बिहार सरकार में कार्यरत तकरीबन 8 लाख से भी ज्यादा कर्मचारियों का वेतन पिछले दो महीना से रुका हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर तमाम मंत्री और विधायक तक को भी पिछले दो महीने से सैलरी नहीं मिल पाई है. अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हो गया है कि मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री विधायक और तकरीबन 8 लाख सरकारी कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिल पा रहा है?
जब इस पूरे मामले को लेकर सवाल जवाब शुरू हुआ तो पता चला कि 3 जनवरी से बिहार में वेतन और बिल के भुगतान के लिए एक नया सॉफ्टवेयर लॉन्च किया गया है, जिसका नाम है CFMS 2.0 (Comprehensive Financial Management System). मगर इस सॉफ्टवेयर के लॉन्चिंग के बाद से ही लगातार इसमें तकनीकी दिक्कत आ रही है, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री से लेकर सरकारी कर्मचारियों का वेतन रुका हुआ है और कोई भी बिल का भुगतान नहीं हो पा रहा है.
बताया जा रहा है कि 8 लाख से भी ज्यादा सरकारी कर्मचारी जिसमें 3 लाख क्षेत्रीय कर्मचारी, 5 लाख शिक्षक और 50000 संविदा कर्मी शामिल है, इन्हें दिसंबर और जनवरी महीने का वेतन अभी तक नहीं मिला है.
2019 में हुआ था शुरू
जानकारी के मुताबिक 2019 में बिहार सरकार ने पहली बार इस सॉफ्टवेयर को शुरू किया था और 3 जनवरी से इसी सॉफ्टवेयर का अपग्रेड वर्जन लॉन्च किया गया था, मगर पता चला है कि पुराने सॉफ्टवेयर में जो भी डाटा था वह नए सॉफ्टवेयर में ट्रांसफर नहीं हो पाया है और उसमें दिक्कत आ रही है, जिसके वजह से 8 लाख से भी ज्यादा सरकारी कर्मचारियों का वेतन दो महीने से रुका हुआ है.
उपमुख्यमंत्री ने किया था ठीक करने का दावा
उपमुख्यमंत्री और वित्त विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने 27 दिसंबर को इस पूरे मामले को लेकर दावा किया था कि जो भी नए सॉफ्टवेयर में तकनीकी दिक्कत आ रही थी उसको दो-तीन दिनों में ठीक कर लिया जाएगा. मगर अभी तक उस तकनीकी दिक्कत को ठीक नहीं किया जा सका है.
वित्त विभाग के आंकड़ों के मुताबिक हर महीने बिहार सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन के रूप में 6000 करोड़ रुपये ट्रांसफर करती है.