अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. साथ ही सियासी बयानबाजी भी चरम पर है. इसी कड़ी में बिहार के शिक्षा मंत्री ने मंदिर के उद्घाटन को गलत बताया है. बिना किसी का नाम लिए उन्होंने कहा कि भगवान को लाने की कुव्वत (हिम्मत) किसी में नहीं, लाने का नाटक हो सकता है.
दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सीतामढ़ी में राजद कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. अपने संबोधन में उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले को जेल भेजा जा रहा है. शैतानों के खिलाफ जारी इस संघर्ष में सबको मिलकर साथ देना है.
'बिना निर्माण कार्य पूरा हुए उद्घाटन नहीं होना चाहिए'
उन्होंने कहा कि इससे देश से नफरतवाद और संप्रदायवाद भागेगा और समाजवाद, सामाजिक न्याय देश में आएगा. 22 जनवरी को राम मंदिर में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी. कहा कि शंकराचार्य से ज्यादा ज्ञान किसी 56 इंच वाले फर्जी इंसान को तो नहीं होगा. बिना निर्माण कार्य पूरा हुए मंदिर का उद्घाटन नहीं होना चाहिए.
'हाथ पकड़कर भगवान को अंदर ले जाया जा रहा है'
चंद्रशेखर ने उस मूर्ति पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा होनी है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर दिखी फोटो में भगवान का कद छोटा है. उन्हें हाथ पकड़कर अंदर ले जाया जा रहा है. भगवान को लाने की कुव्वत किसी में नहीं, लाने का नाटक हो सकता है.
22 जनवरी को होगी रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा
बताते चलें कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे. ऐसे में केंद्र से लेकर राज्य सरकार के अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त हैं. अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे.