बिहार की एक अदालत में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गई, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पटना में एक सार्वजनिक समारोह में राष्ट्रगान का 'अनादर' करने का आरोप लगाया गया है. ये याचिका स्थानीय अधिवक्ता सूरज कुमार द्वारा मुजफ्फरपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पश्चिम) की अदालत में दायर की गई.
पीटीआई के मुताबिक याचिका दायर करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एडवोकेट सूरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को एक खेल आयोजन के उद्घाटन के दौरान अपने आचरण से राज्य को बदनाम किया. उन्होंने कहा कि हमने कोर्ट से अपील की है कि वह पुलिस को मुख्यमंत्री के खिलाफ बीएनएस और 'राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम' की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दे. उन्होंने कहा कि अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 25 मार्च की तारीख तय की है.
बता दें कि नीतीश कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे एक प्रोग्राम में शिरकत करने पहुंचे थे और राष्ट्रगान बजते वक्त उन्होंने अपने पास में खड़े प्रधान सचिव दीपक कुमार को बार-बार टोकना शुरू कर दिया. नीतीश कुमार राष्ट्रगान चलते वक्त कुछ बात करने की कोशिश कर रहे थे. इस दीपक कुमार बहुत असहज भी नजर आ रहे थे और इशारों में नीतीश कुमार से सावधान की मुद्रा में खड़ा होने के लिए कह रहे थे, लेकिन नीतीश इसके बाद भी दीपक कुमार को लगातार टोक रहे थे.
नीतीश के इस व्यवहार को लेकर तेजस्वी यादव के दफ्तर वाले सोशल मीडिया हैंडल से किए गए पोस्ट में कहा गया कि राष्ट्रगान का अपमान सिर्फ नीतीश कुमार ने नहीं किया बल्कि यह अपमान एक ऐसे नेता ने किया है, जो सूबे का मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ बिहार NDA का शीर्ष नेता भी है. यानी यह अपमान संयुक्त रूप से BJP-JDU और उसके सहयोगी दलों की सहमति के साथ किया गया है. उन्होंने कहा कि BJP-JDU की वजह से देश के हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख-इसाई सभी वर्गों ने इस ऐतिहासिक शर्मनाक लम्हे को जिया है, ये भी भारत के इतिहास में दर्ज हो चुका है.