बिहार में राजनीतिक संकट के बीच गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बच्चों के बीच जलेबी बांटते हुए नजर आए. इस दौरान नीतीश कुमार छोटे-छोटे बच्चों को वहां देखकर बेहद खुश भी नजर आ रहे थे.
बता दें कि देश आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी पटना में अपने आधिकारिक निवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया और राष्ट्रगान होने के बाद बच्चों और वहां मौजूद अन्य लोगों के बीच जलेबी बांटी. इस दौरान नीतीश कुमार खुद जलेबी से भरा हुआ ट्रे लेकर खड़े नजर आए.
#WATCH | Bihar CM Nitish Kumar unfurls the national flag at his residence in Patna, on #RepublicDay2024; also distributes sweets among the people there. pic.twitter.com/P13y6YDBYk
— ANI (@ANI) January 26, 2024
दिलचस्प है कि बिहार में नीतीश कुमार के एक बार फिर से पाला बदलने की अटकलें लगाई जा रही है जिसके बाद पटना में तमाम सियासी दल अपना राजनीतिक भविष्य साधने में जुटे हुए हैं. कहा जा रहा है कि आज दोपहर के बाद नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में भूचाल लाने वाला कोई फैसला ले सकते हैं.
संभावना जताई जा रही है कि नीतीश कुमार या तो एनडीए में शामिल हो सकते हैं या फिर वो बिहार विधानसभा को भंग कर लोकसभा चुनावों के साथ ही विधानसभा चुनाव कराने की अनुशंसा भी कर सकते हैं.
नीतीश के बयान से शुरू हुआ था तनाव
दरअसल बिहार में ये सियासी उठापटक जननायक और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुरी की जयंती के मौके पर केंद्र सरकार के एक ऐलान के बाद शुरू हुई. केंद्र सरकार ने दिग्गज समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया जिसके बाद बिहार के तमाम राजनीतिक पार्टियों में क्रेडिट लेने की होड़ मच गई. आरजेडी, जेडीयू और बीजेपी के नेता भिड़ गए.
इसके अगले दिन कर्पूरी ठाकुरी के जन्म जयंती के मौके पर बिना नाम लिए परिवारवाद को लेकर सीधा हमला बोला था. ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने यह हमला लालू यादव के परिवार और कांग्रेस को लेकर बोला था. इसके बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी बिना नाम लिए सोशल मीडिया पर निशाना साधा था जिसके बाद बिहार की राजनीति और गर्म हो गई.
नीतीश कुमार ने अपनी टीम से रोहिणी के ट्वीट पर जब रिपोर्ट मांगी तो कुछ ही घंटों में रोहिणी का ट्वीट डिलीट कर दिया गया. आरजेडी के साथ गठबंधन पर नीतीश कुमार ही अंतिम फैसला लेंगे.
आरजेडी किसी कीमत पर गठबंधन नहीं तोड़ना चाहती है. यही वजह है कि जब पार्टी को रोहणी आचार्य के ट्वीट के बारे में जानकारी हुई तो उन्हें कुछ ही घंटे में डिलीट करवा दिया गया. स्पीकर से लेकर प्रदेश के नेताओं से चर्चा शुरू हुई और डैमेज कंट्रोल के लिए उपायों पर भी बात हुई.