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बिहार में जल तांडव, कोसी के कहर से कई इलाके डूबे, लोगों को बचाने उतरी SDRF की टीम

बिहार में बाढ़ ने हाहाकार मचा दिया है. कोसी नदी के रौद्र रूप धारण करने के बाद उत्तर बिहार, पूर्वी बिहार, मध्य विहार के कई जिलों और शहरों में तेजी से पानी भर रहा है. लोगों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने एसडीआरएफ की टीम उतारी है. राज्य के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि हम किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार हैं और तटबंधों को बचाने के लिए इंजीनियर 24 घंटे मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

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बिहार में बाढ़ ने मचाया हाहाकार
बिहार में बाढ़ ने मचाया हाहाकार

बिहार में कोसी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है जिस वजह से राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. कई नदियों पर तटबंध टूटने की खबरें सामने आई है जिस वजह से नेपाल सीमा से सटे इलाके जलमग्न हो गए हैं.

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अधिकारियों ने कहा कि रविवार को, सीतामढी के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में दरार आ गई, जबकि पश्चिम चंपारण में गंडक नदी के बाएं किनारे का तटबंध अत्यधिक पानी के दबाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया. इसके बाद बाढ़ का पानी वाल्मिकी टाइगर रिजर्व में प्रवेश कर गया.

राज्य जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) के एक बयान के अनुसार, 'बागमती नदी के प्रवाह और जल स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण, बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया और रसलपुर ब्लॉकों में बाएं और दाएं तटबंधों पर रिसाव हुआ है.' सीतामढी जिले के साथ-साथ शिवहर जिले के पिपराही, पुरनहिया और शिवहर ब्लॉक में भी तटबंधों के टूटने की सूचना आई है. हालांकि इंजीनियरों ने तुरंत मरम्मत कर पानी के बहाव को रोक दिया.

तटबंध टूटने पर एक्जक्यूटिव इंजीनियर सस्पेंड

तटबंधों के टूटने की वजह से बगहा में बाढ़ नियंत्रण प्रभाग के एक्जक्यूटिव इंजीनियर निशिकांत कुमार को लापरवाही और स्थानीय अधिकारियों के साथ प्रभावी ढंग से समन्वय करने में असफल रहने के बाद निलंबित कर दिया गया.

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डब्ल्यूआरडी ने स्थिति की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा, 'हम बाढ़ के खतरे को प्रबंधित करने के लिए सभी आवश्यक सावधानी बरत रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि छोटी नदियों में जल स्तर में कुछ कमी आने के बावजूद, बाढ़ से प्रभावित 16 लाख से अधिक लोगों के लिए स्थिति गंभीर बनी हुई है, अब तक किसी के मरने की सूचना नहीं है.

कोसी बैराज से छोड़ा गया 6.61 लाख क्यूसेक पानी

बता दें कि कोसी नदी पर बीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 सालों में सबसे अधिक डिस्चार्ज है. विभाग ने कहा, 'डिस्चार्च का यह स्तर हैरान करने वाला है, क्योंकि आखिरी बार 1968 में अधिकतम 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया था.

इसी तरह, गंडक पर बने वाल्मिकीनगर बैराज से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 2003 के बाद सबसे अधिक है. एहतियात के तौर पर, सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोसी बैराज के पास यातायात रोक दिया गया है.

लगातार बारिश से बिगड़े हालात

जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आश्वासन दिया कि टीमें किसी भी कटाव या खतरे पर त्वरित एक्शन लेने के लिए 24/7 आधार पर तटबंधों की निगरानी कर रही हैं. उन्होंने कहा, 'घबराने की कोई बात नहीं है; हमारी टीमें हमेशा सतर्क रहती हैं और हम किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.' रविवार को दरभंगा के वाल्मिकीनगर और किरतपुर से भी तटबंधों के ऊपर से पानी बहने की घटनाएं सामने आईं.

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पिछले दो-तीन दिनों से लगातार बारिश के बाद राज्य भर में गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा, बागमती और गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है. इसके कारण सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतरे के स्तर को छू रही हैं या खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं.

कई इलाके डूबे

अधिकारियों ने कहा कि बीरपुर और वाल्मिकीनगर बैराजों से भारी पानी छोड़े जाने के बाद, नदी का अतिरिक्त पानी पश्चिम और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया और कई अन्य जिलों के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है. पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, पटना, जहानाबाद, मधुबनी और भोजपुर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है. इन जिलों में कम से मध्यम बाढ़ का खतरा है.

पश्चिमी चंपारण के गौनाहा प्रखंड के 200 गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज में पंडई, मनियारी, हरबोड़ा, बिरहा, गांगुली, कटहा समेत दर्जन भर नदियां उफान पर हैं.  बगहा में चंपारण तटबंध का रिंग बांध टूटने से बेतिया को बगहा से जोड़ने वाले NH 727 पर पानी आने का खतरा बढ़ गया है.

लोगों को बचाने में जुटी SDRF की टीम

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चखनी से रतवल को जोड़ने वाले रिंग बांध के टूटने से कई गांवों और पंचायतों का संपर्क टूट गया है. आसपास के गांवों में फंसे लोगों को निकालने के लिए SDRF की टीम लगाई गई हैं.  प्रशासन ने रिंग बांध टूटने वाले इलाके में लोगों को जाने से रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए हैं. दरभंगा में कोसी और कमला बलान के जलस्तर में इजाफे से दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान पूर्वी, किरतपुर, घनश्यामपुर और गौड़ाबौराम प्रखंड के इलाकों में पानी फैल रहा है.
 

पीटीआई इनपुट के साथ
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