजेपीआर ने बिहार में पांच सीटों पर जीत दर्ज की है. एनडीए के सीट बंटवारे में चिराग के खाते में पांच संसदीय क्षेत्र आए थे और सभी जगह से उनके प्रत्याशी विजयी हुए. खुद चिराग पासवान ने इस बार जीत की हैट्रिक लगाई. इस बार वह हाजीपुर के सांसद बने और नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में शामिल हुए हैं. उन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.

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चिराग पासवान
चिराग पासवान

बिहार के एलजेपीआर प्रमुख और जाने माने राजनीतिज्ञ स्वर्गीय रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान को मोदी 3.0 के कैबिनेट में जगह मिली है. उन्होंने पद की शपथ लेकर मंत्री के तौर पर डेब्यू किया है. उन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. इस बार चुनाव में इनकी पार्टी ने उम्दा प्रदर्शन किया. एनडीए ने बिहार में एलजेपीआर के खाते में 5 सीट दिये थे. पांचों सीट से चिराग की पार्टी ने जीत दर्ज की. परिणाम आने के बाद चिराग ने बिना शर्त बीजेपी को समर्थन का ऐलान किया था. 

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लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने इस बार 2024 में हाजीपुर की सीट से चुनाव जीतने के साथ ही जीत की हैट्रिक बनाई. साथ ही बिहार में इस चुनाव उनकी पार्टी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. चिराग पासवान इससे पहले जमुई से लोकसभा चुनाव जीतते आए हैं. इस बार वहां से उनकी पार्टी के अरुण भारती ने चुनाव लड़ा था और विजयी भी हुए.

पिता ने छह प्रधानमंत्रियों के साथ किया था काम, 5 बार बनें थे मंत्री
चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान देश के गिने चुने सियासी शख्सियतों में एक थे. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में 11 बार लोकसभा चुनाव लड़ा और 9 बार जीते. रामविलास पासवान ने छह प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया. 5 बार केंद्र में मंत्री बने और तीन पीएम के समय मंत्रालय संभाला. ऐसे कद्दावर नेता के बेटे चिराग पासवान ने केंद्र में पहली बार मंत्री बन रहे हैं. उन्होंने अब तक तीन बार संसदीय चुनाव जीता है, लेकिन आजतक मंत्री नहीं बन पाए थे. इस बार नरेंद्र मोदी ने उन पर भरोसा जताया है. 

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रामविलास पासवान की सीट हाजीपुर से चिराग ने जीता चुनाव
राजनीति में आने से पहले चिराग पासवान बॉलीवुड में अभिनेता थे. फिलहाल वह लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष हैं. चिराग दिवंगत सांसद और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे हैं. 2019 तक वह बिहार के जमुई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे. 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार के हाजीपुर सीट से उन्होंने जीत हासिल की. इस सीट से उनके पिता रामविलास पासवान लोकसभा चुनाव लड़ते आए थे.

फिल्मों में आजमा चुके हैं किस्मत
चिराग का जन्म 31 अक्टूबर 1982 को दिल्ली में हुआ था. उन्होंने इंजीनियरिंग में स्नातक किया है. उन्होंने 2011 में कंगना रनौत के साथ एक हिंदी फिल्म मिले ना मिले हम में अभिनय किया था. फिल्मों में किस्मत आजमाने के बाद उन्होंने बिहार की राजनीति में कदम रखा और  जमुई की सीट से लोक जनशक्ति पार्टी के लिए 2014 का चुनाव लड़ा. यहां उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुधांशु शेखर भास्कर को 85,000 से अधिक मतों से हराकर पहली बार लोकसभा में पहुंचे. 

पहली बार जमुई से लोकसभा चुनाव जीते थे चिराग
इसके बाद चिराग पासवान ने 2019 के चुनाव में भी अपनी सीट बरकरार रखी. 2019 के आम चुनाव में कुल 528,771 वोट हासिल कर निकटतम प्रतिद्वंद्वी भूदेव चौधरी को हराया. चिराग पासवान को 2014 में जहां जमुई निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े थे, वहीं उनके पिता रामविलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी के माध्यम से हाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीते दर्ज की थी. 

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रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद चाचा ने छोड़ दिया था चिराग का साथ 
रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद 14 जून 2021 को पशुपति कुमार पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान की जगह खुद को लोजपा के लोकसभा का नेताघोषित कर दिया. इसके एक दिन बाद, चिराग ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज सहित 5 बागी सांसदों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया था. इसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी दो हिस्सों में गई और 2024 तक दोनों ही खुद को रामविलास पासवान का असली विरासत संभालने वाले के रूप में स्थापित करने की कोशिश करते रहे.

हाजीपुर सीट के लिए चाचा-भतीजे करते रहे थे दावा
2024 के आम चुनाव से पहले भी हाजीपुर सीट को लेकर पशुपति पारस और चिराग पासवान दोनों चुनाव लड़ने का दावा कर रहे थे. चाचा और भतीजा दोनों की पार्टी एनडीए में शामिल थी. ऐसे में काफी प्रयास के बाद 18वें लोकसभा चुनाव से पहले दोनों के बीच का गतिरोध समाप्त किया गया और चिराग पासवान की पार्टी को एनडीए ने बिहार में 5 सीट दिये, जिसपर चिराग पासवान ने जीत दर्ज कर दिखाया. 

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